ब्रिटेन की तरह जर्मनी भी यूरोपीय महासंघ से बाहर निकल सकता है – ‘अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी’ के वरिष्ठ नेताओं का दावा

बर्लिन/लंदन – यूरोपिय महासंघ से बाहर निकलने का ब्रिटेन ने किया निर्णय बिल्कुल सही था और आगे के दौर में जर्मनी भी इस तरह का निर्णय कर सकता है, ऐसा सनसनीखेज दावा ‘अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी’ के वरिष्ठ नेताओं ने किया। ब्रिटीश अखबार ‘फाइनान्शिअल टाईम्स’ को दिए साक्षात्कार में यूरोपिय महासंघ के सुधार के मुद्दे पर बोलते हुए अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी के सह-अध्यक्ष एलिस विडेल ने ‘डेक्झिट’ की ‘डॉईश एक्झिट’ की कल्पना पेश की। पिछले कुछ दिनों से जर्मनी में किसानों का प्रदर्शन हो रहा है और चान्सलर शोल्झ के साथ शासक गठबंधन के विरोध में तीव्र नाराजगी की भावना सामने आए हैं। इस पृष्ठभूमि पर ऐसा दावा सामने आना ध्यान खींच रहा है।

यूरोपीय महासंघ के जाचक नियम और आर्थिक असमानता के मुद्दे आगे करके ब्रिटेन ने महासंघ से बाहर निकलने पहल की थी। ब्रिटेन की तरह जर्मनी भी यूरोपीय महासंघ से बाहर निकल सकता है - ‘अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी’ के वरिष्ठ नेताओं का दावावर्ष २०१६ में हुए सार्वमत में ५१.९ प्रतिशत मतदाताओं ने महासंघ से बाहर निकलने को मंजूरी प्रदान की। इसके बाद चार सालों की बातचीत के बाद वर्ष २०२० में ब्रिटेन महासंघ से अधिकृत तौर पर बाहर निकलने का ऐलान किया गया। यूरोप सहित अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर इस घटना के बड़े परिणाम दिख रहे हैं।

ब्रेक्झिट की पृष्ठभूमि पर यूरोपिय महासंघ के विभिन्न सदस्य देशों में ‘एक्झिट’ के मुद्दे पर आक्रामक राजनीतिक प्रदर्शन शुरू हुए थे। ब्रिटेन की तरह जर्मनी भी यूरोपीय महासंघ से बाहर निकल सकता है - ‘अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी’ के वरिष्ठ नेताओं का दावादक्षिण पंथी विचारधारा के गुटों ने महासंघ से बाहर निकलने के मुद्दे पर व्यापक प्रदर्शन खड़े होने का चित्र भी सामने आया था। इटली, पोलैण्ड, ऑस्ट्रिया, हंगरी जैसे देशों में महासंघ से बाहर निकलने का मुद्दा चर्चा का विषय बना रहे गुट अभी भी सक्रिय हैं। इस पृष्ठभूमि पर जर्मनी के शीर्ष राजनीतिक दलों में से एक ‘अल्टरनेटिव्ह फॉर जर्मनी’ (एएफडी) ने उठाई मांग अहमियत रखती है।ब्रिटेन की तरह जर्मनी भी यूरोपीय महासंघ से बाहर निकल सकता है - ‘अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी’ के वरिष्ठ नेताओं का दावा

‘एएफडी’ ने इससे पहले शरणार्थियों का मुद्दा उठाकर जर्मनी में राजनीतिक स्थान प्राप्त करने की कामयाबी हासिल की थी। पिछले कुछ सालों में जर्मनी के विभिन्न चुनाव में इस दल को प्राप्त हो रहा समर्थन बढ़ता दिख रहा है। कुछ प्रांत एवं शहरों में यह दल दूसरे स्थान पर पहुंचा चित्र भी देखा जा रहा है। पिछले कुछ दिनों से जर्मनी में हो रहे किसानों के प्रदर्शन में भी ‘एएफडी’ शामिल होकर अपने पैर फैलाने की कोशिश कर रहा है।

महासंघ से ‘एक्झिट’ लेने का मुद्दा भी पार्टी को प्राप्त हो रहा समर्थन बढ़ाने की कोशिश का हिस्सा हो सकता है, ऐसा कहा जा रहा है। ‘भविष्य में जर्मनी में एएफडी की सरकार बनने पर यूरोपीय महासंघ में सुधार करने की कोशिश होगी। यूरोपीय कमीशन को प्राप्त अधिकार कम किए जाएंगे। यदि इस कोशिश में नाकाम होते है तो जर्मन जनता को ब्रिटेन की तरह सार्वमत का विकल्प दिया जाएगा’, ऐसा एएफडी के सह-अध्यक्ष एलिस विडेल ने कहा।

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