अमरीका से ‘पोसाइडन-८ आय’ की खरीदारी करने को मंत्रिमंडल समिति की मंज़ुरी

P8i नवी दिल्ली, दि. ३ (वृत्तसंस्था) – प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुआई में कार्यरत रहनेवाली ‘कॅबिनेट कमिटी ऑन सिक्युरिटी’ ने (सीसीएस) अमरीका से चार ‘पोसाइडन-८आय’ विमानों की खरीदारी करने की प्रक्रिया को मंज़ुरी दी। पनडुब्बी का निशाना साधकर उसे नष्ट करने की क्षमता रखनेवाले इस विमान का व्यवहार देश की रक्षासिद्धता के लिए बेहद अत्यावश्यक हो गया था। ख़ासकर हिंद महासागर में चिनी पनडुब्बियों की आवाजाही बढ़ने के कारण ‘पोसाइडन-८आय’ जैसे विमान की देश को बेहद जरूरत महसूस होने लगी थी। इस पृष्ठभूमि पर लगभग एक अरब डॉलर का यह रक्षा व्यवहार महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

पिछले कुछ सप्ताहों से भारत सरकार द्वारा, देश की रक्षासिद्धता को गति देने के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण कदम उठाने के फ़ैसले किए गए, जिनमें रक्षासामग्री की ख़रीदारी के विषय में महत्वपूर्ण निर्णय भी समाविष्ट है। इनमें पिछले सप्ताह, भारत सरकार द्वारा अमरीका से १४५ ‘अल्ट्रा लाईट एम-७७७’ हॉवित्झर तोपें खरीदने का फ़ैसला किया गया था। यह तोप, चीन से सटे इलाकों में तैनात करने की तैयारी भारत सरकार द्वारा की गई हैं। इसके बाद ‘पोसाइडन-८आय’ की ख़रीदारी को मंजुरी देते हुए केंद्र सरकार ने रक्षासिद्धता को बढाने हेतु महत्त्वपूर्ण कदम उठाए हैं।

‘पोसाइडन-८आय’ यह विमान सागरी सर्वेक्षण के लिए बेहद उपयुक्त माना जाता हैं। समुंदर में छिपी पनडुब्बी को लक्ष्य बनाने का काम यह विमान अत्यंत कुशलता से करता हैं। इसीके साथ इन पनडुब्बियों को नष्ट करने की क्षमता भी ‘पोसाइडन-८आय’ में हैं। हिंद महासागर क्षेत्र में भारत के प्रभाव को चुनौती देनेवाले चीन की नौसेना में पनडुब्बियाँ अधिक संख्या में है। यही चिनी नौसेना का सबसे बड़ा बलस्थान है, ऐसा माना जाता है। हिंद महासागर क्षेत्र में चिनी पनडुब्बियों का आनाजाना भी बढ़ रहा हैं। इस पृष्ठभूमि पर, ‘पोसाइडन-८आय’ की इस खरीदारी को विशेष महत्त्व प्राप्त हुआ हैं।

इसी बीच, भारत दौरे पर आए अमरीका के राजनीतिक व्यवहार विभाग के उपमंत्री टॉम शेनॉन ने भारत और अमरीका के बीच बढ़ रहे धोरणात्मक और सामरिक साझेदारी का स्वागत किया हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में दोनो देशों के सामरिक संबंध तेजी से विकसित हो रहे है, इसपर शेनॉन ने संतोष जताया है। कुछ ही दिन पहले शेनॉन ने, चीन ‘साऊथ चायना सी’ क्षेत्र के साथ साथ, हिंद महासागर क्षेत्र में भी अपना प्रभाव बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, ऐसा आरोप किया था। साथ ही, चीन की इस वर्चस्ववाद नीति के खिलाफ, अमरीका भारत के साथ रक्षा साझेदारी को बढ़ा रही है, ऐसे संकेत शेनॉन ने दिए थे।

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