ईरान-सौदी सहमति के बावजूद येमनी विद्रोही संघर्ष जारी रखेंगे – हौथी विद्रोहियों की चेतावनी

कैरो/सना – चीन की मध्यस्थता से सौदी अरब और ईरान की चर्चा शुरू हो रही है। इससे सीरिया, इराक और येमन में सौदी और ईरान समर्थक गुटों का संघर्ष बंद होगा, ऐसे दावे किए जा रहे थे। लेकिन, सौदी और ईरान की सहमति का येमन में हमारी कार्रवाईयों पर असर नहीं होगा, ऐसी चेतावनी हौथी विद्रोहियों ने दी है। ईरान-सौदी सहयोग से हमारा कोई लेना-देना नहीं है, हम इसके लिए कटिबद्ध नहीं हैं, ऐसा येमनी विद्रोहियों ने कहा है। इसकी वजह से येमन में स्थित सौदी समर्थक सरकार के साथ हौथी विद्रोहियों का रक्तरंजित संघर्ष आगे भी जारी रहने के आसार दिख रहे हैं।

ईरान-सौदीसाल २०१४ से येमन में गृहयुद्ध जारी है। सौदी अरब और अरब मित्रदेशों के समर्थन पर खड़ी येमन की हादी सरकार और ईरान से जुडे हौथी विद्रोहियों का यह संघर्ष है। पिछले साल संयुक्त राष्ट्रसंघ ने हादी सरकार और हौथी विद्रोहियों के बीच युद्धविराम करवाया। लेकिन, इसके बावजूद इन दोनों गुटों में संघर्ष थमा नहीं है। पिछले ८.५ सालों के संघर्ष में अब तक ३.७७ लाख लोग मारे गए हैं और ४० लाख से अधिक विस्थापित हुए हैं। इसके अलावा ८५ हज़ार से अधिक बच्चे भूखमरी का सामना करने के लिए मज़बूर होने की आलोचना हो रही है।

येमन की सत्ता के लिए हादी सरकार और हौथी विद्रोहियों के इस गृहयुद्ध के पीछे से सौदी और ईरान का छिपा युद्ध शुरू होने का दावा किया जा रहा है। सौदी और अरब मित्रदेशों ने खुलेआम हादी सरकार के समर्थन में येमन के हौथी विद्रोहियों पर हवाई हमले किए थे। ऐसे में ईरान ने सार्वजनिक स्तर पर इन्कार करने के बावजूद हौथी विद्रोहियों के लिए हथियार पहुंचाने के मामले में जुटे ईरान के जहाज़ सौदी के अलावा अमरीका और ब्रिटेन ने भी कुर्क किए थे। इसके साथ ही हौथी ने येमन और सौदी पर हमले करने के लिए ईरानी ड्रोन्स और मिसाइलें इस्तेमाल करने के सबूत भी सौदी ने पेश किए थे।

सौदी और ईरान के इस छुपे संघर्ष की वजह से पर्शियन खाड़ी से रेड सी के समुद्री मार्ग की सुरक्षा के लिए खतरा बना होने की चेतावनी अमरिकी विश्लेषकों ने दी थी। हौथी विद्रोहियों के हमलों की वजह से आनेवाले समय में सौदी और ईरान में सीधा संघर्ष छिड़ सकता है, ऐसा दावा विश्लेषकों ने किया था। ऐसी स्थिति में चीन की मध्यस्थता से सौदी और ईरान के बीच चर्चा हुई। इस सफल बैठक के बाद दोनों देशों के ताल्लुकात सामान्य होंगे, ऐसा दावा चीन ने किया था। राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने इस चर्चा का दाखिला देकर चीन वैश्विक स्तर पर बड़ी भूमिका अपनाए, ऐसा कहा था।

खाड़ी के कई विवादित मुद्दे एवं संघर्ष खत्म होंगे, ऐसा दावा चीन के माध्यमों ने किया था। ऐसे में संयुक्त राष्ट्र संघ में ईरान के राजनीतिक अधिकारी भी सौदी के इस सहयोग की वजह से अन्य विवाद मिटेंगे, ऐसा विश्वास व्यक्त किया है। सीरिया, इराक और येमन इन देशों में स्थित ईरान और सौदी से जुड़ी संगठनों का सहयोग स्थापित होगा, ऐसा दावा ईरानी अधिकारी कर रहे हैं।

लेकिन, येमन के हौथी विद्रोहियों की अलग भूमिका है। हमारी संगठन ईरान से जुड़ी हुई नहीं है, यह कहकर हौथी विद्रोहियों ने येमन के सौदी समर्थक सरकार पर हमले जारी रहेंगे, यह घोषत किया। साथ ही सीधे ज़िक्र ना किया हो, फिर भी सौदी पर हमलों में कोई भी बदलाव नहीं होगा, ऐसी चेतावनी हौथी विद्रोहियों ने दी। हौथी का यह ऐलान ईरान के अलावा चीन को भी झटका दे रहा है।

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