ईरान के साथ किए सन २०१५ के परमाणु समझौते में बदलाव करने ही होंगे – अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुख

अबू धाबी – अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन के प्रशासन ने ईरान पर लगाए प्रतिबंध हटाने के संकेत दिए हैं। इससे, अमरीका ने ईरान के साथ परमाणु समझौता करने की तैयारी की होने का दावा किया जाता है। लेकिन अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुख ने अमरीका तथा पश्चिमी देशों को स्पष्ट शब्दों में चेताया है। ‘सन २०१५ का परमाणु समझौता खत्म होने के बाद, ईरान ने अपने परमाणु कार्यक्रम में की हुई प्रगति को मद्देनज़र रखते हुए, छह साल पहले के मुख्य समझौते में बदलाव करना बहुत ही आवश्यक बना है’, ऐसी चेतावनी परमाणु ऊर्जा आयोग के प्रमुख राफेल ग्रॉसी ने दिया।

Iran-iaea-nuclear-deal-1ईरान ने अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग को कराज न्यूक्लियर प्लांट में सीसीटीवी कैमरे लगाने की अनुमति दी है। इससे यहाँ के सेंट्रिफ्यूजेस के निर्माण पर नजर रखना आसान होगा, ऐसा दावा किया जाता है। लेकिन ऐसा होने के बावजूद भी ईरान ने, कराज न्यूक्लियर प्लांट का पिछले दस महीनों का सीसीटीवी फुटेज अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग को देने से इन्कार किया है। साथ ही, कराज के कैमरों का सेटिंग ईरान के ही विशेषज्ञों द्वारा किया जाएगा, ऐसा इस देश की संसद ने घोषित किया। ईरान की इस घोषणा पर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर से सम्मिश्र प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं।

परमाणु ऊर्जा आयोग के निरीक्षकों पर ईरान ने थोपीं मर्यादाओं से अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय के सामने ईरान के परमाणु कार्यक्रम का सुस्पष्ट चित्र खड़ा नहीं हो सका है, ऐसी आलोचना ग्रॉसी ने की। ईरान के साथ परमाणु समझौता करने की तैयारी में होनेवाले अमरीका तथा युरोपीय देशों को सचेत किया है। ‘हम अलग ईरान के साथ व्यवहार कर रहे हैं यह वास्तविकता है’, ऐसा कहते हुए ग्रॉसी ने पिछले छह सालों में ईरान के परमाणु कार्यक्रम में हुए बदलावों पर गौर फरमाया।

‘२०२२ का साल २०१५ से बहुत ही भिन्न होगा। इस कारण, सन २०१५ के परमाणु समझौते में बदलाव होना भी आवश्यक है। ईरान से परमाणु समझौता करनेवाले देशों को इस वास्तविकता को स्वीकार करना होगा ’, ऐसा ग्रॉसी ने कहा है। ‘परमाणु अस्त्रों का निर्माण करनेवाले देशों को छोड़कर, रिहायशी इस्तेमाल के लिए परमाणु कार्यक्रम चलानेवाला कोई भी देश ईरान की तरह इतने बड़े स्तर पर युरेनियम का संवर्धन नहीं करता’, यह बताकर ग्रॉसी ने ईरान के न्यूक्लियर प्लांट में चल रहीं गतिविधियों पर शक ज़ाहिर किया।

राष्ट्राध्यक्ष इब्राहिम रईसी ने ईरान की बागडोर संभालने के बाद ईरान का अन्तर्राष्ट्रीय संगठन के साथ सहयोग ठंडा पड़ गया होने की कबूली ग्रॉसी ने दी। साथ ही, ईरान ने अन्तर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा आयोग के निरीक्षकों पर थोपे प्रतिबंधों के कारण अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय को ईरान के परमाणु कार्यक्रम का अस्पष्ट चित्र देखने को मिल रहा है, ऐसी आलोचना ग्रॉसी ने की। आयोग के निरीक्षकों को अगर न्यूक्लियर प्लांट्स में खुली आवाजाही करने की अनुमति मिली, तो उससे दिखाई देनेवाला चित्र सुस्पष्ट होगा, ऐसा दावा ग्रॉसी ने किया।

फरवरी महीने से ईरान ने, परमाणु ऊर्जा आयोग के निरीक्षकों को अपने न्यूक्लियर प्लांट्स का परीक्षण करने से रोका है। इससे ईरान के परमाणु कार्यक्रम में हो रहे बदलावों को दर्ज करने में असफलता मिल रही है, ऐसी शिकायत ग्रॉसी ने की। इस कारण ईरान के न्यूक्लियर प्लांट्स पर नज़र रखनेवाले निरीक्षकों के रिकार्ड्स में फ़र्क आया होकर, यह अच्छी बात नहीं है, ऐसा ग्रॉसी ने जताया।

ईरान के साथ परमाणु समझौता करने की तैयारी में होने वाले अमरीका के बायडेन प्रशासन के लिए आईएईए ने दी यह बहुत ही अहम चेतावनी साबित होती है। इससे पहले भी आईएईए ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर गंभीर चिंता ज़ाहिर की थी। लेकिन बायडेन प्रशासन ने उसे नज़रअंदाज किया था।

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