प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक में कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण पर जोर

नई दिल्ली – कृषि क्षेत्र के आधुनिकीकरण पर सभी राज्य ध्यान दें। इससे भारत आनेवाले दिनों में कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। साथ ही इस मोर्चे पर भारत का वैश्विक स्तर के नेतृत्व के तौर पर उभरेगा, यह विश्वास प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्यक्त किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की सातवीं सालाना बैठक हुई। इस दौरान चर्चा से अगले २५ साल की प्राथमिकता तय होगी और आज हम जो बीज बो रहे हैं उसके फल भारत को सन २०४७ में चखने को मिलेंगे, यह गवाही भी प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान दी।

कृषि क्षेत्रकोरोना की महामारी के बाद पहली बार सभी मुख्यमंत्री केंद्रीय प्रदेश के उप-राज्यपाल और प्रशासकों की प्रत्यक्ष मौजूदगी में नीति आयोग की बैठक हुई। इससे पहले दो साल इस बैठक का वर्चुअल आयोजन किया गया था। इस बार आयोजित बैठक में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के संकट समय में हर राज्य ने अहम योगदान दिया और इसकी वजह से देश इस महामारी को काबू कर पाया, ऐसा कहा। सीमित साधनों के बावजूद देश ने जिस तरीके से इस संकट का सामना किया उससे भारत की सांघिक ताकत का दर्शन हुआ। साथ ही भारत ने ड़टकर किसी भी चुनौती का सफलतापूर्वक मुकाबला करना मुमकिन होता है, यह संदेश विकसित देशों को दिया, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा।

साथ ही संकटों से राह निकालते हुए, आगे बढ़ते हुए आनेवाले समय में भारत को अधिक ताकतवर बनाने के लिए हमें अपनी प्राथमिकता का क्रम तय करना होगा। इससे पहले भी इस मुद्दे पर व्यापक चर्चा और मंथन हुआ है। इसी से सातवीं बैठक का प्रयोजन हुआ। देश की स्वतंत्रता के ७५ वर्ष पूरे हो रहे हैं और इस अवसर पर हमें भविष्य का भारत बनाने के लिए गहराई से चर्चा करनी होगी और इसके लिए हम यहां मिल रहे हैं। इसमें चार अहम विषय होने का बयान प्रधानमंत्री ने किया।

देश का कृषि क्षेत्र में नई उंचाई पाने का उद्देश्य है। भारत कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो, इसके लिए हम सबको साथ मिलकर काम करना होगा। कृषि क्षेत्र को आधुनिक बनाने के साथ-साथ पशुपालन और अन्न प्रक्रिया के क्षेत्र में आत्मनिर्भर होते हैं तो भारत कृषि क्षेत्र में विश्व का नेतृत्व करेगा, यह विश्वास प्रधानमंत्री ने व्यक्त किया। विविधता के पीक, दाल, तेल बीज एवं अन्य कृषि उत्पादन क्षेत्रोंमें भारत को आत्मनिर्भत बनना पडेगा। इसके लिए इस क्षेत्र का आधुनिकीकरण अहमियत रखता है। राज्यों की भूमिका इसमें अहम रहेगी, यह भी प्रधानमंत्री ने कहा।

इसके अलावा शिक्षा क्षेत्र में राष्ट्रीय नीति का कार्यान्वयन, शहरों के विकास पर ध्यान देने की ज़रूरत होने का बयान प्रधानमंत्री ने किया। साथ ही व्यापार, पर्यटन और प्रौद्योगिकी को प्रोत्साहित करने पर और आयात कम करके निर्यात बढ़ाने पर इस दौरान जोर दिया गया। वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संकलन बढ़ रहा है। इसे और बढ़ाना मुमकिन है और इससे भारत की आर्थिक स्थिति अधिक मज़बूत होगी और भारत को पांच ट्रिलियन डॉलर्स का मुकाम हासिल करना मुमकिन होगा, यह विश्वास भी प्रधानमंत्री ने इस दौरान व्यक्त किया।

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