इंडोनेशिया में भारत और चीन के विदेशमंत्रियों में चर्चा

नई दिल्ली – इंडोनेशिया में जारी ‘जी २०’ परिषद की पृष्ठभूमि पर विदेशमंत्री एस.जयशंकर की चीन के विदेशमंत्री वैंग ई से चर्चा हुई। तकरीबन घंटेभर तक चली इस चर्चा से विदेशमंत्री जयशंकर ने लद्दाख के ‘एलएसी’ के मुद्दे पर भारत की भूमिका स्पष्ट तौर पर रखी। इस दौरान भारत और चीन के संबंधों में एक-दूसरे के प्रति आदर एवं संवेदनशीलता और हितसंबंधों का अहसास रखना काफी आवश्यक होने के मुद्दे पर विदेशमंत्री जयशंकर ने ध्यान आकर्षित किया।

भारत और चीनपिछले कुछ दिनों से इंडोनेशिया की इस परिषद में भारत और चीन के विदेशमंत्रियों में चर्चा होगी, ऐसी खबरें प्राप्त हो रही थीं। चीन भारत के साथ राजनीतिक स्तर पर चर्चा करने के लिए विशेष उत्सुकता दिखाने की बात भी सामने आ रही है। ऐसे में भारत ने लद्दाख के ‘एलएसी’ पर चीन की सेना की तैनाती, द्विपक्षीय सहयोग में बाधा सबसे बड़ी समस्या होने का इशारा दिया है। द्विपक्षीय सहयोग स्थापित करते हुए दोनों देशों के हज़ारों सैनिक सीमा पर एक-दूसरे के आमने-सामने नहीं होते, इसका अहसास विदेशमंत्री जयशंकर ने चीन को चिलाया था।

इंडोनेशिया में हुई इस चर्चा के दौरान भी विदेशमंत्री जयशंकर ने यही मुद्दा चीन के सामने अलग ढ़ंग से रखा। एक-दूसरे का सम्मान किए बिना और संवेदनशीलता दिखाए बिना एवं भारत के अधिकारों को लेकर बेपरवाही दिखाकर चीन को संबंध सुधारना संभव नहीं होगा, ऐसा इशारा जयशंकर ने फिर से चीन को दिया। साथ ही भारतीय छात्रों को वीजा देने से इन्कार करके चीन ने भारत की नाराज़गी आमंत्रित की है। चीन के इस निर्णय से हज़ारों भारतीय छात्रों को नुकसान पहुँचा है। चीन के विदेशमंत्री से चर्चा के दौरान जयशंकर ने यह मुद्दा भी रखा था।

इस वजह से एक घंटा चली यह चर्चा भारतीय माध्यमों का ध्यान आकर्षित कर रही है। साथ ही भारत अपने माँगे पीछे लकर समझौता नहीं करेगा, यह संदेश भी भारत ने इस चर्चा के माध्यम से दिया है। भारत को चीन केवल एक बाजार के तौर पर देख रहा है और उसके आगे जाकर भारत के अधिकारों का विचार करने के लिए चीन तैयार नहीं है। लेकिन, इसके आगे भारत चीन की ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेगा, यह चीन को समझना होगा, इसी बात पर भारत विभिन्न तरिकों से चीन का ध्यान आकर्षित कर रहा है। विदेशमंत्री जयशंकर इंडोनेशिया की परिषद के अवसर पर फिर एक बार वास्तव का अहसास कराते दिख रहे हैं।

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