ईरान का नया परमाणु समझौता इस्रायल को खतरे में धकेल रहा है – अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषकों का दावा

जेरूसलम – बायडेन प्रशासन ईरान के साथ परमाणु समझौते के लिए जल्दबाज़ी कर रहा है| इस समझौते की बातचीत अंतिम चरण में और अहम मोड़ पर पहुँची है, यह दावा किया जा रहा है| परमाणु समझौते से बचकर आप पुरानी गलतियों को ना दोहराएं, ऐसा कहकर बायडेन प्रशासन परमाणु समझौता करने पर कायम होने के स्पष्ट संकेत दे रहा है| यह परमाणु समझौता इस्रायल की सुरक्षा खतरे में धकेल रहा है, ऐसा इशारा विश्‍लेषक दे रहे हैं| इस समझौते की वजह से ईरान अधिक अनियंत्रित होगा और मनचाहा बर्ताव करेगा, यह चेतावनी अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक दे रहे हैं|

नया परमाणु समझौताअमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को रोकने के लिए लंबे समय की और मज़बूत समझौते की ज़रूरत होने का बयान किया था| ऐसे दावे करके बायडेन प्रशासन ने वियना में ईरान के साथ बातचीत शुरू की थी| लेकिन, पिछले कुछ दिनों से अंतरराष्ट्रीय माध्यमों में प्रसिद्ध हो रही खबरें और बायडेन प्रशासन द्वारा दिए जा रहे संकेतों पर गौर करके नया समझौता कमज़ोर होने की आलोचना इस्रायल एवं माध्यम कर रहे हैं|

इस्रायल के प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट और पूर्व प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू दोनों ने जल्द हो रहे नए परमाणु समझौते की आलोचना की है| यह परमाणु समझौता ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बिल्कुल रोक नहीं सकता, यह आरोप इस्रायली नेता लगा रहे हैं| यह समझौता हुआ तो खाड़ी में हिंसा फैलेगी और यह क्षेत्र अस्थिर हो जाएगा, यह इशारा भी प्रधानमंत्री बेनेट ने दिया था|

नया परमाणु समझौता

वर्ष २०१५ के समझौते के बाद ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम की तकनीक प्रगत स्तर तक बढ़ाई है| इस वजह से बायडेन प्रशासन ने ईरान के साथ नया समझौता किया तो इस देश के परमाणु कार्यक्रम में कुछ भी बदलाव नहीं होगा, यह इशारा अंतरराष्ट्रीय विश्‍लेषक दे रहे हैं| यह चिंता इस्रायल को परेशान कर रही है, ऐसा विश्‍लेषकों का कहना है|

नए समझौते के तहत ईरान ने अपने पास मौजूद संवर्धित यूरेनियम का पूरा भंड़ार अंतरराष्ट्रीय समूदाय को सौंपने की गारंटी अभी नहीं दी है| बल्कि, इस समझौते के बाद अमरीका और पश्‍चिमी देशों ने प्रतिबंध शिथिल करने से ईरान को प्राप्त होनेवाली आर्थिक सहायता हिज़बुल्लाह, हमास और हौथी जैसे आतंकी संगठनों के लिए इस्तेमाल होने की संभावना बढ़ी है| इस समझौते के बाद ईरान का आत्मविश्‍वास अधिक बढ़ेगा और ईरान से जुड़े आतंकी संगठनों से इस क्षेत्र के लिए खतरा भी अधिक बढ़ेगा, यह इशारा तेल अवीव स्थित ‘इस्रायलज् इन्स्टिट्यूट फॉर नैशनल सिक्युरिटी स्टडीज्’ नामक अध्ययन मंडल के विश्‍लेषक योएल गुहान्स्की ने दिया|

इस समझौते की वजह से मिलने वाले समय का इस्तेमाल इस्रायल ईरान के खिलाफ रक्षा तैयारी बढ़ाने के लिए कर सकेगा, इस पर गुहान्स्की ने ध्यान आकर्षित किया| ईरान से अपनी सुरक्षा के लिए खतरा महसूस कर रहे समविचारी अरब देशों के साथ इस्रायल सहयोग बढ़ाए, यह सुझाव गुहान्स्की ने दिया| कुछ दिन पहले बहरीन के साथ किया गया रक्षा सहयोग समझौता एवं बहरीन के नौसैनिक युद्धाभ्यास में इस्रायल और अन्य अरब देशों की मौजूदगी इस सहयोग के संकेत देती है, यह बयान गुहान्स्की ने किया है|

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