मालेगाव बम विस्फोट मामले में ‘एनआईए’ न्यायालय ने कर्नल पुरोहित उनके साथ ८ लोगों पर लगा ‘मोक्का’ हटाया है – तीन लोग आरोप मुक्त

मुंबई: बुधवार को मालेगांव बम विस्फोट मामले में एनआईए के विशेष न्यायालय ने भारतीय लष्कर के लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित एवं प्रज्ञा ठाकुर इनके साथ ८ लोगों पर लगा मोक्का हटाया है। तथा इस मामले में तीन लोगों को आरोप मुक्त किया गया है। पर कर्नल पुरोहित और अन्य ७ लोगों पर अब गैरकानूनी कृत्य प्रतिबंधक कानून के अंतर्गत यूएपीए और शस्त्रास्त्र प्रतिबंध कानून के अंतर्गत मुकदमा शुरू रहने वाले हैं।

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इस वर्ष अप्रैल महीने में राष्ट्रीय जांच संस्था (एनआईए) ने प्रज्ञा ठाकुर इनके विरोध में पर्याप्त सबूत न होने की बात कही थी। उसके बाद उन्हें जमानत मिली थी पर एनआईएने कर्नल पुरोहित के बारे में अलग भूमिका मिली थी एवं उनके जमानत को विरोध किया था। इस मामले में जांच यंत्रणा ने दाखिल किए दो आरोप पत्रों में बड़ा फर्क होने के बात पुरोहित के वकील हरीश साल्वे ने न्यायालय में ध्यान में लाया था। उसके बाद अगस्त महीने में पुरोहित को न्यायालय ने जमानत मंजूर की थी। एवं उसकी वजह से लगभग ९ महीनों के बाद पुरोहित जमानत पर मुक्त हुए हैं।

उसके बाद इस बम विस्फोट मामले के आरोप से मुझे मुक्त किया जाए ऐसी याचिका पुरोहित प्रज्ञा ठाकुर और इस मामले के अन्य आरोपियों ने दाखिल की थी। बुधवार को मुंबई के विशेष एनआईए न्यायालय में इस मामले में हुई सुनवाई में श्याम शाहू, शिवनारायण कालसंग्रा और प्रवीण टकालकी को इस मामले से आरोप मुक्त किया गया है। पर कर्नल पुरोहित, प्रज्ञा ठाकुर, सुधाकर द्विवेदी, रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी सुधाकर चतुर्वेदी और अजय रहिरकर इनकी याचिका न्यायालय ने ख़ारिज की है।

पर न्यायालय ने इन सभी को दिलासा दिया है और इन सभी पर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गेनाइज क्राइम एक्ट (मोक्का) हटाया गया है। इन सभी लोगों पर अब यूपीए के कलम १६,१८ और भारतीय दंड विधान संहिता के अनुसार खून एवं खून का प्रयत्न करने के आरोप में कलम ३०२ और ३०७ के अंतर्गत कार्यवाही शुरु होगी। इसके सिवाय जगदीश म्हात्रे, राकेश धाडवे इन दोनों पर केवल शस्त्रास्त्र प्रतिबंधक कानून के अंतर्गत मुकदमा चलाए जाएंगा। इस मामले में अगली सुनवाई १५ जनवरी की रोज होने वाली है।

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