‘तेजस’ का नया संस्करण ‘गेमचेंजर’ साबित होगा – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

नई दिल्ली – रक्षा सामान का देश में ही निर्माण करने के लिए ‘तेजस’ गेमचेंजर साबित होगा, यह विश्‍वास व्यक्त करके रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने ८३ तेजस विमान खरीदने के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी देने का ऐलान किया। यह रक्षा समझौता लगभग ४८ हज़ार करोड़ रुपयों का है और देश स्तर पर इतनी बड़ी राशि का समझौता पहली बार हो रहा है, यह बयान भी रक्षामंत्री ने किया। अगले दौर में तेजस भारतीय वायुसेना का आधारस्तंभ होगा, यह दावा भी रक्षामंत्री ने किया।

LCA-Tejasतेजस के ‘मार्क १-ए’ नामक प्रगत संस्करण के ८३ विमान वायुसेना को प्रदान किए जाएंगे। इनमें से दस विमान प्रशिक्षण के लिए तैयार किए जाएंगे। साथ ही ‘मार्क १-ए’ का संस्करण तैयार करने के लिए भारत ने पहले के तेजस में तकरीबन ४३ बदलाव किए हैं। यह विमान ४.५ वीं पीढ़ी के प्रगत लड़ाकू विमान होंगे और इस विमान पर वायुसेना की माँग के अनुसार ही हथियारों की तैनाती की जा रही है। इनमें हवा से हवा में हमला करनेवाले ‘अस्त्र मार्क-१’ मिसाइलकों का भी समावेश है। ‘मार्क १-ए’ को ‘एईएसए’ राड़ार और ‘बीवीआर-बियॉण्ड विज्युएल रेंज’ मिसाइल, ‘ईडब्ल्यू-इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेअर सूट’ हवा में ही र्इंधन भरने की क्षमता से तेजस का यह नया संस्करण लैस होगा।

तेजस का यह प्रकल्प देश के रक्षा उद्योग को प्रोत्साहित करेगा, यह विश्‍वास रक्षामंत्री ने व्यक्त किया। तेजस के मौजूदा संस्करण में ५० प्रतिशत भारतीय सामान इस्तेमाल हो रहा है और अगले दौर में इस विमान के निर्माण में ६० प्रतिशत भारतीय सामान इस्तेमाल किया जाएगा। इसके आगे के कुछ वर्षों में तेजस के लिए ९० प्रतिशत भारतीय सामान का इस्तेमाल होगा, यह दावा भी किया जा रहा है। ऐसा होते हुए भी तेजस का निर्माण करनेवाली ‘हिंदुस्थान एरोनॉटिक्स लिमिटेड’ (एचएएल-हल) तेजस के निर्माण को गति प्रदान कर सकेगी क्या, ऐसा सवाल कुछ लोगों ने उपस्थित किया है। फिलहाल ‘हल’ की क्षमता सालाना आठ तेजस के निर्माण की है। लेकिन, यह गति बढ़ाने के लिए ‘हल’ ने नासिक और बंगलुरू में नए प्रकल्प स्थापित किए हैं।

Rajnath_Singhइस वजह से तेजस के नए संस्करण का तेज़ी से निर्माण करके इन विमानों की वायुसेना के लिए आपूर्ति की जाएगी, यह विश्‍वास व्यक्त किया जा रहा है। ‘हल’ के इन प्रकल्पों में करीबन ५०० विदेशी कंपनियां योगदान देने के लिए शामिल हुई हैं। इस वजह से देश में बड़ी मात्रा में रोजगार निर्माण होगा, यह भी कहा जा रहा है। अगले दिनों में तेजस के अधिक प्रगत संस्करण सामने आएंगे, ऐसा भी रक्षा विशेषज्ञों का कहना है।

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