अमरीका में बेरोज़गारी सन १९२९ की महामंदी के स्तर पर बढ़ेगी

वॉशिंग्टन – ‘अमरीका के हालात बहुत गंभीर हैं। कोई भी उन्हें नज़रअन्दाज़ करने की भूल ना करें। अमरीका की अर्थव्यवस्था को इतिहास का सबसे बड़ा और ज़बरदस्त झटका लगनेवाला है। सन १९२९ की जागतिक महामंदी की तरह बेरोज़गारी का भयंकर संकट आनेवाला है’, ऐसी चेतावनी अमरीका के वरिष्ठ आर्थिक सलाहकार केव्हिन हॅसेट ने दी। पिछले पाँच हफ़्तों की अवधि में अमरीका के २.६ करोड़ नागरिकों ने बेरोज़गारी के दावे दाख़िल किये हैं। यह संख्या अमरीका में उपलब्ध नौकरियों की तुलना में १६ प्रतिशत से अधिक है। सन १९२९-३० में जागतिक महामंदी के दौर में अमरीका में बेरोज़गारी का प्रमाण पूरे २५ प्रतिशत तक गया था।

दुनियाभर में फैले कोरोनावायरस के संक्रमण का झटका अमरिकी अर्थव्यवस्था को भी लगा है। कोरोनावायरस महामारी के कारण फिलहाल आवश्यक एवं मर्यादित स्वरूप में उद्योग चालू रखने की अनुमति दी गयी है। इस कारण, अमरीका के उद्योजक और राज्यों की ज़िम्मेदारी होनेवाले गव्हर्नर्स ने आनेवाले कुछ महीनों में अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलने की संभावना ना होने के संकेत दिये हैं। इस पार्श्वभूमि पर वरिष्ठ सलाहकार हॅसेट ने व्यक्त की चिंता ग़ौरतलब साबित होती है।

अमरीका के वित्तमंत्री स्टीवन एमनुकिन ने भी अर्थव्यवस्था को पटरी पर ले आने के लिए जुलाई से सितम्बर की कालावधि लगेगी, ऐसा वक्तव्य किया है। ‘फॉक्स न्यूज’ इस न्यूज़चॅनल को दिये इंटरव्यू में एमनूकिन ने, अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के प्रयास चालू होकर, ट्रिलियन डॉलर्स की सहायता की जा रही है, ऐसी जानकारी दी। अमरीका की संसद ने शुक्रवार को लगभग ५०० अरब डॉलर्स की अर्थसहायता मंज़ूर की होने की ख़बर भी प्रकाशित हुई है।

अमरीका के संसदीय गुट ने प्रकाशित किए अंदाज़ के अनुसार, सन २०२० के अन्त तक देश का जीडीपी ५.५ प्रतिशत से गिरने की संभावना होकर, बेरोज़गारी का दर १२ प्रतिशत होगा। वहीं, ‘बँक ऑफ अमरीका’ के प्रमुख ब्रायन मोयनिहान ने, अमरीका की अर्थव्यवस्था पहले जैसी होने के लिए अगले साल के अन्त तक इन्तज़ार करना पड़ेगा, ऐसा कहा है।

कुछ दिन पहले अर्थविशेषज्ञ मार्टिन वुल्फ और ख्रिस रूकी ने अमरीका की बेरोज़गारी महामंदी के संकेत देनेवाली है, इसपर ग़ौर फ़रमाया था। सन १९२९ से १९३३ इस कालावधि में अमरीका और दुनिया पर महामंदी का संकट टूट पड़ा था। अमरीका के शेअरबाज़ार में हुई भारी गिरावट के साथ इस महामंदी की शुरुआत हुई थी। उस समय जागतिक विकास दर नकारात्मक दर्ज़ हुआ था।

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