साउथ चाइना सी और ताइवान के क्षेत्र में चीन की जारी हरकतों पर न्यूजीलैंड की नाराज़गी

बीजिंग – साउथ चाइना सी एवं ताइवान के क्षेत्र में चीन की जारी हरकतों पर न्यूजीलैंड ने तीव्र नाराज़गी व्यक्त की हैं। न्यूझीलैण्ड की विदेश मंत्री ने हाल ही में चीन का दौरा किया। इस दौरान चीन के विदेश मंत्री एवं वरिष्ठ नेताओं से हुई चर्चा के समय विदेश मंत्री माहुता ने न्यूजीलैंड को सता रही चिंता स्पष्ट तौर पर बयान की, ऐसा न्यूझीलैण्ड के विदेश विभाग ने कहा है। इस बार झिंजियांग के उइगर वंशी एवं हाँगकाँग के मानव अधिकारों का मुद्दा भी उठाया गया, ऐसा न्यूज़ीलैण्ड के विदेश विभाग ने जारी किए निवेदन में कहा हैं।

‘साउथ चाइना सी’ के ‘नाईन डैश लाईन’ के क्षेत्र पर चीन ने अपना दावा ठोक दिया हैं। वियतनाम, फिलीपीन्स और मलेशिया का इस समुद्री एवं हवाई क्षेत्र पर बना अधिकार चीन को बिल्कुल भी मंजूर नहीं। अंतरराष्ट्रीय अदालत ने इस मुद्दे पर फिलीपीन्स के पक्ष में निर्णय भी सुनाया है और इसे चीन ने ठुकराया है। साथ ही चीन के रक्षा बल लगातार ताइवान के क्षेत्र में घुसपैठ कर रहे हैं और विभिन्न माध्यमों से ताइवान पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं।

चीन की इन हरकतों के खिलाफ अमरीका समेत पश्चिमी देशों ने आक्रामक भूमिका अपनाना शुरू किया है। ‘एशिया-पैसिफिक’ क्षेत्र के देशों ने भी चीन का दबाव ठुकराकर नाराज़गी जताना शुरू किया है। इनमें भारत के साथ ऑस्ट्रेलिया, जापान, वियतनाम जैसे देश आगे हैं। लेकिन, न्यूझीलैण्ड ने अबतक चीन को लेकर सौम्य नीति अपनाई हैं। अमरीका प्रायोजित ‘फाईव आईज्‌‍’ गुट का सदस्य होने के बावजूद न्यूजीलैंड ने चीन को लेकर अपनाई यह भूमिका आश्चर्यजनक समझी जा रही हैं। इस पृष्ठभूमि पर न्यूजीलैंड के विदेश मंत्री ने किया चीन का दौर और इसके आखिर में किए बयान ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। विदेश मंत्री नानिआ माहुता ने अपने इस दौरे में चीन के विदेश मंत्री किन गैन्ग और वरिष्ठ सलाहकार वैंग यी के साथ चीन के वरिष्ठ अधिकारी एवं उद्यमियों से चर्चा की। इश दौरान माहुता ने साउथ चाइना सी, ताइवान, झिंजियांग और हाँकगाँग का मुद्दा उठाने की जानकारी निवेदन से साझा हुई है। इसके साथ ही चीन द्वारा रशिया को मुहैया किए जा रहे हथियारों का मुद्दा भी माहुता ने उठाया है, ऐसा न्यूज़ीलैण्ड का कहना है।

चीन को मुश्किलों से घिरनेवाले मुद्दे उठाकर न्यूजीलैंड ने पहली बार खुलेआम चीन विरोधी भूमिका अपनाई दिख रही है। यह मुद्दा चीन की चुनौतियां अधिक बढ़ाएगा, ऐसे दावे विश्लेषक कर रहे हैं। इससे पहले चीन के विरोध में कुछ भी ना बोलने वाले देश अब आगे आकर स्पष्ट बयान कर रहे हैं, ऐसे संकेत न्यूझीलैण्ड की बदलती भूमिका से प्राप्त होने की बात विश्लेषक कह रहे हैं। माहुता के बयान पर चीन ने अभी कुछ भी प्रतिक्रिया बयान नहीं की हैं।

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