अफ़गानिस्तान का इस्तेमाल आतंकवाद के लिए ना हो – भारत ने आयोजित किए बैठक की प्रमुख माँग

नई दिल्ली – ‘अफ़गानिस्तान की उथल-पुथल का असर सिर्फ अफ़गान जनता पर ही नहीं बल्कि, पड़ोसी देश एवं इस क्षेत्र पर भी पड़ रहा है। इस ओर बड़ी बारिकी से देखना चाहिए। अफ़गानिस्तान की इस चुनौती का सामना करते समय इस क्षेत्र के देशों को इस पर सलाह मशवरा, घना सहयोग, बेहतर संपर्क एवं समन्वय स्थापित करना पड़ेगा। मौजूदा दौर में इसकी बड़ी आवश्‍यकता है’, ऐसा कहकर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल ने भारत ने ही आयोजित किए अफ़गान विषयक बैठक में अपनी भूमिका रखी।

अफ़गानिस्तान का इस्तेमाल‘द दिल्ली रीजनल सिक्युरिटी डायलॉग ऑन अफ़गानिस्तान’ को संबोधित करते समय डोवल ने अफ़गानिस्तान की स्थिति का प्रभाव इस क्षेत्र पर होगा, यह बात रेखांकित की। रशिया, ईरान, कज़ाकस्तान, किरगिज़िस्तान, ताजिकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और उज़बेकिस्तान इन सातों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार भारत द्वारा आयोजित की हुई बैठक में शामिल थे। तो, पाकिस्तान और चीन ने इस परिषद में शामिल होने से इन्कार किया। इस पृष्ठभूमि पर रशिया और ईरान समेत मध्य एशियाई देशों ने इस परिषद में शामिल होकर अफ़गानिस्तान के प्रति भारत की भूमिका का समर्थन किया। इस बैठक के बाद जारी किए गए निवेदन में इसकी छवि दिखाई पड़ी।

अफ़गानिस्तान की भूमि का इस्तेमाल आतंकी गतिविधियों के लिए ना हो। यह देश अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद का केंद्र नहीं बनना चाहिये, यह प्रमुख माँग इस संयुक्त निवेदन से की गई। शांत, सुरक्षित, स्थिर अफ़गानिस्तान को हमारा पूरा समर्थन मिलेगा। साथ ही अफ़गानिस्तान की संप्रभुता, प्रादेशिक एकता और अखंड़ता का सम्मान हो एवं अफ़गानिस्तान के अंदरुनि कारोबार में किसी का भी हस्तक्षेप ना हो, यह उम्मीद इस संयुक्त निवेदन में जताई गई है। सीधे ज़िक्र नहीं किया गया, लेकिन अफ़गानिस्तान का भारत विरोधी आतंकी कार्रवाईयाँ एवं नशीले पदार्थों के व्यापार के लिए इस्तेमाल करने की सोच रखनेवाले पाकिस्तान को लक्ष्य करके संयुक्त निवेदन में यह माँग रखी जाने की बात दिखती है।

चरमपंथी विचारधारा, अलगाववाद और नशीले पदार्थों के व्यापार के खिलाफ एकजुट होकर कार्रवाई करने की बात इस संयुक्त निवेदन में स्वीकारी गई है। साथ ही अफ़गानिस्तान में उभर रही मानवी आपत्ति एवं आर्थिक-सामाजिक स्तर के संकटों पर आठों देशों ने गंभीर चिंता जताई है। संयुक्त निवेदन में इसका ज़िक्र करके अफ़गान जनता को अंतरराष्ट्रीय सहायता सीधे प्राप्त हो, यह माँग भी की गई है।

‘हमारी यह कोशिश अफ़गान जनता को सहायता प्रदान करने के लिए प्रभावी साबित होगी। साथ ही इससे सुरक्षा भी तय होगी’, यह विश्‍वास राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवल ने इस दौरान व्यक्त किया।

इसी बीच, वर्णित बैठक में शामिल सातों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों से प्रधानमंत्री मोदी की भेंट हुई। इस दौरान हुई चर्चा का ब्यौरा अभी सामने नहीं आया है। लेकिन, पाकिस्तान और चीन के शामिल ना होने से यह चर्चा सफल नहीं होगी, यह पाकिस्तान का दावा मिट्टी में मिल गया है। तालिबान ने भी भारत में हो रही इस बैठक का स्वागत किया है। भारत ने आयोजित किए इस बैठक को लेकर हम आशावादी हैं, यह ऐलान तालिबान ने किया। अगले दिनों में अफ़गानिस्तान में भारत की सहायता और निवेष का स्वागत ही होगा, यह बयान भी तालिबान ने किया है।

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