लेफ्टनंट जनरल अनिल चौहान देश के नए रक्षाबलप्रमुख

नई दिल्ली – रक्षाबलप्रमुख (सीडीएस) जनरल बिपीन रावत की हेलिकॉप्टर दूर्घटना में दुर्भाग्यवश मृत्यू होने के नौ महीनें बाद देश के नए रक्षाबलप्रमुख के नाम का ऐलान हुआ है। जम्मू-कश्‍मीर और ईशान्य भारत में आतंकवाद विरोधी अभियान चलाने का पुख्ता अनुभव रखनेवाले सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टनंट जनरल अनिल चौहान भारत के नए रक्षाबलप्रमुख होंगे। लेफ्टनंट जनरल अनिल चौहान सेना से सेवानिवृत्त होने के बाद देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और रणनीतिक मुद्दों पर सरकार के साथ काम कर रहे थे।

अनिल चौहानजनरल बिपीन रावत की दुर्घटना में दुर्भाग्यवश मृत्यू होने के बाद नए ‘चीफ ऑफ डिफेन्स स्टाफ’ (सीडीएस) पद पर किसकी नियुक्ती होगी, इसकी प्रतिक्षा पिछले नौ महीनों से हो रही थी। रक्षाबलों का समन्वय एवं सहयोग बढ़ाने के लिए एवं देश की सुरक्षा और रक्षाबलों से संबंधित निर्णय प्रक्रिया गतिमान करने के लिए दो साल पहले देश में पहली बार ‘सीडीएस’ पद का निर्माण किया गया था। देश के सामने खड़ी रक्षासंबंधित चुनौतियों के मद्देनज़र ‘सीडीएस’ पद होना चाहिये, ऐसी माँग कई सालों से रक्षाबल एवं विशेषज्ञ कर रहे थे। यह माँग दो साल पहले पुरी हुई और देश के पहले रक्षाबलप्रमुख के पद पर जनरल बिपीन रावत की नियुक्ती हुई। लेकिन, पिछले वर्ष दिसंबर महीने में तमिलनाडू के कुन्नूर में हुई हेलिकॉप्टर दुर्घटना में जनरल रावत को वीरगति प्राप्त हुई थी। इस दुर्घटना मे जनरल रावत की पत्नी, वायुसेना और सेना के ११ अधिकारी भी शहीद हुए थे।

इस दुर्घटना के नौ महीनें बाद लेफ्टनंट जनरल अनिल चौहान की रणनीतिक नज़रिये से काफी अहम पद पर नियुक्ती की गई हैं। लेफ्टनंट जनरल अनिल चौहान ने अपने ४० साल की सैन्य सेवा में कई ज़िम्मेदारीयाँ संभाली हैं। भारतीय सेना के ‘डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिटरी ऑपरेशन’ (डीजीएमओ) के तौर पर उन्होंने ज़िम्मा संभाला था। साथ ही पूर्व सेनाप्रमुख मनोज मुकूंद नरवणे सेनाप्रमुख की बागड़ोर संभालने के बाद लेफ्टनंट जनरल अनिल चौहान को सेना के पूर्व कमांड का ज़िम्मा दिया गया था। लेफ्टनंट जनरल चौहान को आतंकवाद विरोधी अभियान का काफी बड़ा अनुभव हैं और पाकिस्तान की सीमा के करीब जम्मू-कश्‍मीर में और चीन की सीमा के करीबी ईशान्य भारत में उनके नेतृत्व में ऐसें कई अभियान किए गए हैं।

लेफ्टनंट जनरल अनिल चौहान को उनके कामयाब योगदान के लिए परम विशिष्ठ सेवा पकद, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ठ सेवा पदक, सेवा पदक, सेना पदक से सम्मानित किया गया हैं। पिछले साल मई महीने में वह सेवानिवृत्त हुए थे। इसके बाद वह लगातार देश की सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर काम कर रहे थे।

६१ वर्ष उम्र के लेफ्टनंट जनरल चौहान ने सीडीएस पद की बागड़ोर संभालने के बाद उन्हें जनरल पद बहाल होगा। साथ ही सीडीएस पद के साथ ही सैन्य कारोबार विभाग के सचिव के तौर पर भी वह काम देखेंगे।

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