पर्शियन खाड़ी में हमारे अधिकारों पर हुआ अतिक्रमण ईरान बर्दाश्त नहीं करेगा – ईरान के विदेश मंत्रालय का सौदी को इशारा

तेहरान – कुछ महीने पहले ही चीन की मध्यस्थता से ईरान और सौदी अरब का सहयोग स्थापित हुआ। चीन ने इन दोनों शत्रु देशों को साथ मिलाने से पहली बार क्षेत्रीय तनाव कम होने का दावा किया जा रहा था। लेकिन, पर्शियन खाड़ी के विवादित मुद्दों के कारण ईरान और सौदी के बीच अभी भी तेढ़ बनी होने की बात फिर से स्पष्ट हुई है। यहां के ईंधन क्षेत्र के अधिकारों के लिए हम कोशिश जारी रखेंगे, यह ऐलान ईरान ने किया है। साथ ही ईंधन क्षेत्र के अधिकारों को ठुकराना ईरान बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करेगा, ऐसी चेतावनी ईरान ने दी है। ऐसे में ईरान स्पष्ट ज़िक्र किए बिना सौदी अरब को चेतावनी देता दिख रहा है। कुछ घंटे पहले इस्रायल और सौदी के सहयोग की खबर पर भी ईरान ने अपना गुस्सा जताया था।

इस वर्ष के अप्रैल महीने में चीन ने ईरान और सौदी अरब इन दो शत्रु देशों का सहयोग स्थापीत करके बड़ा राजनीतिक भूकंप किया था। पिछले सात सालों से इन दो पड़ोसी देशों के बीच राजनीतिक तनाव जारी था। उससे पहले भी ईरान और सौदी के संबंध सामान्य नहीं थे। इस कारण से चीन ने इन दो देशों का सहयोग स्थापीत करके खाड़ी की राजनीति में अपना स्वतंत्र स्थान निर्माण करने की बात कही जा रही थी।

लेकिन, मात्र तीन महीनों में ही ईरान और सौदी का यह सहयोग खड़ा रहने से पहले ही इसमें दरार पड़ती दिख रही है। ईरान के ईंधन मंत्री जावेद ओवजी ने यह घोषित किया कि, पर्शियन खाड़ी के ‘अल-दुरा’ ईंधन वायु प्रकल्प पर ईरान का अधिकार कोई भी ठुकरा नहीं सकता। इस ईंधन क्षेत्र के अधिकारों के लिए ईरान कोशिश जारी रखेगा, यह ऐलान भी ईंधन मंत्री ओवजी ने किया। इसके कुछ घंटे बाद ही ईरान के विदेश मंत्रालय ने भी इस ईंधन क्षेत्र को लेकर अपने देश की भूमिका स्पष्ट की।

अल-दुरा और अन्य ईंधन क्षेत्र को लेकर कुवैत से चर्चा करने के लिए भी ईरान तैयार है। लेकिन, हमारे अधिकारों का विचार नहीं होता है और ईरान के ईंधन क्षेत्र से संबंधित अधिकारों का उल्लंघन होता है तो ईरान भी अगला कदम उठाएगा, ऐसा ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता कनानी ने स्पष्ट किया। पर्शियन खाड़ी के एक कोने में स्थित ईंधन क्षेत्र को लेकर ईरान, सौदी और कुवैत इन देशों के बीच पुराना विवाद है।

कुछ महीने पहले सौदी और कुवैत के बीच इस क्षेत्र को लेकर सहयोग स्थापीत हुआ था। इस दौरान ईरान ने यह सहयोग हमे मंजूर ना होने का बयान किया था। चीन की मध्यस्थता के बाद स्थापित हुए इस सहयोग ने यह विवाद खत्म किया है, ऐसे दावे किए जा रहे थे। लेकिन, ईरान के विदेश मंत्रालय के बयान के कारण ईरान और सौदी का यह विवाद खत्म हुए बिना अभी भी जारी होने की बात दिख रही है।

ईरान लगातार दो दिनों से सौदी अरब की आलोचना कर रहा है। कुछ घंटे पहले इस्रायल से सहयोग स्थापित करने के लिए सौदी अरब भी उत्सुक होने के संकेत अमरीका ने देने के बाद ईरान का गुस्सा बढ़ा है। इस्रायल से सहयोग करने से खाड़ी की शांति और स्थिरता को खतरा होगा, ऐसा इशारा ईरान ने दिया है। खाड़ी के अन्य देशों ने भी इस्रायल से सहयोग स्थापित किया था। लेकिन, इससे पैलेस्टिन की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है, ऐसी आलोचना ईरान ने की है। इससे ईरान और सौदी का सहयोग ज्यादा समय तक जारी नहीं रह सकता, ऐसे आसार दिख रहे हैं।

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