भारत और रशिया की मित्रता समय की कसौटी पर खरी उतरी है – रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन

नई दिल्ली – बीते कुछ दशकों के दौरान काफी बड़ी उथल-पुथल के बावजूद भारत और रशिया की मित्रता पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा है| आज भी दोनों देशों के बीच मित्रता का सहयोग अबाधित है, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की यात्रा पर आए रशियन राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन का स्वागत किया| इसी बीच, भारत एक महान शक्ति का देश है और भारत की रशिया के साथ मित्रता समय की कसौटी पर खरी उतरी है, ऐसा बयान राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने किया| दूसरे किसी भी देश के साथ नहीं किया हो, ऐसा रक्षा एवं प्रौद्योगिकी क्षेत्र में भारत रशिया के साथ सहयोग कर रहा है, ऐसा आश्‍वासक बयान राष्ट्राध्यक्ष पुतिन ने इस दौरान किया|

भारत और रशिया की मित्रताराष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन की इस भारत यात्रा की ओर पूरे विश्‍व के निरिक्षकों की नज़रें लगीं हैं| अपने एक दिन के इस दौरे में रशियन राष्ट्राध्यक्ष भारत के साथ अहम समझौते करेंगे, यह पहले ही स्पष्ट हुआ था| इसके अनुसार दोनों देशों ने तकरीबन २८ समझौते करने की जानकारी विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने प्रदान की| राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की यह भारत यात्रा काफी सफल साबित होने का दावा श्रृंगला ने किया है| भारत और चीन एवं रशिया और अमरीका के संबंधों में तनाव निर्माण होने की स्थिति में इन दो देशों के सहयोग को काफी बड़ी रणनीतिक अहमियत प्राप्त हुई है| अफ़गानिस्तान पर तालिबान ने कब्ज़ा करने के बाद रशिया की सुरक्षा के लिए भी काफी बड़ा खतरा हो सकता है| इस वजह से अफ़गानिस्तान के मसले पर भारत और रशिया का सहयोग निर्णायक साबित हो सकता है| दोनों नेताओं की चर्चा में अफ़गानिस्तान के मुद्दे पर चर्चा होने की बात स्पष्ट हुई है|

अफ़गानिस्तान का आतंकवाद के लिए इस्तेमाल ना हो, इस पर भारत और रशिया कायम हैं| अफ़गानिस्तान के साथ अन्य क्षेत्रिय मुद्दों पर हम एक-दूसरे के संपर्क में हैं, ऐसा प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्राध्यक्ष पुतिन के साथ जारी किए संयुक्त निवेदन में स्पष्ट किया| साथ ही कोरोना के दौर में भी दोनों देशों ने एक-दूसरे की सहायता की, इसकी याद प्रधानमंत्री ने ताज़ा की| साथ ही आनेवाले समय में भी रशिया के अतिपूर्वीय क्षेत्र और भारत के राज्यों के बीच सहयोग अब सच्चाई में उतर रहा है, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने इस पर संतोष व्यक्त किया| दोनों देशों का व्यापारी सहयोग २०२५ तक बढ़ाकर ३० अरब डॉलर्स तक पहुँचाने का ध्येय दोनों देशों ने तय किया है| साथ ही निवेश के क्षेत्र का सहयोग ५० अरब डॉलर्स तक पहुँचाने की तैयारी भी दोनों देशों ने की है|

इसी बीच पुतिन की इसी यात्रा में भारत और रशिया के बीच पहली ‘टू प्लस टू’ चर्चा शुरू हुई| इस दौरान बोलते समय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने नाम लिए बगैर चीन की आक्रामक सैन्य गतिविधियों को लक्ष्य किया| बेवजह भारत को उत्तरी सीमा पर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, ऐसा राजनाथ सिंह ने इस दौरान कहा| लेकिन, अपनी प्रबल राजनीतिक इच्छाशक्ति और भारतीय नागरिकों की बड़ी क्षमता के बल पर भारत इन चुनौतियों को परास्त करेगा, ऐसा विश्‍वास रक्षामंत्री ने व्यक्त किया|

इसी बीच राष्ट्राध्यक्ष पुतिन की यह भारत यात्रा और दोनों देशों की ‘टू प्लस टू’ चर्चा रशिया द्वारा चीन को दिया गया इशारा होने के दावे कुछ विश्‍लेषक कर रहे हैं| इसी कारण चीन बेचैन होने के संकेत प्राप्त हो रहे हैं और पाकिस्तान भी भारत-रशिया के सहयोग की ओर आशंका से देख रहा है| अमरीका से सहयोग करने के साथ ही भारत रशिया के साथ मित्रता बरकरार रखता है, यह भारत की विदेश नीति को प्राप्त बड़ी सफलता का दावा पाकिस्तान के पत्रकार कर रहे हैं| इस वजह से अफ़गानिस्तान की गतिविधियों का लाभ उठाकर रशिया के साथ नज़दिकीयॉं बढ़ाने की पाकिस्तान की कोशिशों को झटके लगने के दावे भी किए जा रहे हैं|

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