अमरिका के साथ चर्चा करने से तालिबान का इनकार

Third World Warइस्लामाबाद: अमरिका के विशेष दूत झाल्मे खलीलजाद इनके साथ चर्चा करने के लिए तालिबान ने इनकार जताया है| इस संदर्भ में पाकिस्तान के माध्यमों में प्रसिद्ध हुई खबरें गलत होने की बात तालिबान के प्रवक्ता मुजीबुल्लाह मुजाहिद ने कही है| इसकी वजह से खलीलजाद इनका पाकिस्तान में वास्तव्य बढ़ने की खबरें प्रसिद्ध हुई है| तथा तालिबान के एक नेता ने अमरिका ने तालिबान के शर्तें मानने तक चर्चा संभव नहीं है ऐसा सूचित किया है|

अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया के लिए अमरिका ने नियुक्त किए विशेष दूत झाल्मे खलीलजाद गुरुवार को पाकिस्तान में दाखिल हुए थे| अमरिका अफगानिस्तान से सेना वापसी करने की तैयारी कर रहा है, ऐसी खबरें प्रसिद्ध हुई थी| व्हाइट हाउस ने इस संदर्भ में खबरों का खंडन किया है फिर भी राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प अफगानिस्तान से वापसी करने के लिए उत्सुक होने के दावे कई विश्‍लेषक कर रहे हैं| इसलिए इस संदर्भ में झाल्मे खलीलजाद इनसे शुरू प्रयत्नों का महत्व अधिक बढ़ रहा है| इन्हीं कारणों की वजह से उनके पाकिस्तान दौरे की तरफ विश्‍लेषकों का ध्यान लगा हुआ है|

अमरिका, साथ, चर्चा, तालिबान, इनकार, इस्लामाबाद, अफगानिस्तानखलीलजाद अपने पाकिस्तान दौरे में तालिबान से चर्चा करेंगे, ऐसी जानकारी दी जा रही थी| पर तालिबान के प्रवक्ता मुजीबुल्लाह मुजाहिद ने खलीलजाद से चर्चा नहीं होगी, ऐसा कहकर इस मामले पर पर्दा डालने का प्रयत्न किया है| तथा इस चर्चा के बारे में पाकिस्तान के माध्यमों में आयी खबरें झूठी होने की बात मुजाहिद ने कही है| तथा अफगानिस्तान के सरकार के साथ तालिबान चर्चा नहीं करेगा, ऐसा दावा तालिबान के एक नेता ने किया है| अफगानी सरकार के पास तालिबान की मांगे मंजूर करने की औकात नहीं है, इसकी तरफ इस सरकार के साथ चर्चा में कुछ भी अर्थ नहीं है, ऐसा तालिबानी नेताओं का कहना है|

अमरिका ने तालिबान के शर्तें मानने तक चर्चा असंभव होने का दावा इस नेता ने किया है| अमरिका अफगानिस्तान से वापसी करे, तालिबान को मंजूरी दे एवं तालिबान के कैदियों की रिहाई करें ऐसी मांगे तालिबान के नेताओं ने अमरिका के सामने रखी थी| दौरान तालिबान के साथ अमरिका एवं अफगान सरकार चर्चा के लिए पाकिस्तान मध्यस्थ हो, ऐसी अमरिका की मांग है| इसके लिए अमरिका पाकिस्तान पर दबाव डाल रही है|

तालिबान के आश्रय स्थान पाकिस्तान में होकर तालिबान पर पाकिस्तान का बहुत बड़ा प्रभाव है| पर पाकिस्तान यह प्रभाव अफ़ग़ानिस्तान स्थिर करने के लिए एवं अमरिका के हित संबंधों के लिए उपयोग न करने की आलोचना अमरिका के लष्करी अधिकारी एवं मुसद्दी कर रहे हैं|

इसके लिए पाकिस्तान पर नए से दबाव डालने की तैयारी अमरिका ने की है| पर पाकिस्तान के नए सरकार भी अफगानिस्तान के प्रश्न पर अमरिका को अपेक्षित सहायता करने के लिए तैयार नहीं है, फिर भी इस संदर्भ में प्रयत्न अमरिका ने नहीं छोड़े हैं| झाल्मे खलीलजाद इसके लिए राजनीतिक स्तर पर भी प्रयत्न अधिक तीव्र करते आ रहे हैं और उनके पाकिस्तान दौरे से यह स्पष्ट हो रहा है| उनके प्रयत्नों को असफलता मिली है, फिर भी अफगानिस्तान में अमरिका एवं नाटो की तालिबान विरोधी कार्रवाई अधिक तीव्र होगी, तब इस संदर्भ में अमरिका को सहायता करने से इनकार करने वाले पाकिस्तान को भी अमरिका के ट्रम्प प्रशासन से सबक सिखाया जाएगा, ऐसे संकेत दिखाई देने लगे हैं|

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