अमरीका में दो हज़ार से भी अधिक बैंक दिवालिया हुई हैं – अमरिकी अभ्यास गुट की चेतावनी

वॉशिंग्टन – अमरीका में दो हज़ार से भी अधिक बैंक दिवालियांपन की स्थिति में होने की चेतावनी ‘हूवर इन्स्टीट्यूशन’ नामक अभ्यास गुट ने दी है। कुछ ही दिन पहले अमरीका की ‘जे पी मॉर्गन’ नामक वित्तीय संस्था ने ‘फर्स्ट रिपब्लिक’ बैंख खरीदने का ऐलान किया था। पिछले तीन महीनों में अमरिकी बैंक नाकाम होने की यह चौथी घटना बनी। ‘फर्स्ट रिपब्लिक’ खरीदने की पृष्ठभूमि पर अमरीका में ‘बैंकिंग क्राइसिस’ अभी भी खत्म नहीं हुआ है, इसपर ध्यान आकर्षित किया जा रहा है और इसपर नई चेतावनी भी दी जा रही है।

मार्च महीने में महज़ कुछ ही दिनों में अमरीका के तीन बैंक एक के बाद एक दिवालियां हुई। इनमें ‘एसवीबी’, ‘सिग्नेचर बैंक’ और सिल्वरगेट’ का समावेश था। इन बैंकों की नाकामी के बाद शुरू हुई गिरावट में ‘फर्स्ट रिपब्लिक बैंक’ का भी नाम सामने आया था। बीमा सुरक्षा ना होनेवाले डिपोजिटस्‌‍ की बड़ी मात्रा ही इसका कारण बना था। मार्च महीने में दिवालियां हुई बैंकों में से ‘एसव्हीबी’ और ‘सिग्नेचर बैंक’ को बायडेन प्रशासन ने आर्थिक सहायता प्रदान करके बचाया था।

अमरीका के सेंट्रल बैंक ‘फेडरल रिज़र्व’ और बायडेन प्रशासन लगातार सब कुछ ठिक होने का बयान करके बड़े संकट की संभावना ठुकरा रहा है। लेकिन, अमरीका के विभिन्न विश्लेषक, आर्थिक विशेषज्ञ एवं अभ्यासगुट लगातार ‘बैंकिंग क्राइसिस’ पर ध्यान आकर्षित कर रहे हैं और अमरिकी जनता को सावधानी की चेतावनी दे रहे हैं। कुछ दिन पहले जारी हुई सर्वेक्षण रपट में अमरीका में ४८ प्रतिशत जनता का बैंक में पैसे जमा करने पर भरोसा ना रहने की बात स्पष्ट हुई थी। यह बात अमरिकी बैंकों के लिए खतरे के संकेत होने का बयान विश्लेषकों ने किया है।

‘हूवर इन्स्टीट्यूशन’ के अभ्यासक अमित सेरू और सहयोगियों की नई रपट भी बैंकिंग क्षेत्र के संकट का अहसास दिलाती है। अमरीका में कुल ४,८०० बैंकों में से २,३१५ बैंक गलभग दिवालियां हुई हैं, ऐसी चेतावनी ‘हूवर इन्स्टीट्यूशन’ की रपट में दी गई है। इन बैंकों की भुगतान करने की राशि उनकी संपत्ति से अधिक हैं और यह आंकड़ा लगभग दो ट्रिलियन डॉलर्स होने की ओर अमित सेरू ने ध्यान आकर्षित किया।

इसमें सीर्फ छोटी या मध्यम बैंक ही नहीं, बल्कि बड़ी और बहुराष्ट्रिय दायरे की बैंक भी शामिल है। दस सबसे खतरनाक बैंकों में से एक अंतरराष्ट्रीय बैंक हैं और इसकी संपत्ति एक ट्रिलियन डॉलर्स से भी अधिक है। अन्य तीन बैंक अमरीका की बड़ी बैंकों में शामिल हैं’, यह जानकारी अमित सेरू ने प्रदान की। समस्या सीर्फ ‘सिलिकॉन वैली बैंक’ या ‘फर्स्ट रिपब्लिक बैंक’ तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अमरिकी बैंकिंग क्षेत्र का काफी हिस्सा दिवालियांपन की स्थिति में होने का सनसनीखेज दावा भी उन्होंने किया।

‘हूवर इन्स्टीट्यूशन’ की रपट जारी होने के साथ ही अमरीका में ‘पैसिफिक वेस्टर्न’ और ‘वेस्टर्न अलायन्स’ इन दो बैंकों के शेअर्स का मूल्य की बड़ी गिरावट होने की जानकारी सामने आयी है। इन बैंकों को भी निधी की कमी और पूंजी के संकट का सामना करना पड़ने की संभावना है और अगले कुछ दिनों में दोनों बैंक मुश्किलों में फंस सकते हैं, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं। इसी बीच, अमरीका का ‘बैंकिंग क्राइसिस’ गंभीर बनता जा रहा है और तभी निवेशकों ने सोने में काफी ज्यादा निवेश बढ़ाया है, यह जानकारी ‘जे पी मॉर्गन’ नामक शीर्ष वित्तीय संस्था ने दी है। सोने में निवेश बढ़ाने वालों में संस्थात्मक निवेशकों का समावेश होने की बात इसमें कही गई है।

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