भारत और पाकिस्तान के सुरक्षा सलाहकारो की अघोषित भेंट

नई दिल्ली / इस्लामाबाद: भारत और पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की थाईलैंड के बैंकॉक में भेंट होने का वृत्त है। दोनों देशों के अखबारोने इस संदर्भ में वृत्त प्रसिद्ध किया है। भारत ने अबतक इस बात को समर्थन नहीं दिया है। पर एक पाकिस्तानी अधिकारी का हवाला देकर दोनों देशों के अखबार ने यह मुलाकात अच्छे वातावरण में संपन्न होने की बात कह रहे है।

पाकिस्तान के कब्जे में होनेवाले कुलभूषण जाधव को उनकी मां एवं पत्नी से २५ दिसंबर की रोज भेंट हुई थी। उसके बाद २६ दिसंबर की रोज भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोवल एवं पाकिस्तान के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार नासिर खान जंजुआ इनकी बैंकॉक में मुलाकात हुई है। यह भेंट दो घंटों तक चलने की बात कही जा रही है। इस भेंट में जम्मू कश्मीर मे पाकिस्तान द्वारा हो रहे आतंकवादियों की घुसपैठ का मुद्दा भारत में उपस्थित किया है तथा भारतीय सैनिकों से नियंत्रण रेखा पर होने वाली गोलीबारी पर पाकिस्तान के सुरक्षा सलाहकारों ने आक्षेप जताया है।

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यह भेंट सौहार्दपूर्ण वातावरण में संपन्न हुई है, ऐसा पाकिस्तान के अधिकारीने किया दावा वृत्तपत्र ने प्रसिद्ध किया है। इसे पहले सन २०१५ के दिसंबर महीने में दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की अघोषित मुलाकात हुई थी। २ वर्षों पहले हुई इस मुलाकात की अधिक जानकारी का अधिकृत वृत्त माध्यमों के सामने उजागर नहीं हुआ था। उस समय हुई मुलाकात में दोनो देशोंने अधिकृत स्तर पर जानकारी देने की बात टाली है।

भारतीय लष्कर ने जम्मू कश्मीर के आतंकवादियों के विरोध में कठोर कारवाई शुरू की है और सन २०१७ में २०० से अधिक आतंकवादियों को ढेर किया है। इसकी वजह से पाकिस्तान की सहायता पर जी रहे, यहां के आतंकवादी संगठन बड़े हमले करके भारत को चुनौती देने की तैयारी में है। पर अगर भारत में बड़ा आतंकवादी हमला हुआ, तो उसके भीषण परिणाम होंगे ऐसी चिंता विशेषज्ञ व्यक्त कर रहे हैं।

भारत में बड़े आतंकवादी हमले होने के बाद पाकिस्तान के विरोध में जनता का असंतोष बढ़ेगा और उसके दबाव में भारत को पाकिस्तान के विरोध में कारवाई करनी ही होगी, इसकी वजह से भारत एवं पाकिस्तान में युद्ध इसमें केवल एक आतंकवादी हमले का अंतर होने का दावा अमेरिकी विशेषज्ञों से किया जा रहा था। उस स्थिति मे परमाणु युद्ध भड़क सकता है, ऐसा विश्लेषकों का कहना है। इसलिए दोनों देशों में संवाद की प्रक्रिया शुरु होकर यह प्रक्रिया अत्यंत महत्वपूर्ण मानी जा रही है, ऐसा दावा विशेषज्ञों से किया जा रहा है। पर पाकिस्तान आतंकवादी नीति छोड़ने तक कोई चर्चा संभव न होने की भारत की भूमिका है।

इस पृष्ठभूमि पर अघोषित चर्चा द्वारा दोनों देशों में संवाद शुरू होने की बात इस वृत्त से स्पष्ट हो रही है।

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