ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध हटाना पर्याप्त नहीं होगा – बायडेन प्रशासन को ईरान के विदेशमंत्री का इशारा

तेहरान – ‘अमरीका ने ईरान पर लगाए गए कुछ प्रतिबंध हटाना सकारात्मक बात है। लेकिन, सिर्फ यही पर्याप्त नहीं है। अमरीका २०१५ के परमाणु समझौते से फिर से पीछे नहीं हटेगी, इसकी गारंटी ही ईरान की प्रमुख माँग है। अमरीका इसके लिए हमें राजनीतिक, सनदीय एवं आर्थिक स्तर पर गारंटी प्रदान करे’, यह बयान ईरान के विदेशमंत्री हुसैन अमिरअब्दुल्लानिया ने किया है। अमरीका के विदेश मंत्रालय ने ईरान पर लगाए गए कुछ प्रतिबंध हटाकर परमाणु समझौते की चर्चा गतिमान करने की कोशिश की है। इस पर ईरान के विदेशमंत्री का यह बयान ध्यान आकर्षित कर रहा है।

बायडेन प्रशासनवर्ष २०१५ में अमरीका, ब्रिटेन, फ्रान्स, रशिया, चीन और जर्मनी ने ईरान के साथ परमाणु समझौता किया था। इस समझौते के अनुसार अपने परमाणु प्रकल्प का युरेनियम संवर्धन नियंत्रित रखने की शर्त ईरान ने स्वीकारी थी। इसके अलावा, अपने परमाणु प्रकल्प पर अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं को परीक्षण करने का अवसर देने की तैयारी भी ईरान ने इस माध्यम से दिखाई थी। लेकिन, डोनाल्ड ट्रम्प अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बनने के बाद उन्होंने यह आरोप लगाया था कि, ईरान इस समझौते का पालन नहीं कर रहा है। उन्हीं के कार्यकाल में अमरीका परमाणु समझौते से पीछे हटी थी। इससे वर्णित परमाणु समझौता टूटने के कगार पर जाता दिखाई दे रहा था। लेकिन, ज्यो बायडेन ने अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष बनने के बाद फिर से ईरान के सथ परमाणु समझौता करने की कोशिश शुरू की है। इसके लिए बायडेन प्रशासन ने ईरान पर लगाए गए कुछ प्रतिबंध हटाने का ऐलान किया।

बायडेन प्रशासनलेकिन, अमरीका फिर से इस परमाणु समझौते से पीछे नहीं हटेगी, इसकी गारंटी ईरान मांग रहा है। यही ईरान की प्रमुख माँग होने का बयान ईरान के विदेशमंत्री हुसैन अमिरअब्दुल्लानिया ने ड़टकर किया। ईरान को राजनीतिक, सनद एवं आर्थिक स्तर पर यह गारंटी देने के लिए यदि अमरीका तैयार होती है, तो कुछ मुद्दों पर सहमती हो सकती है, ऐसा विदेशमंत्री अमिरअब्दुल्लानिया ने कहा है। इस मुद्दे पर ईरान की भूमिका बायडेन प्रशासन के सामने खड़ी चुनौतियाँ बढ़ानेवाली साबित हो रही है। परमाणु समझौते के लिए बायडेन प्रशासन ईरान के आगे झुक रहा है, ऐसी आलोचना अमरीका में जोर पकड़ रही है। बायडेन के ईरान समर्थक नीति का असर खाड़ी क्षेत्र में दिखाई दे रहा है और इस्रायल, सौदी, यूएई जैसे मित्रराष्ट्र इस पर काफी नाराज़ होने की बात पर अमरीका के विपक्षी नेता एवं बायडेन की डेमोक्रैट पार्टी के कुछ नेता और सिनेटर्स भी ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

ईरान पर लगाए गए प्रतिबंध हटाने का निर्णय बायडेन प्रशासन ने क्यों किया, यह अभी स्पष्ट नहीं हुआ है। यह सहुलियत प्रदान करने से पहले बायडेन प्रशासन ने ईरान के सामने क्या कोई सख्त शर्तें रखी हैं, यह सवाल डेमोक्रैट पार्टी के सिनेटर मेनेंडस ने किया है। ऐसी स्थिति में ईरान के विदेशमंत्री ने अपने देश पर लगाए गए कुछ प्रतिबंध हटाने के बावजूद बायडेन प्रशासन के सामने अधिक सख्त शर्तें रखने की बात सामने आ रही है। ईरान की प्रमुख माँग का स्वीकार किया जाए तो बायडेन के बाद सत्ता की ड़ोर संभालनेवाले अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष की इच्छा होने के बावजूद ईरान से किए गए परमाणु समझौते से पीछे हटना मुमकिन नहीं होगा। इसी कारण ईरान की यह शर्त स्वीकारना फिलहाल बायडेन प्रशासन के दायरे की बात ना होने का चित्र स्पष्ट दिख रहा है। ईरान को भी इसकी कल्पना है, फिर भी बातचीत के दौरान अपना दबाव बढाने के लिए ईरान इस शर्त का इस्तेमाल बड़ी चालाकी से करता हुआ दिख रहा है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.