दक्षिण सुदान में भारत का ‘ऑपरेशन संकटमोचन’

नई दिल्ली, दि. १४ (वृत्तसंस्था)- दक्षिण सुदान के गृहयुद्ध में फँसे ६०० से अधिक भारतीयों को निकालने के लिए भारत सरकार ने ‘ऑपरेशन संकटमोचन’ शुरू किया है|

VK-singh - 'ऑपरेशन संकटमोचन’

भारतीयों को ‘एअरलिफ्ट’ करवाने के लिए गुरुवार सुबह वायुसेना के दो ‘सी-१७’ विमान दक्षिण सुदान की ओर रवाना हुए| विदेश राज्यमंत्री जनरल व्ही. के. सिंग के कंधे पर इस ‘ऑपरेशन संकटमोचन’ की पूरी ज़िम्मेदारी है, साथ ही, एक बचाव पथक भी दक्षिण सुदान में दाखिल हुआ है|

‘दक्षिण सुदान में रहनेवाले भारतीय इस देश से बाहर निकलें| हम आपके लिए दो विमान भेज़ रहे हैं| यदि सुदान में तनाव और भी बढ़ा, तो हम किसी भी प्रकार से सहायता नहीं कर सकेंगे’, यह संदेश सोशल मीडिया द्वारा देते हुए विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने दक्षिण सुदान के भारतीयों को सचेत किया|

भारतीय दक्षिण सुदान से जल्द से जल्द बाहर निकलें, इसलिए भारत की तरफ से लगातार आवाहन किये जा रहे हैं, जबकि दक्षिण सुदान की राजधानी जुबा में अबतक ३०० भारतीयों ने भारत में लौट आने के लिए भारतीय दूतावास में पंजीकरण किया है| दक्षिण सुदान के कई भागों में परिस्थिति हाथ से बाहर जा रही है, ऐसे रिपोर्ट मिल रहे हैं| ऐसे हालातों में, राजधानी जुबा में वापस आने के लिए तैयार होनेवाले भारतीयों के लिए ‘ऑपरेशन संकटमोचन’ हाथ में लिया गया है|

गुरुवार सुबह ट्विट करते हुए विदेश राज्यमंत्री जनरल व्ही. के. सिंग ने, ‘ऑपरेशन संकट मोचन’ शुरू हुआ, ऐसी घोषणा की| इसके लिए भारतीय वायुसेना के दो विमान दक्षिण सुदान के लिए उड़ाने भर चुके हैं, यह जानकारी जनरल व्ही. के. सिंग ने दी|

बुधवार को ही, जुबा में पंजीकरण किये भारतीयों के लिए वायुसेना का विमान ‘एअरलिफ्ट’ करने पहुँच रहा है, यह सूचना दी गई थी| साथ ही, कम से कम सामान और आवश्यक कागज़ात लेकर तैय्यार रहें, यह संदेश भारतीयों को दिया गया था| महिला और छोटे बच्चों के बचाव को प्राथमिकता दी जाएगी, ऐसी जानकारी भारतीय विदेश मंत्रालय ने दी|

दक्षिण भारत में कुल ६०० भारतीय हैं, इनमे से ४५० भारतीय राजधानी जुबा में रहते हैं| वहीं, शहर के आसपास के इलाकों में करीबन १५० भारतीय रह रहे  हैं| चार दिन पहले विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने, दक्षिण सुदान के हालातों पर भारत की नज़र है, ऐसा कहते हुए, ‘जिन भारतीयों को वापस आने की इच्छा है, उन्हें हम ज़रूर मदद करेंगे’ ऐसा स्पष्ट किया था| साथ ही, परिस्थिति सुधर रही है, ऐसी खबरें आ रही हैं, यह भी विदेशमंत्री स्वराज ने कहा था| लेकिन पिछले दो दिनों में परिस्थिति बिगड़ जाने पर, सारे भारतीय जल्द ही फ़ैसला करें, यह आवाहन सुषमा स्वराज ने किया|

पिछले वर्ष, संघर्षग्रस्त येमन में फँसे भारतीयों को छुड़ाने के लिए भारतीय वायुसेना और नौसेना की मदद से मुहिम शुरू की थी| येमेन से चार हज़ार भारतीयों को बाहर निकाला था| इससे पहले युक्रेन और इराक़ से भी हजारो भारतीयों को ‘एअरलिफ्ट’ किया गया था|

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