बढ़ती महँगाई और डॉलर की गिरावट की पृष्ठभूमि पर सोने की दरें प्रति औंस तीन हज़ार डॉलर्स तक उछालेंगी – अन्तर्राष्ट्रीय विश्लेषकों का दावा

वॉशिंग्टन/लंडन – बढ़ती महँगाई और अमरिकी मुद्रा डॉलर के मूल्य में होनेवाली गिरावट, इस पृष्ठभूमि पर सोने की दरों में लगातार वृद्धि होती दिख रही है। अगर अर्थव्यवस्था का यही रुझान कायम रहा, तो आनेवाले कुछ महीनों में सोने की दरें तीन हज़ार डॉलर्स प्रति औंस ऐसी उछाल ले सकती हैं, ऐसा अनुमान विश्लेषकों ने जताया है। शुक्रवार को अमरिकी मार्केट में सोने की दरों ने डेढ़ प्रतिशत से अधिक उछाल लेते हुए १,८१२ डॉलर्स प्रति औंस (२८.३४ ग्रॅम) ऐसी छलांग लगाई थी।

usd-inflation-gold-1पिछले कुछ महीनों में अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर इंधन, कोयला तथा एलुमिनियम की दरों में बड़ी वृद्धि हुई दिखाई दी है। उसी समय कोरोना की महामारी में लगाए गए प्रतिबंधों के कारण जागतिक सप्लाई चैन में बड़ी मुश्किलें पैदा हुईं हैं। इस कारण दुनिया के अधिकांश देशों में उत्पादों की कीमतों में वृद्धि हो रही होकर, प्रचंड महँगाई भड़की है। इन सब की गूंजें सोने के मार्केट में भी सुनाई देना शुरू हुआ है और दरों में धीरे-धीरे वृद्धि होने की शुरुआत हुई है।

इस हफ्ते में सोने की दरों में ढाई प्रतिशत की वृद्धि हुई है। अमरीका में दिसंबर महीने में हुए व्यवहारों में सोने की दरें १,८१२ डॉलर्स प्रति औंस (२८.३४ ग्रॅम) दर्ज की गई। ‘बढ़ती महँगाई और डॉलर के मूल्य में गिरावट का डर, इस कारण सोने की दरों में वृद्धि हो रही है’, ऐसी जानकारी विश्‍लेषक जिम वायकॉफ ने दी। अन्य विश्लेषकों ने भी महँगाई के मुद्दे पर गौर फरमाया होकर, सोने की माँग बढ़ने के पीछे यह सबसे अहम कारण होने की बात नमूद की।

कनाडा के ‘गोल्ड रॉयल्टी कॉर्प.’ के प्रमुख डेव्हिड गॅरोफॅलो ने यह अनुमान जताया है कि बढ़ती महँगाई का मुकाबला करने की उपाययोजना के भाग के तौर पर सोने की दरें लगभग तीन हज़ार डॉलर्स तक उछाल ले सकती हैं। इसके लिए साल नहीं, बल्कि कुछ महीने की अवधि लगेगी, ऐसा दावा भी उन्होंने किया। उनके सहयोगी रॉब मॅक्एवन ने, दीर्घकालिक माँग में ये दरें पाँच हज़ार डॉलर तक जाने की संभावना भी ज़ाहिर की है।

आन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रेडिट पॉलिसी, कोरोना के कारण बढ़ा हुआ कर्जे का बोझ और सप्लाई चैन में आनेवाली मुश्किलें इस कारण नागरिक पारंपरिक मार्गों की ओर मुड़ रहा है, इस पर मॅक्एवन ने गौर फरमाया। उसी समय सिर्फ अमरिकी डॉलर ही नहीं, बल्कि दुनिया की अन्य प्रमुख मुद्राओं के मूल्य में भी गिरावट आ रही है ऐसा उन्होंने बताया। बढ़ती महँगाई के माहौल में क्रिप्टो करेंसी की अपेक्षा सोना ही अच्छी सुरक्षा प्रदान कर सकता है, ऐसा दावा भी मॅक्एवन ने किया है।

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