चीन के टेस्टिंग किटस्‌ का ऑर्डर रद करने का भारत ने किया हुआ निर्णय ग़ैरज़िम्मेदाराना – चीन की बयानबाजी

सदोष रैपिड टेस्टिंग किटस्‌ की आपूर्ति करनेवाली चीन की कंपनियों का ऑर्डर रद करने के भारत के निर्णय पर चीन बेचैन हुआ है। चिनी कंपनियों के टेस्टिंग किटस्‌ को बेकार कहनेवालों ने इन किटस्‌ का इस्तेमाल गलत तरीके से किया है, यह आरोप अब चीन कर रहा है। साथ ही, चिनी उत्पाद को बेकार साबित करना ग़ैरज़िम्मेदाराना और पूर्वग्रह से ग्रसित है, ऐसी बयानबाजी चिनी दूतावास की प्रवक्ता जी रोंग ने की है।

इंडियन कौन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आयसीएमआर) ने, चीन की ग्वांगझू वोन्फफो बायोटेक और झूआई लिव्हझोन डायग्नॉस्टिक्स इन दो कंपनियों से आयात किये गए कोरोना वायरस के रैपिड टेस्टिंग किटस्‌ खराब होने की बात स्पष्ट की थी। साथ ही, इन कंपनियों को टेस्टिंग किटस्‌ की आपूर्ति करने के लिए दिये गये ऑर्डर ही रद करने का ऐलान भारत ने किया था। इससे पहले केंद्रीय स्वास्थ्यमंत्री हर्ष वर्धन ने खराब टेस्टिंग किटस्‌ किसी भी देश के हो, उन्हें लौटाया जाएगा और इस किटस्‌ के लिए एक पैसा भी प्रदान नहीं होगा, यह भी स्पष्ट किया था।

इस पर अब चीन से बयान आया है। इन टेस्टिंग किटस्‌ का ऑर्डर रद करने के भारत सरकार ने किए निर्णय पर चीन ने चिंता जताई है। इसी बीच, चिनी दूतावास की प्रवक्ता जी रोंग ने यह बयान किया है कि चीन अपने उत्पाद की गुणवत्ता को विशेष अहमियत देता है। ग्वांगझू वोन्डफो बायोटेक और झूआई लिव्हझोन डायग्नॉस्टिक इन कंपनियों के टेस्टिंग किटस्‌ को नैशनल मेडिकल प्रॉडक्ट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ चायना ने गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्रदान किया है। साथ ही, भारत में पुणे की नैशनल इन्स्टिट्यूशन ऑफ विरॉलॉजी ने भी इन टेस्टिंग किटस्‌ को लेकर संतोष व्यक्त करके इन्हें स्वीकृति प्रदान की थी। इस ओर ध्यान आकर्षित करके रोंग अब चिनी कंपनियों के पक्ष में खडी हुई हैं। साथ ही, इन टेस्टिंग किटस्‌ का प्रयोग, विशेषज्ञ और प्रशिक्षित लोगों ने किया नहीं हैं, यह कहकर रोंग ने भारत पर ही आरोप लगाने की कोशिश की है।

इसके अलावा, कुछ लोग चिनी उत्पादनों को खराब कह रहें हैं और इस मुद्दे की ओर पूर्वाग्रह से ग्रसित नजरिए से देख रहें हैं। यह गलत और ग़ैरज़िम्मेदाराना है, यह बयान रोंग ने किया हैं। यह बयानबाजी करते समय रोंग ने, उनका बयान किन लोगों के बारे में है, यह स्पष्ट करना टाल दिया है। साथ ही, इन दोनों चिनी कंपनियों ने युरोप, एशिया और लैटिन अमरिका के अन्य देशों को भी इन किटस्‌ की निर्यात की है, इस ओर भी रोंग ने ध्यान आकर्षित किया। लेकिन युरोपिय देशों ने भी चिनी टेस्टिंग किटस्‌ की गुणवत्ता के बारे में, भारत की तरह ही आलोचना की थी और करीबन २० लाख किटस्‌ चीन को लौटाए थे, इस बारे में रोंग ने एक शब्द भी नहीं कहा है।

टेस्टिंग किटस्‌ यह भारत और चीन के बीच नए विवाद का मुद्दा बन सकता है, ऐसी संभावना विश्‍लेषक व्यक्त कर रहें हैं। पिछले हफ्ते ही, मौकापरस्त चीन आर्थिक संकट के दौर में भारत में बडा निवेश करके भारतीय कंपनियों पर कब्जा ना कर सकें, इसलिए भारत की सरकार ने सीधे विदेशी निवेश (एफडीआई) के नियमों में बदलाव किए थे। इसके बाद चिनी कंपनियों का ऑर्डर रद करके भारत ने चीन को और एक झटका दिया है।

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