जम्मू-कश्मीर के अलगाववादी नेताओं की गिरफ़्तारी

श्रीनगर, दि. २५ (पीटीआय) – जम्मू-कश्मीर का तनाव निथरते हुए, परिस्थिती में सुधार दिखाई देने लगा है| लेकिन राज्य में तनाव बरक़रार रखने के लिए अलगाववादी नेता ओं के प्रयास जारी हैं। इसीलिए ‘सय्यद अली शाह गिलानी’ और ‘मिरवाईझ उमर फ़ारूख़’ इन अलगाववादी नेताओं को गिरफ़्त में ले लिया गया है|

mirwaiz umar farukh- अलगाववादी नेता

कर्फ्यू का उल्लंघन करने के लिए यह गिरफ़्तारी की गई है| मिरवाईज उमर ने कहा है कि ‘जम्मू-कश्मीर के हालात के लिए भारत सरकार पाक़िस्तान को ज़िम्मेदार ना ठहराएँ|

जम्मू-कश्मीर में अलगावावादियों का प्रमुख संगठन ‘हुरियत कॉन्फरन्स’ के नेता ‘सय्यद अली शहा गिलानी और ‘मिरवाईज उमर फ़ारूख़’ इन्होंने कर्फ्यू का उल्लंघन किया| जनता को संबोधित करने के लिए ये दोनों नेता घर से बाहर निकले, इस कारण इन दोनो नेताओं को गिरफ़्तार कर लिया गया| वहीं, शब्बीर शहा इस अलगावववादी नेता को भी इसी वजह से गिरफ़्त में लिया गया होने की खबर है| साथ ही, यासिन मालिक को नज़रक़ैद में रखा गया है| जम्मू-कश्मीर में हिंसा भड़काने का मौका इन अलगावववादी नेताओं को दुबारा ना मिलें, इसलिए प्रशासन की ओर से यह तत्परता से यह कदम उठाया गया है|

मिरवाईझ उमर फ़ारूख़ ने भारत सरकार पर, जम्मू-कश्मीर मामले में दुष्प्रचार करने का आरोप लगाया है| राज्य में असंतोष और हिंसा के पीछे पाक़िस्तान का हाथ है, ऐसा दावा भारत सरकार द्वारा किया जा रहा है| लेकिन इस हिंसा से पाक़िस्तान का कोई ताल्लुक़ नहीं है, ऐसा यक़ीन फारूख ने दिलाया| वहीं, जम्मू-कश्मीर के दौरे पर रहते केंद्रीय गृहमंत्री ने किये हुए बयान को ज़्यादा महत्त्व देने की ज़रूरत नहीं, ऐसी टिप्पणी भी मिरवाईझ उमर फारूख ने की है|

मिरवाईझ उमर फ़ारूख जैसे कई अलगाववादी नेता, कश्मीर मामलें में इस तरह की बयानबाज़ी करके, पाक़िस्तान से हमारे कोई ताल्लुकात ना रहने का दावा करते हैं, लेकिन राज्य में हिंसा के पीछे पाक़िस्तान का हाथ है, यह बात कई बार साबित हो चुकी है| पाक़िस्तान के प्रधानमंत्री ने जम्मू-कश्मीर मामले में किये हुए बयान इसी बात की गवाही देते हैं| उसी समय, पाक़िस्तान में हफ़ीज़ सईद और सय्यद सलाहुद्दीन जैसे आतंकवादी नेताओं ने, कश्मीर मसले पर की हुई बयानबाज़ी से भी इन अलगाववादी नेताओं का पर्दाफाश हुआ है|

जम्मू-कश्मीर की सीमारेखा पर आतंकवादी घुसपैठ करने का प्रयास कर रहे हैं| पाक़िस्तान की ओर से, कश्मीर में हिंसा भड़काने के लिए चल रहे प्रयासों की तीव्रता भी इसी दौरान बढ़ गयी है| इसलिए कश्मीर मसला आंतर्रराष्ट्रीय स्तर पर उठाने के लिए पाक़िस्तान पूरे प्रयास कर रहा है| उसी समय, संयुक्त राष्ट्र संघ की मानवाधिकार समिति के सामने, जम्मू-कश्मीर में भारत कर रहे तथाकथित अत्याचारों के खिलाफ़ पाक़िस्तान द्वारा की गयी शिक़ायत भी इन प्रयासों का ही एक हिस्सा मानी जा रही है|

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