रशिया द्वारा नौसेना क्षमता को बढ़ाने की ज़ोरदार तैयारी

मॉस्को, दि. २५ (वृत्तसंस्था)- अमरीका, नाटो और चीन, सागरी क्षेत्र में आक्रामक नीति के संकेत दे रहे हैं| रशिया ने भी अपनी नौसेना की क्षमता को बढ़ाने के लिए तेज़ गति से तैयारी शुरू की है| रशिया के रक्षा विभाग से संबंधित उपक्रम ने ध्वंसक पोत, पनडुब्बीभेदक युद्धपोत और ‘गायडेड मिसाईल क्रूझर’ की ख़ुबियाँ रहनेवाले अलग ‘युनिव्हर्सल न्युक्लिअर बॅटलशिप’ की रचना तैय्यार की है|

Russia-Universal-Nuclear-Battleship- रशिया

कुछ ही महीनों में इनपर काम शुरू होगा, ऐसे संकेत रशियन अधिकारी ने दिये हैं| वहीं, ऑस्ट्रेलिया के एक अभ्यास मंच ने, रशिया आधुनिक पनडुब्बियों के ज़ोर पर एशिया-प्रशांत क्षेत्र पर प्रभुत्व पाने के लिए प्रयास कर रहा है, ऐसा दावा किया|

रशिया के रक्षा विभाग से जुडे उपक्रम के वरिष्ठ अधिकारी ने नये युद्धपोत के प्रकल्प के बारे में जानकारी दी| इसके अनुसार, ‘युनिव्हर्सल न्युक्लिअर बॅटलशिप’ साधारण ध्वंसक पोत से भी दो गुना बड़ा होगा| न्युक्लिअर एनर्जी पर चलनेवाले इस युद्धपोत में लगभग तीन महीनें, अतिरिक्त ऊर्जा और सहयोग के बिना सागरी क्षेत्र में तैनात रहने की क्षमता होगी| यह ‘युनिव्हर्सल न्युक्लिअर बॅटलशिप’ एकसाथ ध्वसंक पोत, ‘अँटि-सबमरिन शिप’ और ‘गायडेड मिसाईल क्रूझर’ की ज़िम्मेदारी निभायेगा, ऐसी जानकारी ‘डिफेन्स टॉक’ इस सामयिक पत्रिका में प्रकाशित हुई बातचीत से सामने आई है|

‘प्रोजेक्ट २३५६० लीडर’ यह नाम रहनेवाले ‘युनिव्हर्सल न्युक्लिअर बॅटलशिप’ में, बड़ी मात्रा में प्रक्षेपास्त्र यंत्रणा तैनात की गई है| उसमे ‘कॅलिबर एन-के क्रूझ मिसाईल्स’, ‘एस ५०० एअर डिफेन्स सिस्टीम, ‘पी-८००ओनिक्स सुपरसॅनिक अँटी शिप क्रूझ मिसाईल्स’, ‘झिरकॉन हायपरसोनिक मिसाईल्स’ शामिल रहेंगे| इस युद्धपोत पर लगभग २०० प्रक्षेपास्त्रों की तैनाती होगी, ऐसा कहा जाता है| इसके अलावा, दो अटॅक हेलिकॉप्टर्स के लिए भी युद्धपोत पर जगह होगी|

akula-class_submarine२०० मीटर्स से अधिक लंबाई और २० मीटर्स की चौड़ाई रहनेवाले इस ‘युनिव्हर्सल न्युक्लिअर बॅटलशिप’ का स्पीड ३२ नॉट रहेगा, यह जानकारी सूत्रों ने दी| इस ‘युनिव्हर्सल न्युक्लिअर बॅटलशिप’ के अलावा, रशिया और पश्‍चिमी देशों के विमानवाहक युद्धपोतों के नमुने पर आधारित नये विमानवाहक युद्धपोत की रचना पर भी काम शुरू हो गया है| एक ही समय में ८० लड़ाक़ू विमान और हेलिकॉप्टर्स रह सकते हैं, ऐसी क्षमता का युद्धपोत तैयार करने की तैयारी शुरू हो चुकी है| इसके साथ ही, नया हेलिकॉप्टर कॅरिअर युद्धपोत के निर्माण के संकेत मिले हैं| इन सारे युद्धपोतों का निर्माण सन २०२५ तक करने का लक्ष्य रखा गया है|

नये युद्धपोतों के साथ रशिया ने पनडुब्बी के निर्माण को भी गति दी है| ऑस्ट्रेलिया के ‘लोवी इन्स्टिट्यूट ऑफ इंटरनॅशनल पॉलिसी’ इस अभ्यास मंच ने, रशियन पनडुब्बी का विस्तार और आक्रमकता पर विशेष रिपोर्ट तैयार किया है| ‘रशियाज् एशियन रिबॅलन्स’ नाम के इस रिपोर्ट में, रशिया नयी आधुनिक पनडुब्बी के ज़ोर पर एशिया-प्रशांत सागरी क्षेत्र में प्रभुत्व बढ़ाने का प्रयास कर रहा है, ऐसा निष्कर्ष दर्ज़ किया गया है|

रशियन नौसेना ‘बोरेई क्लास’ और ‘यासेन क्लास’ की प्रगत पनडुब्बियों को प्रशांत महासागर के अड्डे पर तैनात करेगी| साथ ही, इससे पहले कार्यरत ‘अकुला’, ‘ऑस्कर’ और ‘सिएरा’ प्रकार की पनडुब्बियों का आधुनिकीकरण शुरू है|  रशिया का ‘पॅसिफिक फ्लीट’ अगले दशक में सबसे बड़े नौसेना बेस के तौर पर विकसित होगा, ऐसा दावा रशिया के रक्षा विश्‍लेषकों ने किया है|

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