जिनपिंग की अंतरराष्ट्रीय अनुपस्थिति के कारण चीन फिर से गोपनीयिता के परदे में जाने के संकेत – विश्‍लेषक एवं माध्यमों का दावा

बीजिंग – चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने बीते ६५० से अधिक दिनों से एक भी विदेश यात्रा नहीं की है और ना ही किसी वैश्विक नेता से मुलाकात की है। बीते कुछ महीनों में विश्‍व के प्रमुख नेता विभिन्न कार्यक्रम एवं बैठकों के माध्यमों से एक-दूसरे से निजी स्तर पर मुलाकात कर रहे हैं। लेकिन, इनमें शी जिनपिंग का समावेश नहीं है। यह बात जिनपिंग के प्रति रहस्य बढ़ा रही है और यह चीन फिर से गोपनीयता के परदे के पीछे छिपने के संकेत होने का दावा ‘द सिंगापुर पोस्ट’ ने किया है। ब्रिटेन के ‘फायनान्शियल टाईम्स’ नामक अखबार ने भी इसकी पुष्टी करनेवाली खबर जारी की है।

अंतरराष्ट्रीय अनुपस्थितिअंतरराष्ट्रीय स्तर पर कोरोना की महामारी की तीव्रता कुछ हद तक कम होती हुई दिख रही है। इस पृष्ठभूमि पर कई प्रमुख वैश्विक नेताओं ने विदेश दौरे एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर के कार्यक्रमों में शामिल होना शुरू किया है। नाटो की बैठक, जी २० परिषद, ‘सीओपी-२६ समिट’ के माध्यम से कई नेताओं ने एक-दूसरे से निजी स्तर पर मुलाकात की। कोरोना के दौर में कुछ मात्रा में धिमी हुई राजनीतिक गतिविधियों को अब अधिक गति प्राप्त हुई है।

लेकिन, इस दौरान चीन के राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कहीं भी चीन का नेतृत्व करते दिखाई नहीं दिए हैं। राष्ट्राध्यक्ष पद का नियंत्रण स्वीकारने के बाद पहले कुछ वर्षों में लगातार विदेश दौरा करनेवाले एवं वैश्विक नेताओं से मुलाकात करनेवाले जिनपिंग इन दोनों बातों से दूरी बनाते दिख रहे हैं। इसके लिए चीन की हुकूमत कोरोना और इससे संबंधित नियमों का कारण आगे कर रही है, यय दावा ‘द सिंगापुर पोस्ट’ के लेख में किया गया है।

जिनपिंग की इस अनुपस्थिति का संज्ञान लेकर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने उन्हें फटकार लगाई थी। ‘सीओपी-२६ समिट’ में बोलते समय हम सभी यहां पहुँचे हैं और वे नहीं पहुँचे, ऐसा बयान राष्ट्राध्यक्ष बायडेन ने किया था। ऐसा करके आप अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नेतृत्व करने के दावे कैसे कर सकते है, यह सवाल भी बायडेन ने किया था। जिनपिंग की अनुपस्थिति का लाभ उठाकर अमरीका चीन विरोधी गुट को मज़बूती प्रदान कर रही है, यह दावे भी विश्‍लेषक कर रहे हैं।

अंतरराष्ट्रीय अनुपस्थितिचीन के राष्ट्राध्यक्ष की अनुपस्थिति देश की अंदरुनि चुनौतियाँ जिनपिंग के लिए अधिक अहम होने के संकेत देती हैं, ऐसा बयान ‘द सिंगापुर पोस्ट’ ने किया है। जिनपिंग की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अनुपस्थिति की चार कारण होने की संभावना भी इस लेख में जताई गई है। निजी क्षेत्र के खिलाफ जारी कार्रवाई, अर्थव्यवस्था को लग रहे झटके और इसकी वजह से बढ़ती आलोचना, अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन की मलीन हुई प्रतिमा एवं वर्ष २०२२ में होनेवाला कम्युनिस्ट पार्टी का अधिवेशन यह कारण हो सकते हैं, यह दावा ‘द सिंगापुर पोस्ट’ ने किया।

ब्रिटेन के ‘फायनान्शियल टाईम्स’ ने अपने लेख में अंदरुनि स्तर का दबाव और विदेश में तीव्र होती आलोचना की वजह से चीन ने फिर से गोपनीयता के परदे के पीछे छिपने की बात कही है। ‘विदेशी विचारधारा, संकल्पना से चीन को दूर रखकर बाहरी विश्‍व से संबंध घटाने की प्रक्रिया शुरू हुई है। कोरोना की महामारी इसके लिए सहायक साबित हुई है। इसके पीछे का आखरी उद्देश्‍य एकाधिकारशाही को मज़बूत करना और कम्युनिस्ट पार्टी की हुकूमत लंबे समय तक बनी रहे, इसकी पुष्टी करना ही होगा’, ऐसी संभावना प्राध्यापक जीन-पिएरे कैबेस्टन ने जताई है। चीन में रहनेवाले विदेशी नागरिकों की संख्या कम हो रही है, यह दावा भी इस लेख में किया गया है।

इससे पहले जिनपिंग की अनुपस्थिति को लेकर प्रसिद्ध हुई खबरों में जिनपिंग के स्वास्थ्य को लेकर भी आशंका जताई गई थी।

Leave a Reply

Your email address will not be published.