ईरान ने न्यूक्लियर प्लांट, वैज्ञानिकों की सुरक्षा के लिए तैयार किया स्पेशल युनिट

तेहरान – परमाणु समझौते के करीब पहुँच रहे ईरान ने अपने न्यूक्लियर प्लांट तथा वैज्ञानिकों की सुरक्षा के लिए विशेष सुरक्षा टुकड़ी तैयार की है। इस्रायल अथवा अन्य दुश्मनों से ईरान के संवेदनशील स्थान, महत्त्वपूर्ण अधिकारियों की सुरक्षा करना यह इस टुकड़ी की ज़िम्मेदारी होगी। इस्रायल के हमले की संभावना बढ़ी होने के कारण, ईरान को अपने न्यूक्लियर प्लांट तथा अन्य संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा बढ़ाना आवश्यक प्रतीत होने की बात इससे स्पष्ट दिखाई दे रही है।

पिछले कुछ सालों में ईरान के न्यूक्लियर प्लांट्स तथा वैज्ञानिकों पर हमले बढ़ने लगे हैं। सन २०१० से २०१२ इस कालावधी में ईरान के चार परमाणु वैज्ञानिकों की मृत्यु हुई। इनमें से कुछ वैज्ञानिकों की मृत्यु संदिग्ध रूप में हुई, वहीं कुछ वैज्ञानिकों की राजधानी तेहरान में गोली मारकर हत्या की गई। ईरान ने अपने वैज्ञानिकों पर हुए हमलों के लिए इस्रायली गुप्तचर यंत्रणा मोसाद को ज़िम्मेदार ठहराया है।

सन २०२० में मोहसिन फखरीझादेह इस वरिष्ठ परमाणु वैज्ञानिक की हत्या के बाद ईरान दहल गया। आर्टिफिशल इंटेलिजन्स का इस्तेमाल करके इस्रायल ने फखरीझादेह की हत्या करवाई होने का आरोप ईरान ने किया था। फखरीझादेह पर महज़ ६० सेकंडों में १५ गोलियाँ बरसाकर उनकी निर्मम हत्या की होने का दोषारोपण ईरान ने किया था।

वहीं, पिछले तीन सालों में ईरान के न्यूक्लियर प्लांट्स तथा परमाणु कार्यक्रम से संबंधित स्थानों पर हमले भी बढ़े हैं। नातांझ न्यूक्लियर प्लांट में हुए हमलों में ईरान के परमाणु कार्यक्रम का ज़बरदस्त नुकसान हुआ था। इसके अलावा ईरान के ड्रोन निर्माण प्रोजेक्ट्स में भी संदिग्ध विस्फोट हुए हैं। इन विस्फोटों के लिए भी ईरान ने इस्रायल को ज़िम्मेदार ठहराया है। लेकिन इस्रायल ने ईरान के किसी भी आरोप पर प्रतिक्रिया नहीं दी है।

इस पृष्ठभूमि पर, ईरान के रिव्होल्युशनरी गार्ड्स की देखरेख में ‘न्युक्लिअर फॅसिलिटीज् डिफेन्स कमांड’ की स्थापना की गई है, ऐसी जानकारी ईरानी माध्यमों ने दी। इस्रायल तथा अन्य दुश्मनों द्वारा ईरान का न्यूक्लियर प्लांट, संबंधित स्थान और परमाणु वैज्ञानिकों की सुरक्षा यह इस विशेष टुकड़ी की ज़िम्मेदारी होगी। यह टुकड़ी ईरान की गुप्तचर यंत्रणा के साथ जुड़ी हुई होगी।

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