ईरान में अराजकता फैलाने के लिए अमरीका, ब्रिटेन, इस्रायल और सौदी की साज़िश – ईरान के ‘आईआरजीसी’ के प्रमुख का आरोप

तेहरान – यह ईरान में हो रहें दंगों का आखरी दिन हैं। इसके बाद कोई भी सड़कों पर ना उतरें, नहीं तो सख्त कार्रवाई का सामना करना होगा, ऐसी धमकी ईरान के ‘रिवोल्युशनरी गार्डस्‌‍ कोअर’ (आईआरजीसी) के मेजर जनरल हुसैन सलामी ने दी। ईरान में जारी प्रदर्शनों के पीछे अमरीका, ब्रिटेन, इस्रायल और सौदी का शाही परिवार होने के सबुत प्राप्त होने का दावा ईरान ने किया है। इसके बाद मेजर जनरल हुसैन सलामी ने कम से कम अब ईरान के दंगावर आँखे खोले, ऐसा कहकर उन्होंने प्रदर्शनकारियों को सड़कों पर ना उतरें, ऐसी चेतावनी दी।

‘आईआरजीसी’ईरान के गुप्तचर विभाग और ‘आईआरजीसी’ ने निवेदन जारी करके ईरान में हो रहें प्रदर्शनों के पीछे अमरीका की ‘सीआईए’ और बिट्रेन एवं इस्रायल का हाथ हैं और इसमें सौदी अरब की भी साज़िश होने का आरोप लगाया। इसके पुख्ता सबुत हाथ लगने का दावा भी इस निवेदन में किया गा हैं। अराजकता फैलाने से पहले, शुरू होने के बाद और इसके बाद की स्थिति में क्या करना है, इसकी सूचना दर्शानेवाले कागज़ ईरान के गुप्तचर विभाग को प्राप्त हुए हैं। अमरिकी गुप्तचर संगठन ‘सीआईए’ ने यह साज़िश बनायी थी। इसे ब्रिटेन और इस्रायल की गुप्तचर संगठनों ने साथ किया। साथ ही सौदी के शाही परिवार का भी ईरान के इन प्रदर्शनों के पीछे हाथ हैं, यह आरोप लगाकर मेजर जनरल सलामी ने सौदी को इशकी कीमत चुकानी होगी, ऐसा धमकाया भी हैं।

महसा अमिनी नामक २२ वर्ष की युवति ने हिज़ाब सक्ति का विरोध करने के बाद ईरान की यंत्रणाओं ने उसे हिरासत में लिया था और पुलिस की मारपीट से इसकी मौत होने का आरोप लगाया जा रहा था। महसा की मौत के बाद ईरान में हिज़ाब विरोधी प्रदर्शन तीव्र हुआ ता। लेकिन, महसा की मौत यंत्रणाओं के सैनिकों की मारपीट से नहीं हुई, बल्कि पहले से ही उसकी स्थिति खराब थी, यह खुलासा ईरानी यंत्रणा दे रही हैं। इसी बीच ईरान के गुप्तचर विभाग और आईआरजीसी ने जारी किए निवेदन में महसा अमिनी की मौत होने से पहले ही ईरान के प्रदर्शनों की तैयारी रखी गई थी, यह आरोप लगाया जा रहा हैं।

‘आईआरजीसी’इसके अलावा ईरान के विरोध में अमरीका, ब्रिटेन और इस्रायल ने प्रचार युद्ध शुरू किया है और अंतरराष्ट्रीय माध्यमों में ईरान विरोधी खबरें दी जा रही हैं। सोशल मीडिया के क्षेत्र की कंपनियों ने भी अपनी नीति समेट कर ईरान की हुकूमत पर आलोचना करनेवाले जाली खातों पर कार्रवाई करने के बजाय उन्हें अपना प्लैटफॉर्म इस्तेमाल करने दिया। इसके पीछे ईरान विरोधी बनायी साज़िश हैं। लेकिन, इतना सबकुछ करने के बावजूद ईरान विरोधी साज़िश करनेवाले इन देशों को अपनी मंशा पुरी करना मुमकिन नहीं हुआ। ईरान की यंत्रणाओं ने इनका दांव नाकाम किया है, यह दावा इस निवेदन में किया गया है।

दश के विरोध में बनाई इस साज़िश के मद्देनज़र कम से कम अब ईरान के दंगबाज सच्चाई जान ले, ऐसा मेजर जनरल हुसैन सलामी ने कहा। इसके बाद भी दंगावर सड़क पर उतरते हैं तो भी उन्हें बक्शा नहीं जाएगा, ऐसी चेतावनी ही मेजर जनरल सलामी ने दी। इससे पहले १७ अक्तुबर को मेजर जनरल सलामी ने ईरान में सौदी अरब की हुकूमत दंगे भड़का रही हैं, यह आरोप लगाया था। इसकी कीमत सौदी की हुकूमत को चुकानी होगी, ऐसा आगाह करके मेजर जनरल सलामी ने ईरान इसपर प्रत्युत्तर देगा, यह चेतावनी भी दी थी। सौदी की हुकूमत ईरान विरोधी अपनी हरकतें बंद करें, नहीं तो सौदी को ही इसके भीषण परिणामों का सामना करना होगा, ऐसा मेजर जनरल सलामी ने धमकाया था।

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