लेबनान स्थित फिलिस्तीनियों के अड्डे पर इस्रायल के हमलें – इस्रायली रक्षाबलों ने दावा ठुकराया

बैरूत/जेरूसलेम – लेबनान स्थित फिलिस्तीनियों के अड्डे पर हुए शक्तिशाली विस्फोट में पाँच आतंकवादी ढेर हुए। यह विस्फोट यानी इस्रायल का हमला था और उसमें अपने साथीदार मारे गये होने का आरोप फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन ने किया है। वहीं, लेबनान की सीमा में हुए इस हमले का सटीक प्रत्युत्तर दिया जायेगा, ऐसी धमकी हिजबुल्लाह इस आतंकवादी संगठन का सरगना हसन नसरल्ला ने दी। फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन की ओर से भी इस्रायल को हमले की धमकियाँ दीं जा रहीं हैं। लेकिन इस्रायल के रक्षाबल ने, लेबनान में हुए हमले से अपना संबंध नहीं है, ऐसा कहा है।

बुधवार को मध्यरात्रि के समय सिरिया की सीमा के पास का ‘कुसाया’ यह लेबेनीज गाँव शक्तिशाली विस्फोट से दहल गया। लेबनान में छिपे ‘पॉप्युलर फ्रंट फॉर द लिबरेशन ऑफ पॅलेस्टाईन-जनरल कमांड’ (पीएफएलपी-जीसी) इस फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन के अड्डे पर यह विस्फोट हुआ। इसमें पाँच आतंकी जगह पर ही ढेर हुए और 10 लोग घायल हुए। उनमें से दो लोगों की तबियत गंभीर होने की जानकाती लेबेनीज यंत्रणाओं ने दी।

‘पीएफएलपी-जीसी’ के आतंकवादी इस्रायल पर रॉकेट हमलें करने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन यह तैयारी जारी थी कि तभी आतंकवादियों के अड्डे पर विस्फोट हुआ और इस्रायल पर हमल करने से पहले ही आतंकी मारे गये, ऐसी जानकारी लेबनान स्थित सूत्रों ने दी होने के दावे माध्यमों ने किये हैं। ‘पीएफएलपी-जीसी’ के कमांडर अन्वर राजा ने कुसाया में हुए इस हमले के लिए इस्रायल को ज़िम्मेदार ठहराया। ‘पीएफएलपी-जीसी’ यह ईरान से जुड़ा फिलिस्तीनी आतंकवादी संगठन होने का दावा किया जाता है।

इस्रायल के रक्षाबल ने उसपर थोपे गये इन आरोपों को ठुकराया। लेकिन इस्रायल की छवि को ठेंस ना पहुँचें इसलिए इस्रायली सरकार इस हमले की ज़िम्मेदारी का स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं, ऐसा दोषारोपण ‘पीएफएलपी-जीसी’ ने किया। लेबनान पर वर्चस्व होनेवाले हिजबुल्लाह इस ईरान से जुड़े आतंकवादी संगठन ने भी, पीएफएलपी-जीसी पर हुए हमले के लिए इस्रायल को ही ज़िम्मेदार ठहराया। हिजबुल्लाह प्रमुख नसरल्ला ने तो, जलद ही इस हमले का प्रत्य्त्तर दिया जायेगा, ऐसी धमकी भी दी।

सिरिया की सीमा के पास अड्डा होनेवाला ‘पीएफएलपी-जीसी’ यह आतंकवादी संगठन सिरिया के गृहयुद्ध में सहभागी हुआ है। ईरान के साथ संपर्क होनेवाला यह आतंकी संगठन, सिरियन राष्ट्राध्यक्ष बशर अल-अस्साद के पक्ष में सिरिया के संघर्ष में कूद पड़ा था। 1968 में इस्रायल के यात्री विमान के हुए अपहरण में इस फिलिस्तीनी आतंकी संगठन का सहभाग था।

वहीं, 1969 में झ्युरिक हवाई अड्डे पर हुए हमले में और 1970 में झ्युरिक से तेल अविव के लिए रवाना हुए यात्री विमान में बमविस्फोट करवाकर 47 लोगों की जान लेनेवाले घातपात में भी उस संगठन का समावेश था। उसी प्रकार, 1985 में इस आतंकी संगठन ने तीन इस्रायली जवानों का अपहरण करके, उनके बदले में 1100 से अधिक फिलिस्तीनी आतंकवादियों की रिहाई की माँग की थी। इस कारण, ‘पीएफएलपी-जीसी’ के अड्डे पर हुआ यह हमला महत्त्वपूर्ण माना जा रहा है।

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