भारत और मध्य एशियाई देशों में शिखर वार्ता होगी

नई दिल्ली – कोरोना की महामारी का खतरा बढ़ने से सेंट्रल एशियाई देशों के राष्ट्रप्रमुख गणतंत्र दिवस के समारोह पर प्रत्यक्ष उपस्थित नहीं रह पाएंगे। लेकिन, इस समारोह के लिए वे वर्चुअली मौजूद रहेंगे। इसके बाद २७ जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कजाकिस्तान, उज़बेकिस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान, किरगिज़िस्तान के राष्ट्राध्यक्षों के साथ वर्चुअल चर्चा होगी।

शिखर वार्तापांचो सेंट्रल एशियाई देशों के राष्ट्राप्रमुखों के साथ भारतीय प्रधानमंत्री की यह पहली शिखर वार्ता होगी, यह जानकारी विदेश मंत्रालय ने साझा की। भारत के सेंट्रल एशियाई देशों के साथ बढ़ रहे सहयोग और चर्चा की छबि इस बैठक में देखी जाएगी, यह विश्‍वास विदेश मंत्रालय ने व्यक्त किया। साथ ही सेंट्रल एशियाई देश भारत के विस्तारित पड़ोसी होने का दावा भी विदेश मंत्रालय के निवेदन में किया गया है।

भारत और सेंट्रल एशियाई देशों के सहयोग को नई ऊंचाई प्रदान करने के लिए आवश्‍यक कदम उठाने पर प्रधानमंत्री और सेंट्रल एशियाई देशों के राष्ट्राध्यक्ष चर्चा करेंगे। इसके साथ ही इस क्षेत्र के एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रही गतिविधियों पर भी इस बैठक में विचार-विमर्श होगा, ऐसा इस निवेदन में स्पष्ट किया गया है। इससे भारत की सेंट्रल एशियाई देशों के साथ भागीदारी अधिक मज़बूत होगी, यह विश्‍वास विदेश मंत्रालय ने इस निवेदन के ज़रिये व्यक्त किया।

पिछले महीने भारत और सेंट्रल एशियाई देशों के विदेशमंत्रियों की बैठक हुई थी। इससे भी पहले भारत ने आयोजित की हुई अफ़गानिस्तान संबंधित बैठक में भी सेंट्रल एशियाई देश शामिल हुए थे। अबतक भारत और सेंट्रल एशियाई देशों का व्यापार पाकिस्तान ने रोक रखा था। लेकिन, ईरान ने अपना छाबहार बंदरगाह इस व्यापार के लिए खुला किया हैं। इसका काफी बड़ा लाभ भारत के सेंट्रल एशियाई देशों से होनेवाले व्यापार को एवं भारत और सेंट्रल एशियाई देशों को प्राप्त होगा और यह अगले दौर में यह काफी बड़ी बात हो सकती है।

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