संयुक्त राष्ट्र में भारत का पाक़िस्तान को क़रारा जवाब

akbaruddin- सैयद अकबरुद्दीनसंयुक्त राष्ट्रसंघ, दि. १४ (पीटीआय) – ‘दूसरे देश की भूमि हथियाकर पाक़िस्तान आतंकवाद का राजकीय हेतु से इस्तेमाल कर रहा है| आतंकवाद की सराहना करनेवाले पाक़िस्तान के मानवाधिकारों का इतिहास संदेहजनक है, जिसकी वजह से पाक़िस्तान को संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार संगठन में सदस्यता नहीं मिल सकी’ ऐसे तीखे शब्दों में संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी राजदूत सैयद अकबरुद्दीन ने, पाक़िस्तान द्वारा किये गए आरोपों को क़रारा जवाब दिया है| संयुक्त राष्ट्र में जम्मू-काश्मीर का मसला उछालकर पाक़िस्तानी राजदूत मलिहा लोधी ने भारत पर आलोचना की थी|

‘बुर्‍हान मुझफ्फर वनि’ की हत्या करके भारत ने काश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन करने का एक और उदाहरण दुनिया के सामने रखा है, ऐसा आरोप मलिहा लोधी ने किया था| साथ ही, भारतीय सुरक्षाबल कश्मीरी जनता पर जुल्म ढा रहे हैं और यहाँ की जनता को मूलभूत अधिकारों से वंचित रखा जा रहा हैं, ऐसी आलोचना लोधी ने की थी| पाक़िस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस झकारिया ने इस्लामाबाद में जानकारी देते हुए, ‘बुर्‍हान वनि स्वतंत्रतासेनानी था’ ऐसा दावा किया था| पाक़िस्तानी मीडिया भी ‘बुर्‍हान वनि’ की तारीफ़ करते दिखाई दे रही है| साथ ही, भारतीय सुरक्षाबलों द्वारा कश्मीर की जनता पर अत्याचार किए जा रहे हैं, ऐसा कहते हुए निषेध कर रही है| संयुक्त राष्ट्र के व्यासपीठ पर मलिहा लोधी ने की हुई इस आलोचना को भारत के राजदूत अकबरुद्दीन ने क़रारा जवाब दिया है|

पाक़िस्तान आतंकवाद की तारीफ़ कर रहा है, ऐसा कहते हुए अकबरुद्दीन ने, पाक़िस्तान के आतंकवादी इतिहास की याद दिलाई| यही नहीं, बल्कि पाक़िस्तान के कब्ज़ेवाले कश्मीर की भूमि का इस्तेमाल आतंकवादी गतिविधियों के लिए किया जा रहा है, ऐसा दोषारोप अकबरुद्दीन ने अपने भाषण में किया| इसीके साथ, दूसरे देश पर मानवाधिकारों के उल्लंघन का इल्ज़ाम लगानेवाला पाक़िस्तान, अपने खुद के देश में हो रहे मानवाधिकारों के हनन के लिए ही जाना जाता है| इसी वजह से पाक़िस्तान को संयुक्त राष्ट्र में मानवाधिकार संगठन में सदस्यता नहीं मिल सकी, इसकी याद अकबरुद्दीन ने दिलाई|

पाक़िस्तान काश्मीर की जनता के मानवाधिकार और आत्मनिर्णय के अधिकारों की बात कर रहा है, लेकिन इस देश ने केवल नकाब ओढ़ा है| वास्तव में पाक़िस्तान आतंकवाद का समर्थन करता आया है, ऐसा अकबरुद्दीन ने अपने भाषण में स्पष्ट किया| साथ ही, संयुक्त राष्ट्र के व्यासपीठ पर पाक़िस्तान बहुत ही झूठे तरीक़े से कश्मीर का मुद्दा रख रहा है, ऐसा आरोप भी अकबरुद्दीन ने किया| पाक़िस्तान संयुक्त राष्ट्र के व्यासपीठ का गलत तरीक़े से इस्तेमाल कर रहा है| जम्मू-कश्मीर के हालातों पर किसी भी ओर से चर्चा नहीं हुई है, ऐसा कहते हुए आंतर्राष्ट्रीय समुदाय जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर भारत के समर्थन में खड़ा है, ऐसे संकेत अकबरुद्दीन ने अपने भाषण में दिए|

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