अफगानिस्तान में विस्फोट करवाकर तालिबान ने नौ छात्राओं को बलि किया

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकाबुल: अफगानिस्तान के तखार प्रांत में हुए लैंडमाईन के विस्फोट में नौ अफगानी छात्राओं की मौत हुई| तालिबानी आतंकियों ने यह लैंडमाईन्स बिछाया था, यह आरोप स्थानिय प्रशासन ने एक समाचार चैनल से बात करते समय कहा है| इसके बाद अफगान जनता में तालिबान के विरोध में बना असंतोष तीव्र होता दिख रहा है|

तखार प्रांत केदरकदजिले में शनिवार की सुबह पाठशाला जाने निकलें छात्राओं में से एक छात्रा का पैर इस लैंडमाईन पर गिरा था| इस वजह से हुए विस्फोट में कम से कम नौ छात्राओं की मौत हुई है और तीन छात्राओं के शव भी बरामद नही हो सकें, यह जानकारी तखार के गव्हर्नर जवाद हेजरी ने दी| इस हमलें में बलि हुए सभी छात्रा नौ से ग्यारह वर्ष के गुट के थे|

अभी तक तालिबान ने इस हमलें की जिम्मेदारी नही उठाई है| पर, यह क्षेत्र तालिबान के नियंत्रण में है और कुछ दिन पहले तालिबानी आतंकियों ने रास्ते पर लैंडमाईन बिछाया था| दरकद जिले को तालिबान से मुक्त करने के लिए अफगान सेना ने मुहीम शुरू की है| तभी अफगान सेना को लक्ष्य करने के लिए तालिबान ने दरकद जिले के रास्तों पर लैंडमाईन्स बिछा रखे थे| पर, अफगान जनता और छात्रा ही तालिबान के जाल में फंस रहे है, यह बात हेजरी ने रखी है|

इससे पहले मई महीने में भी गझनी प्रांत में तालिबान ने बिछाई लैंडमाईन्स के विस्फोट में सात छात्राओं की मौत हुई थी| वही, लघमान प्रांत में लगाई माईन एवं किए गए विस्फोट में सात छात्रा जान से गए थे| संयुक्त राष्ट्रसंघ ने भी तालिबान के इन हमलों का संज्ञान लेकर जुलाई से सितंबर महीने में आतंकी संगठनों ने अफगान जनता पर किए हमलों में काफी बढोतरी होने की बात कही थी| इन तीन महीनों में ,१७४ लोगों की मौत हुई है|

तालिबान के इन हमलों की वजह से अफगान जनता में काफी असंतोष है और इस आतंकी संगठन की जडें अंतिम कार्रवाई करके उखाड फेंकने की मांग और भी तेज हो रही है|

अफगान तालिबान के विरोध में पाकिस्तान की सेना ने कार्रवाई नही की है अमरिकी विदेश मंत्रालय का आरोप

वॉशिंगटन: अफगानिस्तान की अस्थिरता के लिए कारण बनीअफगान तालिबानइस आतंकी संगठन पर कार्रवाई करने से पाकिस्तान दूर रहा है| इसके बजाए पाकिस्तान ने इस आतंकी संगठन को अपने देश में खुली छुट दे रखी है, यह आरोप अमरिका के विदेश मंत्रालय की नई रपट में रखा गया है|

अमरिका ने अल कायदा और तालिबान के विरोध में व्यापक कार्रवाई की| पर इन आतंकी संगठनों को पाकिस्तान में अभी भी सुरक्षित पनाह मिल रही है, यह आरोप अमरिकी विदेश मंत्रालय ने किया है| अफगान तालिबान के नेतृत्व को तालिबान से जुडा हक्कानी नेटवर्क भी पाकिस्तान के वझिरिस्तान में डेरा जमाकर है, यह बात भी इस रपट में दर्ज है|

अमरिका और अफगान सेना अफगान तालिबान के आतंकियों पर कार्रवाई कर रहे है, तभी पाकिस्तान ने इन आतंकियों को अपनी सीमा का इस्तेमाल करने का अवसर दिया है| इस वजह से इन आतंकियों पर कार्रवाई करने में कठिनाई रही है, यह बात इस रपट में स्पष्ट की गई है|

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