अमेरिका का राष्ट्रीय कर्ज ३० ट्रिलियन डॉलर्स तक गया

वॉशिंग्टन – अमेरिका का राष्ट्रीय कर्ज ३० लाख करोड़ डॉलर्स (३० ट्रिलियन) पहुँच गया है। अमेरिका की अर्थव्यवस्था के लिए यह नया उच्चांक साबित हुआ है। पिछले दो वर्ष में अमेरिका के राष्ट्रीय कर्ज में सात ट्रिलियन डालर्स से अधिक बढ़ोत्तरी हुई है। इसमें कोरोना की बीमारी के विरोध में चलाये जानेवाली विविध योजनाओं के लिए तरतूद किए गए पाँच ट्रिलियन निधि का समावेश है।

राष्ट्रीय कर्जमंगलवार को अमेरिका के कोषागार विभाग ने देश की अर्थव्यवस्था पर होनेवाले कर्ज की जानकारी जाहीर की है। उसके अनुसार अमेरिका के ऊपर राष्ट्रीय कर्ज का प्रमाण ३० ट्रिलियन डॉलर्स तक पहुँच गया है। उसमें से आठ ट्रिलियन डॉलर्स विदेशी शासन और अंतरराष्ट्रीय निवेश कर्ताओं से लिया गया कर्ज है। कर्ज पर कुछ ब्याज अगले दस वर्षों में पाँच ट्रिलियन डॉलर्स तक पहुँच जाने की संभावना है। वही अगले ३० वर्षों में यही रकम सरकारी महसूल के ५० प्रतिशत तक पहुँच जाएगी, ऐसा दावा अभ्यासगट ने किया है।

राष्ट्रीय कर्जसन्‌ २०२० वर्ष की शुरुवात में ‘काँग्रेशनल बजेट ऑफिस’ ने (सीबीओ) एक अहवाल सादर किया था। उसमें अमेरिका २०२५ वर्ष में ३० ट्रिलियन डॉलर्स कर्ज की मर्यादा पार करेगा, ऐसा अंदाज व्यक्त किया था। किंतु प्रत्यक्ष में ३ वर्ष पहले ही यह मर्यादा पार हो गई है ऐसा कोषागार विभाग की दी गई जानकारी से स्पष्ट हुआ है। इसके पीछे कोरोना की बीमारी ही मुख्य कारण बताई जा रही है। कोरोना की बीमारी का मुकाबला करने के लिए सरकार द्वारा लगभग पाँच ट्रिलियन डॉलर्स निधि खर्च की गई है। यह निधि कर्ज के माध्यम से ही लिया गया था ऐसा कहा जाता है।

 सन्‌ २००८-०९ बर्ष में आई हुई मंदी के बाद अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर कर्ज का बोझ तेजी से बढ़ना शुरू हो गया था, ऐसी जानकारी कोषागार विभाग द्वारा सामने आई है। सन्‌ २००७ वर्ष के अंत में अमेरिका पर ९.२ ट्रिलियन डॉलर्स का राष्ट्रीय कर्ज था। पिछले १४ वर्षों में उसमें २१ ट्रिलियन डॉलर्स से अधिक भार बढ़ गया दिखाई देता है। अमेरिका की मध्यवर्ती बँक फेड़रल रिझर्व्ह के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने पिछले ही महीने में कर्ज के मुद्दे को लेकर चिंता व्यक्त की थी। अमेरिका के ऊपर कर्ज का बोझ अर्थव्यवस्था के विकास दर की अपेक्षा अधिक वेग से बढ़ रहा है, किंतु यह मार्ग हमेशा के लिए टिकने वाला नहीं है, ऐसा पॉवेल ने कहा था। वर्तमान में अमेरिका पर का राष्ट्रीय कर्ज जीडीपी के १२८ प्रतिशत इतना है।

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