अफ़गानिस्तान में तालिबान, अल कायदा और ‘जैश’ एक हुए

काबुल, (वृत्तसंस्था) – अफ़गानिस्तान में तालिबान और अल कायदा के साथ ही पाकिस्तान पुरस्कृत ‘जैश ए मोहम्मद’ इस आतंकी संगठन ने हाथ मिलाया है। अफ़गानिस्तान की पूर्वीय सीमा के नज़दिकी क्षेत्र में ‘जैश’ ने तालिबान और अल कायदा के साथ अड्डे बनाए हैं और पिछले कुछ दिनों से नांगरहार, कुनार प्रांत में अफ़गान सैनिकों पर हुए हमलों के लिए यही तीन आतंकी संगठन ज़िम्मेदार हैं, यह आरोप अफ़गान सुरक्षा अफसरों ने किया है। वहीं, इन आतंकियों के पास प्रगत हथियारों का भंड़ार होने की बात भी स्पष्ट हुई है।

अफ़गानिस्तान की पूर्वीय सीमा की सुरक्षा करने की ज़िम्मेदारी संभाल रहें कमांड़र ‘जनरल अयुब हुसेनखेल’ ने स्थानीय समाचार चैनल से बातचीत करते समय, आतंकी संगठनों ने एक-दूसरे से हाथ मिलाने की जानकारी साझा की। पाकिस्तान की सीमा से नज़दिकी क्षेत्र के नांगरहार, कुनार, नुरीस्तान इन अफ़गान प्रांतों में तालिबान और अल कायदा एवं जैश ने अड्डे स्थापित किए है। अफ़गान सैनिकों पर हमलें करना ही इन आतंकी संगठनों का लक्ष्य है और पिछले कुछ हफ़्तों से अफ़गान सैनिकों पर होनेवाले हमलों में हुई बढ़ोतरी के लिए भी यही तीन आतंकी संगठन ज़िम्मेदार हैं, यह जानकारी जनरल हुसेनखेल ने साझा की। इस दौरान अफ़गान सैनिकों पर हुए हमलों में ५० प्रतिशत बढ़ोतरी हुई हैं, यह भी जनरल हुसेनखेल ने कहा।

अफ़गान सैनिक इन आतंकियों के हमलें नाक़ाम कर रहें हैं। इन हमलों में मारें गए और गिरफ्तार किए गए आतंकी, पाकिस्तानी नागरिक होने की बात अफ़गान सेना कमांड़र ने घोषित की। इनमें से कुछ आतंकी पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नागरिक हैं और कुछ आतंकी पाकिस्तान स्थित आफ्रीदी गिरोह से संबंधित होने की जानकारी सामने आयी है। इसी बीच, तालिबानी आतंकियों के हाथ में पाये गए प्रगत हथियार अफगान सुरक्षा यंत्रणा के लिए बड़ी चुनौती साबित हो रहे हैं। ये हथियार पाकिस्तान की सेना ने ही प्रदान किए हैं, यह आरोप अफ़गान अफ़सर कर रहें हैं। साथ ही ‘जैश’ के साथ तालिबान और अल कायदा के आतंकियों को पाकिस्तानी सेना ने प्रशिक्षित किया है, यह दावा भी अफ़गान लष्करी अफसर कर रहें हैं।

तालिबान ने ‘जैश’ के साथ सहयोग स्थापित करने की ख़बर से इन्कार किया है। लेकिन, इस पाकिस्तानी आतंकी संगठन के ४०० से भी अधिक आतंकी अफ़गानिस्तान में ड़ेरा जमाकर बैंठें होने की जानकारी कुछ दिन पहले ही स्पष्ट हुई थी। जैश के आतंकी तालिबान और अल कायदा के सहयोग से भारत में हमलें करने की तैयारी में होने की चेतावनी अफ़गान गुप्तचर यंत्रणाओं ने पहले ही दी थी।

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