स्वीडन को नाटो में सहभागी करा लेने का समय आया है – अमरीका के विदेशमंत्री अँथनी ब्लिंकन

स्टॉकहोम/वॉशिंग्टन – तुर्की ने स्वीडन को नाटो में सहभागी करा लेने के बारे में होनेवाले ऐतराज़ अगर हटाये, तो जुलाई में होने वाली परिषद से पहले स्वीडन नाटो का सदस्य बन सकता है, ऐसा बयान अमरीका के विदेश मंत्री अँथनी ब्लिंकन ने किया। विदेश मंत्री ब्लिंकन फिलहाल युरोप के दौरे पर होकर, बुधवार को नॉर्वे में होने वाली, नाटो विदेश मंत्रियों की बैठक में उपस्थित रहने वाले हैं। स्वीडन की नाटो सदस्यता का मुद्दा प्रस्तुत करते समय ही, तुर्की को ‘एफ-16’ लड़ाकू विमान देने के संदर्भ में बायडेन प्रशासन सकारात्मक होने का दावा भी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने किया।

पिछले साल शुरू हुए रशिया-युक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर, अमरीका तथा नाटो ने युरोप में लष्करी क्षमता बढ़ाने की गतिविधियाँ तेज़ की थीं। इसके तहत, युरोप के फिनलैंड तथा स्वीडन इन देशों पर, नाटो में शामिल होने के लिए दबाव डाला गया था। रशियन आक्रामकता का कारण आगे करके दोनों देशों की सरकारों ने, नाटो में समाविष्ट होने को मान्यता दी थी। उनमें से फिनलैंड अप्रैल महीने में अधिकृत रूप में नाटो का सदस्य बन गया। लेकिन स्वीडन की सदस्यता के लिए और प्रतीक्षा करनी पड़ेगी, ऐसे संकेत प्राप्त हुए हैं।

तुर्की ने स्वीडन की सदस्यता पर ऐतराज़ जताए होकर, अपनी मांगें पूरी किए बगैर स्वीडन को नाटो में समाविष्ट करने के लिए तुर्की मान्यता नहीं देगा, ऐसी आक्रामक भूमिका तुर्की की सत्ताधारी हुकूमत ने अपनाई थी। इस मुद्दे पर अमरीका तथा नाटो ने की हुई मध्यस्थता भी असफल साबित हुई होकर, तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने अपने ऐतराज़ कायम होने की बात स्पष्ट की है। इसलिए अमरीका ने तुर्की को ‘एफ-16’ का लालच दिखाने की कोशिश की शुरू की हुई दिख रही है।

राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन तथा अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के बीच हाल ही में हुई चर्चा में भी स्वीडन और ‘एफ-16’ का मुद्दा उपस्थित हुआ, यह बात सामने आयी है। अमरीका के विदेश मंत्री ने हालाँकि ये दोनों स्वतंत्र मुद्दे होने का खुलासा करने की

कोशिश की है, फिर भी ये दोनों बातें युरोप की सुरक्षा के लिए अहम हैं, यह भी स्पष्ट किया। दोनों बातें जल्द ही पूरी होंगी ऐसी अमरीका को उम्मीद है, ऐसा भी विदेश मंत्री ब्लिंकन ने कहा। इसी बीच, स्वीडन के प्रधानमंत्री उल्फ क्रिस्टर्सन ने भी यह जानकारी दी है कि वे सदस्यता के मुद्दे पर तुर्की के संपर्क में हैं।

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