आर्टिफिशल इंटेलिजन्स समेत अन्य उन्नत तकनीक के क्षेत्र में चीन ने अमरीका को पछाड़ दिया है – अमरीका के पूर्व अधिकारी का इशारा

वॉशिंग्टन/बीजिंग – ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ समेत अन्य उन्नत क्षेत्रों में चीन ने अमरीका को पहले ही पछाड़ दिया है, ऐसा इशारा अमरीका के पूर्व ‘चीफ सॉफ्टवेअर ऑफिसर’ निकोलस चायलन ने दिया। अगले १०-१५ वर्षों में भी अमरीका उन्नत तकनीक के क्षेत्र में चीन को पछाड़ नहीं पाएगी, यह इशारा भी चायलन ने दिया। इसके पीछे सरकारी नीति के साथ ही अमरीका की निजी कंपनियाँ भी ज़िम्मेदार होने का आरोप पूर्व अधिकारी ने लगाया। चीन ने पिछले दशक में महत्वाकांक्षी ‘मेड इन चायना पॉलिसी’ का ऐलान करके सूचना एवं प्रौद्योगिकी, रोबोटिक्स जैसे क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के संकेत दिए थे।

आर्टिफिशल इंटेलिजन्सनिकोलस चायलन यह अमरीका के रक्षा विभाग के पहले ‘चीफ सॉफ्टवेअर ऑफिसर’ के तौर पर पहचाने जाते हैं। बीते तीन वर्ष वह अमरीका की वायु सेना में सायबर सुरक्षा एवं उन्नत तकनीक के इस्तेमाल के क्षेत्र में सक्रिय थे। लेकिन, अमरिकी प्रशासन और रक्षाबल सायबर सुरक्षा एवं प्रगत तकनीक की ओर ज्यादा गंभीरता से ध्यान ना देने से परेशान होकर उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इस्तीफा देने के बाद पहले ही साक्षात्कार में उन्होंने अमरीका की तकनीक के क्षेत्र की ओर हो रही अनदेखी का मुद्दा उठाया।

‘अगले १० से २० वर्षों तक अमरीका उन्नत तकनीक के क्षेत्र में चीन से स्पर्धा भी नहीं कर पाएगी। स्पर्धा का नतीजा अभी ही सामने आया है और अमरीका के लिए जीत का अवसर भी नहीं बचा है। उन्नत तकनीक के जोर पर चीन विश्‍व के भविष्य पर वर्चस्व बनाए रखेगा। माध्यमों के नज़रिये से लेकर राजनीतिक गतिविधियों जैसे सभी का इसमें समावेश रहेगा’, ऐसा गंभीर इशारा निकोलस चायलन ने दिया। नए लड़ाकू विमानों पर अधिक खर्च करने के बजाय अमरीका ने आर्टिफिशल इंटेलिजन्स, मशीन लर्निंग और सायबर क्षमता को अधिक प्राथमिकता देने की आवश्‍यकता थी, यह इशारा भी उन्होंने इस दौरान दिया।

आर्टिफिशल इंटेलिजन्सचीन आर्टिफिशल इंटेलिजन्स जैसे क्षेत्र में काफी बड़ा निवेश करके आगे बढ़ रहा है, तो अमरीका में इस क्षेत्र के नियम एवं नैतिकता की चर्चा हो रही है, इस ओर भी चायलन ने ध्यान आकर्षित किया। चीन इन बातों पर ध्यान नहीं देता और चीन की निजी कंपनियाँ सरकार से पूरा सहयोग करती हैं, यह दावा भी उन्होंने किया। साथ ही अमरीका की ‘गुगल’ जैसी शीर्ष कंपनियाँ सरकार के साथ काम करने के लिए उत्सुक नहीं हैं, इस ओर भी अमरीका के पूर्व ‘चीफ सॉफ्टवेअर ऑफिसर’ ने ध्यान आकर्षित किया।

बीते दशक से चीन ने तकनीक के क्षेत्र में काफी बढ़त बनाने की बात सामने आ रही है। ‘५ जी’ से ‘आर्टिफिशल इंटेलिजन्स’ तक के कई क्षेत्रों में चीनी कंपनियाँ एवं वैज्ञानिक आगे बढ़ने का चित्र दिखाई देने लगा है। आर्थिक बल एवं प्रभाव के जोर पर चीन अपनी तकनीक स्वीकारने के लिए छोटे और कमज़ोर देशों को मज़बूर कर रहा है, इसके कई नमूने भी सामने आए हैं। इसी के साथ खनिज एवं अन्य कच्चे सामान के उत्पादन में चीन ने प्राप्त किए वर्चस्व के जोर पर चीन अन्य देशों में प्रौद्योगिकी प्रगति में रोड़े ड़ालने की गतिविधियाँ करने में जुटा होने के संकेत भी प्राप्त हो रहे हैं।

चीन के इस प्रभाव को रोकने के लिए अमरीका ने गतिविधियाँ शुरू की हैं, फिर भी इसमें काफी देर होने के संकेत पूर्व ‘चीफ सॉफ्टवेअर ऑफिसर’ निकोलस चायलन के बयान से प्राप्त हो रहे हैं।

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