सौदी अरेबिया के सेना के गठबंधन का नेतृत्त्व पाकिस्तान के पूर्व सेनाप्रमुख के पास

इस्लामाबाद, दि. २६: सौदी अरेबिया समेत ३९ देशों की सेना के गठबंधन के प्रमुख के तौर पर पाकिस्तान के पूर्व सेनाप्रमुख जनरल राहिल शरीफ की नियुक्ती को पाकिस्तान ने मंज़ुरी दे दी है| सौदी अरेबिया में पाकिस्तान के सैनिक तैनात किये जाने की खबरे प्रकाशित हो ही रही थीं कि तभी पाकिस्तान के रक्षामंत्री ख्वाजा असिफ ने राहिल शरीफ के बारे में यह जानकारी दी| इससे पहले पाकिस्तान ने, राहिल शरीफ के बारे में किये जानेवाले इस दावे का इन्कार किया था|

सेना के गठबंधन के प्रमुख

इस समय सौदी अरेबिया ने येमेन में, हौथी विद्रोहियों के खिलाफ जंग का ऐलान किया है| इस दौरान ही सीरिया में सौदी अरेबिया की सेना का हस्तक्षेप शुरू है, ऐसे कहा जाता है| सीरिया, इराक, लेबेनॉन, येमेन इन देशों पर ईरान का प्रभाव बढ रहा होकर, इससे अपने अस्तित्व को खतरा है, ऐसा दावा सौदी अरेबिया द्वारा किया जाता है| सौदी अरेबिया समेत सौदी के अरब खाडी के दोस्तदेश भी ईरान के प्रभाव पर चिंता जता रहे हैं| इसी कारण सौदी ने लगभग ३९ देशों की सेनाओं का गठबंधन तैयार करते हुए ईरान को जवाब देने की तैयारी शुरू की है| इन सेनाओं के गंठबंधन का नेतृत्व पाकिस्तान के पूर्व सेनाप्रमुख जनरल राहिल शरीफ के पास सौंपा गया है, ऐसी घोषणा सौदी ने की थी| इसपर पाकिस्तान से प्रतिक्रिया आयी थी|

पाकिस्तान के रक्षामंत्री ने उस समय, राहिल शरीफ को अपनी सरकार ने इस कामकाज के लिए आवश्यक रहनेवाला ‘ना-हरकत’ (नो-ऑब्ज़ेक्शन) प्रमाणपत्र दिया नहीं है, ऐसे कहा था| लेकिन अब पाकिस्तान सरकार ने, यह जिम्मेदारी स्वीकारने के लिए राहिल शरीफ को अनुमति दी होने की जानकारी ख्वाजा असिफ ने दी| इस संदर्भ में आवश्यक प्रकिया अब भी पूरी नही हुई है, ऐसे असिफ ने कहा| लेकिन यदि राहिल शरीफ ने यह जिम्मेदारी अपनायी, तो उसके नतीजें पाकिस्तान को भुगतने पडेंगे, ऐसी चेतावनी पाकिस्तान के राजनीतिक लीडर्स, विशेषज्ज्ञ और पत्रकार दे रहे हैं|

‘सौदीप्रणित इस सेनाओं के गठबंधन का नेतृत्व का स्वीकार कर पाकिस्तान के पूर्व सेनाप्रमुख बहुत बडी गलती कर रहे हैं| लेकिन पाकिस्तान सरकार की सहमति के बिना वे इस जिम्मेदारी का स्वीकार करेंगे नहीं’ इस बात पर ग़ौर फ़रमाते हुए पाकिस्तान के कुछ लीडर्स इसके लिए सरकार की ही आलोचना कर रहे हैं| सौदी के सेनाओं के गठबंधन में शामिल होने का मतलब ईरान से खुलेआम दुश्मनी मोल लेना ऐसा होता है, इसपर ये लीडर्स ध्यान खींच रहे है| इन लीडर्स में पाकिस्तान के फ्राँटियर प्रांत के राज्यमंत्री अब्दुल कादिर बलोच जैसे लीडर का भी समावेश है|

सौदी ने ३९ देशों के लष्करी गठबंधन की घोषणा करते हुए, इनमे पाकिस्तान भी शामिल है, ऐसा पिछले साल ही घोषित किया था| लेकिन पाकिस्तान उसमें शामिल नहीं है, ऐसी घोषणा इस देश द्वारा की जा रही थी| सौदी ने येमेन में शुरू किये लष्करी संघर्ष में शामिल होने के लिए पाकिस्तानी सांसद ने इन्कार किया था| इसपर सौदी अरेबिया और संयुक्त अरब अमिरात इन देशों ने पाकिस्तान से सख़्ती से पेश आना शुरू किया था| लेकिन बाद में सौदी अरेबिया में पाकिस्तानी सैनिक तैनात किये जा रहे हैं, ऐसी खबरे आने लगी थीं| रक्षामंत्री ख्वाजा असिफ ने शुरू में ही इस बात की पुष्टि की थी और बाद में इन्कार किया था| इससे पाकिस्तान की इस संदर्भ में रहनेवाली भूमिका विवाद के भँवर में फँस गयी है|

पाकिस्तान दुसरे देशों के विवाद में पड़कर अपना नुकसान न करें, ऐसी चेतावनी विशेषज्ज्ञद्वारा दी जा ही रही थी कि तभी इस देश ने सौदी के गठबंधन में शामिल होकर अपना भविष्य दाँव पर लगा दिया है, ऐसी आलोचना मीडिया द्वारा शुरू हुई है|

ईरान यह पाकिस्तान का पडोसी देश है| ईरान के साथ छेडे जानेवाले संघर्ष में यदि पाकिस्तान शामिल हुआ, तो पाकिस्तान में अंतर्गत विवाद मचने की संभावना है| इसका विचार कर, पाकिस्तान सौदी और ईराण के सत्तासंघर्ष से दूर ही रहें तो अच्छा है, इस बात का एहसास कुछ विशेषज्ज्ञों ने पाकिस्तान सरकार को कराके दिया था|

लेकिन अब आर्थिक और राजनयिक दृष्टि से संकट में फँसे पाकिस्तान के सामने, सौदीप्रणित इस लष्करी गठबंधन में शामिल होने के सिवाय और कोई चारा ही नहीं है, ऐसा दिखायी देता है| पाकिस्तान की निर्यात अब लगभग खत्म ही हुई होकर, आंतर्राष्ट्रीय वित्तसंस्था से लिये गये कर्ज की किश्तें चुकाने के लिए नया कर्ज लेना पडेगा, ऐसी स्थिति में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पहुँच गयी है| ऐसी हालत में, सौदी अरेबिया को दुखाना पाकिस्तान से बन पड़नेवाला नहीं है| इसीलिए पाकिस्तान ने यह घातक फैसला किया, ऐसे दिखायी देता है|

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