इराक में सद्र और ईरान समर्थकों में संघर्ष होने के आसार बढ़े – ग्रीन ज़ोन में इराक की सेना की कड़ी तैनाती

बगदाद – इराक में ‘मुक्तदा अल-सद्र’ समर्थकों ने ईरान समर्थक राजनीतिक दलों के विरोध में शुरू किए प्रदर्शनों का तीव्र असर दिखने लगा है। इस वजह से इराक की राजधानी बगदाद में संघर्ष छिड़ने की संभावना बढ़ी है और प्रधानमंत्री कधिमी ने सेना को तैयार रहने के आदेश दिए हैं। साथ ही इसके लिए प्रदर्शनकारियों पर कार्रवाई करने की अनुमति इराक के प्रधानमंत्री ने दी है। तभी, ईरान समर्थक गुटों ने भी सद्र गुट के खिलाफ प्रदर्शन शुरू करके संसद का घेराव करने की चेतावनी दी है।

इराक में पिछले हफ्ते जनता में असंतुष्टि बढी थी। इराक के आम चुनावों में मुक्तदा अल-सद्र के राजनीतिक दल ने सबसे ज्यादा सीटें जीती थीं। फिर भी इराक की राजनीति में प्रभावी ईरान समर्थक गुटों ने सद्र को सत्ता स्थापित करने से रोका। इस वजह से गुस्साए हुए सद्र के समर्थकों ने पिछले हफ्ते इराक की संसद में घुसपैठ की थी। लेकिन अल-सद्र और इराक के प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कधीमी ने आवाहन करने के बाद प्रदर्शनकारी संसद से निकले थे। लेकिन, शनिवार को फिर से सद्र समर्थकों ने इराक की संसद में घुसपैठ की।

इराक की राजनीति में अमरीका या ईरान समर्थक दल, नेताओं का स्थान ना हो, ऐसी सद्र के दल की प्रमुख माँग है। साथ ही किसी भी भेदभाव के बिना इराक के सभी आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करने का सुझाव सद्र समर्थकों ने दिया है। हमारी यह माँगें पूरी होने तक हम पीछे नहीं हटेंगे, ऐसा सद्र समर्थकों का कहना है। लेकिन, इराक में मौजूद ईरान समर्थक गुटों ने भी बगदाद की सड़कों पर उतरकर सद्र समर्थकों के खिलाफ प्रदर्शन करने का ऐलान किया है।

स्थानीय समय के अनुसार शाम पांच बजे से ईरान समर्थक गुटों के प्रदर्शन शुरू होंगे। इराक की जनता भी अपने इन प्रदर्शनों में शामिल हो, ऐसा आवाहन ईरान समर्थक गुट ने किया। इन प्रदर्शनों में ईरान समर्थक ‘पॉप्युलर मोबिलाइज़ेशन फोर्स’ नामक आतंकी संगठन भी शामिल होने की संभावना जतायी जा रही है। इसका संज्ञान लेकर मुक्तदा अल-सद्र ने भी अपने समर्थकों को राजधानी बगदाद तक सीमित ना रहकर इराक के पांचों प्रांतों में ईरान समर्थक गुटों के खिलाफ प्रदर्शन करने की सूचना की है।

इसी बीच, इन दोनों गुटों की आक्रामकता की वजह से इराक में संघर्ष छिड़ सकता है, ऐसे दावे खाड़ी के माध्यम कर रहे हैं। आखिर में यह संघर्ष गृहयुद्ध में तब्दील होने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता, ऐसा इराक के विश्‍लेषकों का कहना है। प्रधानमंत्री कधीमी ने सेना तैनात की है फिर भी इराक में एक-दूसरे के खिलाफ खड़े हुए दोनों गुट प्रभावी माने जा रहे हैं। इस वजह से इराक में गृहयुद्ध हुआ तो इसका असर ईरान, तुर्की एवं कुवैत की सीमाओं पर भी पड़ सकता है। ऐसा हुआ तो इस क्षेत्र में र्इंधन की सप्लाई बाधित होगी और विश्‍वभर में र्इंधन का संकट अधिक बढ़ सकता है, ऐसी चिंता जतायी जा रही है।

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