युरोप की सुरक्षा एवं शांतता के लिए रशिया से सहायता आवश्यक – जर्मन चॅन्सेलर एंजेला मर्केल

बर्लिन: अमरीका एवं रशिया में तनाव दिन-ब-दिन बढ़ रहा है और ऐसे में ही युरोप का अग्रणी देश जर्मनी ने रशिया के साथ सहयोग बढ़ाने के संकेत देना शुरु किए हैं। जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने शनिवार के दिन एक कार्यक्रम में युरोप की सुरक्षा के लिए रशिया के सहयोग की आवश्यकता होने का दावा किया है। यूक्रेन के मुद्दे पर, यूरोपिय महासंघ रशिया पर प्रतिबंध जारी करें इस बारे में आग्रही भूमिका अपनानेवाली  मर्केल ने किया यह दावा ध्यान केंद्रित कर रहा है।

पिछले कई महीनों में रशिया एवं पाश्चात्य देशों के संबंध में अधिकाधिक तनाव बढ़ रहा है। अमरीका के चुनाव में रशिया का कथित हस्तक्षेप, यूक्रेन सीमा पर एवं युरोप देशों के निकट रशिया की बढ़ती सेना तैनाती, सीरिया की कार्रवाई जैसे मुद्दों पर युरोप के देश एवं अमरीका ने रशिया पर तीव्र टीका की थी। पर रशिया ने इन टिकाओं पर मुंहतोड़ जवाब देकर अपनी नीतियों का समर्थन किया है। पृष्ठभूमि पर जर्मन चांसलर मर्केल ने रशिया के साथ सहयोग के संदर्भ में किया वक्तव्य आश्चर्यजनक माना जा रहा है।

युरोप की सुरक्षा

पाश्चात्य देश एवं रशिया के बिच तनाव होते हुए भी युरोप में अगर शांतता प्रस्थापित करनी है, तो रशिया का सहयोग आवश्यक है। युरोप का संरक्षण एवं सुरक्षा विषयक नीति का विचार करते हम रशिया से संबंध सुधारने के लिए अच्छे प्रयत्न करेंगे। जर्मनी ने नाटो एवं रशिया का संवाद रहे इसके लिए हमेशा प्रोत्साहन दिया है, इन शब्दों में चांसलर मर्केल ने रशिया के साथ सहयोग के संकेत किए हैं।

यूक्रेन के मुद्दे पर अपनी भूमिका स्पष्ट करते हुए मर्केल ने मिनस्क करार को कार्यान्वित करने जोर दिया है। दोनों पक्षों का यह करार अगर कार्यान्वित हुआ तो इस मुद्दे पर अधिक अच्छी चर्चा हो सकेगी, यह अपेक्षा जर्मन चांसलर ने व्यक्त की है। मर्केल के साथ जर्मनी के अनेक नेताओं ने इससे पहले भी रशिया से सहयोग की नीति स्वीकारने के बारे में दावे किए थे। अमरीका ने रशिया पर जारी किये प्रतिबंधो की पृष्ठभूमि पर जर्मन नेताओं ने अमेरिकी नेतृत्व पर टिका कर के रशिया के साथ संबंध महत्वपूर्ण होने की बात स्पष्ट की है।

जुलाई महीने में जर्मनी में हुए ‘जी-२०’ गट की बैठक में चांसलर मर्केल ने पाश्चात्य देशों में रशिया के साथ संबंध सुधारने के लिए इच्छा व्यक्त की। जिसमे अमरीका एवं रशिया में अगर संवाद होता है तो इसका अन्य देशों को फायदा होगा यह दावा मर्केल ने उस समय किया था।

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