केवल तीन महीने के अफगान संघर्ष में ५०० से भी अधिक लोग मारे गए

काबुल, (वृत्तसंस्था) – फरवरीं महीने के आखिरी दिनों में अमरीका और तालिबान के बीच अफगान शांति समझौता किया गया। इसके बाद अफगानिस्तान में शांति स्थापित होकर खूनखराबा बंद होगा, यही उम्मीद थी। लेकिन अफगानिस्तान में जारी यह संघर्ष, इस शांतिसमझौते के बाद और भी रक्तरंजित हुआ है। संयुक्त राष्ट्रसंघ ने जारी की रिपोर्ट के जरिए यह बात सामने आयी है और इस वर्ष के पहले तीन महीनों में ही, अफगानिस्तान के संघर्ष में पाँच सौ से भी अधिक लोग मारें जाने की बात इस रिपोर्ट में दर्ज की गई है।

अफगानिस्तान में युनाईटेड नेशन असिस्टंस्‌ मिशन ने अफगानिस्तान में जारी संघर्ष की रिपोर्ट जारी की है। इसमें ऐसा बताया गया है कि वर्तमान वर्ष के पहले तीन महीने में हुए संघर्ष में ही ५३३ लोग मारे गए हैं और इस संघर्ष में मारे गए इन लोगों में १५० बच्चेों का समावेश है। साथ ही, इस संघर्ष में १,२९३ लोग घायल हुए हैं। पिछले वर्ष की तुलना में घायलों की संख्या कम होने की बात कही जा रही है। लेकिन मरनेवालों की संख्या में बढोतरी होने की बात कहकर संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस रिपोर्ट पर चिंता व्यक्त की है।

फरवरी २९ को, कतार स्थित दोहा में अमरीका और तालिबान के बीच शांति समझौता हुआ था। लेकिन इसके कुछ ही घंटे बाद तालिबान के गुटों ने अफगानिस्तान में हमलें शुरू किए और यह समझौता तोडने के संकेत दिए थे। आज भी अफगानिस्तान में तालिबान के हमलों का सिलसिला बंद नहीं हुआ है। बल्कि शांति समझौते के बाद भी तालिबान के हमलें और भी तीव्र हुए हैं। पिछले हफ्ते तालिबान ने अफगानिस्तान की सुरक्षा यंत्रणा पर किए हमले में १३ सैनिक मारे गए थे। हर दो दिन बाद तालिबान के हमले में २५ से ४० लोग मारे जा रहें हैं, यह बात अफगान माध्यमों में कही जा रही है।

तालिबान के कुछ सदस्य अफगानसुरक्षा दल की हिरासत में हैं और अफगान सरकार ने उनकी रिहाई किए बिना सुरक्षा दलों पर हो रहे हमलें बंद नहीं होंगे, यह ऐलान तालिबान ने किया है। साथ ही, फिलहाल अफगानिस्तान में शासन कर रहीं अश्रफ गनी की सरकार हमें मंजूर नहीं है, यह बात तालिबान ने कई बार स्पष्ट की थी। इसी कारण नजदिकी भविष्य में तालिबान के अफगानिस्तान में हो रहें हमलें बंद होने की संभावना नहीं है। तालिबान अफगान सुरक्षा दलों पर जोरदार हमलें कर रहा है और ऐसें में, अमरीका और तालिबान के बीच हुए शांति समझौते ने वास्तव में क्या सफलता प्राप्त की, यह सवाल तालिबान के विरोधक कर रहे हैं।

फिलहाल अफगानिस्तान को कोरोना वायरस के भयंकर संकट का मुकाबला करना पड़ रहा है। अफगानिस्तान में कोरोना वायरस से संक्रमित ५७ लोगों ने अबतक दम तोड़ा है। इसके अलावा कोरोना की चपेट में आनेवालें मरीजों की संख्या बढ़कर १,७३० हुई है। अफगानिस्तान के कुछ हिस्सों में स्वास्थ्य सुविधाओं की बड़ी कमी है। ऐसे में, अफगान जनता को तालिबान के हमलों का सामना करना पड़ रहा है, इस ओर अफगान माध्यमों ने ग़ौर फ़रमाया है। इसी बीच, भारत के विदेशमंत्री एस.जयशंकर ने अफगानिस्तान के विदेशमंत्री के साथ फोन पर बातचीत की। इस दौरान हुई चर्चा में अफगानिस्तान की शांतिप्रक्रिया का मुद्दा सबसे अहम रहा था।

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