सूड़ान के गृहयुद्ध में दो हज़ार से भी अधिक की मौत – अंतरराष्ट्रीय संगठन का दावा

खार्तूम/दुबई – पिछले ११ हफ्तों से सूड़ान में शुरू गृहयुद्ध में मारे गए लोगों की संख्या दो हज़ार पर जा पहुंची है। इस संघर्ष के कारण २५ लाख लोग विस्थापित हुए हैं और वहां मानवीय सहायता पहुंचाने में बाधाएं निर्माण हो रही हैं। इश वजह से पहले से भूखमरी के संकट का सामना कर रहे सूड़ान पर अनाज़ के लिए मौताज होने का संकट टूट सकता है, ऐसी चिंता अंतरराष्ट्रीय संगठन व्यक्त कर रहे हैं।

१५ अप्रैल को सूड़ान के सेनाप्रमुख जनरल अब्देल फताह अल-बुरहान और अर्धसैनिक बल के प्रमुख जनरल मोहम्मद हमदान दागालो का संघर्ष शुरू हुआ। सूड़ान पर नियंत्रण पाने के मुद्दे पर राजधानी खार्तूम तक सीमित रहा यह संघर्ष मात्र कुछ ही घंटे में पूरे सूड़ान में फैला था। पिछले कुछ दिनों से सूड़ान की सेना और अर्धसैनिक बलों के बीच युद्ध विराम करने के लिए अमरीका, सौदी अरब और अफ्रीकी महासंघ ने कोशिस की। लेकिन, सूड़ान के दोनों गुट युद्ध विराम के लिए तैयार ना होने इस संघर्ष का दायरा बढ़ा है।

राजधानी खार्तूम के साथ ओम्दूरमान और बाहरी जैसे पड़ोसी शहर भी इस संघर्ष की चपेट में आए हैं। शनिवार रात इन शहरों में सेना और अर्धसैनिक बलों के शुरू संघर्ष का लाभ उठाकर कुछ सशस्त्र गिरोहों ने भी हिंसा की, ऐसा दावा किया जा रहा है। राजधानी खार्तूम में पिने की पानी का संकट भी कोहराम मचा रहा है। पिछले कुछ दिनों में वहां पर बिजली सप्लाई भी बंद हुई है। इस वजह से वहां के स्थानिय नागरिक अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने यह संघर्ष रोकने की गुहार लगा रहे हैं।

इस संघर्ष के पिछे से वांशिक संघर्ष, महिलाओं के उत्पीड़न की घटनाएं बढ़ने की चिंता भी जताई जा रही है। पिछले कुछ दिनों में सूड़ान का यह संघर्ष दर्फूर प्रांत में भी फैला है। वहां पर न्याला इलाके में भारी हिंसा शुरू है और पश्चिमी दर्फूर में वांशिक नरसंहार शुरू होने की खबरे सामने आ रही हैं। अस्पतालों में घायलों का इलाज़ करने के लिए आवश्यक सुविधा ना होने से मृतकों की संख्या बढ़ रही है।

लगातार हो रहे हवाई और तोप के हमलें एवं गोलीबारी के कारण अंतरराष्ट्रीय स्तर से मानवीय सहायता पहुंचाने में भी मुश्किले आ रही है, ऐसा संयुक्त राष्ट्र संघ का कहना है। सूड़ान के दोनों गुटों ने यह संघर्ष रोक दिया तो लाखों लोगों तक मानवीय सहायता पहुंचाने में बड़ी आसानी होगी, ऐसा दावा राष्ट्र संघ कर रहा हैं।

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