इस्रायल और सौदी का सहयोग नाकामयाब ही होगा – ईरान के राष्ट्राध्यक्ष का दावा

वॉशिंग्टन – इस्रायल और सौदी अरब का सहयोग होने की संभावना से ईरान बेचैन होता दिख रहा है। अमरीका की मध्यस्थता से इस्रायल के और सौदी के एवं अन्य किसी भी अरब देश के साथ सहयोग स्थापित करने के लिए हो रही कोशिश कामयाब नहीं होगी, ऐसा दावा ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने किया। सौदी का इस्रायल से सहयोग करना यानी पैलेस्टिनियों के पीठ में खंजर घोंपने जैसा होगा, ऐसी चेतावनी ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने दो दिन पहले ही दी थी। पैलेस्टिनी नेताओं ने भी ईरान की इस भूमिका का समर्थन किया था। इसी बीच, सौदी के पीछे और छह इस्लामी देश इस्रायल से सहयोग करने के लिए तैयार होने का दावा इस्रायल के विदेश मंत्री ने किया है।

संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा के अवसर पर अमरीका पहुंचे ईरान के राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने दो दिन पहले अमरिकी समाचार चैनल ‘सीएनएन’ को साक्षात्कार दिया था। इसका कुछ हिस्सा रविवार को जारी किया गया। इसमें ईरान और पश्चिमी देशों का परमाणु समझौता, इस्रायल और अरब देशों के सहयोग पर स्पष्ट चर्चा की गई। इनमें से अमरीका की मध्यस्थता से हो रहे इस्रायल के अब्राहम समझौते पर बोलते हुए ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने अरब देशों की आलोचना की।

यह समझौता करके अरब देशों ने पैलेस्टिनियों से विश्वासघात किया है, ऐसा आरोप राष्ट्राध्यक्ष रईसी ने लगाया। वहीं, इस्रायल और सौदी का सहयोग स्थापित करने के लिए हो रही बातचीत को लेकर ईरान के राष्ट्राध्यक्ष ने नाराज़गी भी जताई। सौदी या अन्य अरब देशों से सहयोग स्थापित करने के लिए इस्रायल और अमरीका की हो रही कोशिश कामयाब नहीं होगी ऐसा रईसी ने कहा।

लेकिन, ईरान की सरकार से जुड़े समाचार चैनल और माध्यमों ने इस्रायल-सौदी का सहयोग स्थापित करने के लिए हो रही कोशिशों की आलोचना की। इस सहयोग के लिए सौदी अब इस्रायल के अधिक करीब जा रहा हैं, ऐसा आरोप ‘तेहरान टाईम्स’ ने लगाया। वहीं, इस्रायल से मेल कर रहें एवं इसके लिए कोशिश में लगे अरब देश वर्ष २००२ का समझौता भूल गए हैं, ऐसी आलोचना ईरान के सरकारी समाचार चैनल ने की है। साथ ही सौदी से सहयोग करने के मुद्दे पर इस्रायल में नेत्यान्याहू की सरकार में भी मतभेद होने का दावा इस ईरानी समाचार चैनल ने किया है।

सौदी के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान ने पिछले हफ्ते अमरिकी समाचार चैनल से बातचीत करते समय इस्रायल के साथ सहयोग करने के संकेत दिए थे। इसी बीच, इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में ही यह विश्वास व्यक्त किया था कि, जल्द ही सौदी के साथ सहयोग स्थापित होगा। इससे खाड़ी में हमेशा के लिए शांति स्थापित होगी, यह विश्वास भी उन्होंने व्यक्त किया था। इसके बाद पिछले तीन दिनों में दो बार ईरानी राष्ट्राध्यक्ष ने इस्रायल-सौदी के संभावित सहयोग को लक्ष्य किया।

इस दौरान सौदी और ईरान के विदेश मंत्री की चर्चा हुई। लेकिन, इससे ज्यादा कुछ हासिल नहीं हुआ है, ऐसा दावा खाड़ी के विश्लेषक कर रहे हैं। ईरान के साथ सहयोग करने के लिए सौदी उत्सुक नहीं हैं, ऐसा इन विश्लेषकों का कहना हैं। उल्टा इस्रायल से सहयोग करने के लिए सौदी ही अधिक अहमियत दे रहा हैं और जल्द ही सौदी का एक शिष्ट मंड़ल वेस्ट बैंक का दौरा करके पैलेस्टिनी नेताओं से चर्चा करने की संभावना है। पैलेस्टिन भी इस्रायल के साथ शांति वार्ता शुरू करें, इसके लिए सौदी पैलेस्टिनी नेताओं पर दबाव बना सकता हैं, ऐसी चर्चा भी सुनाई दे रही है।

इसी बीच, सौदी अरब ने इस्रायल के साथ सहयोग स्थापित किया तो वह दुनियाभर के अन्य अरब-इस्लामी देशों के लिए वह एक सकारात्मक संदेश साबित होगा, ऐसा दावा इस्रायली नेता कर रहे हैं। सौदी के बाद बांगलादेश समेत कुल छह देश भी इस्रायल से सहयोग करेंगे और इसे स्वीकृति प्रदान करेंगे, ऐसा दावा इस्रायल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने दिया है।

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