ड्रोन्स के हमले में ईरान के न्यूक्लियर प्लांट का नुकसान – ईरान के सूत्रों के हवाले से इस्रायली माध्यमों का दावा

iran-nuclear-plant-drone-attack-2जेरूसलेम – ईरान के बुशेहर न्यूक्लियर प्लांट के इमर्जन्सी शटडाऊन का कारण अभी भी सामने नहीं आया है, ऐसे में बुधवार को राजधानी तेहरान में स्थित न्यूक्लियर प्लांट पर ड्रोन्स के हमले हुए। इससे पहले ईरान के लष्कर और सरकार से जुड़े माध्यमों ने यह दावा किया था कि ड्रोन हमले की साजिश नाकाम की गई है। लेकिन यह ड्रोन्स के हमले सफल हुए होकर, इसमें न्यूक्लियर प्लांट का बड़ा नुकसान होने की बात इस्रायल के माध्यमों ने कही है। ईरान के साथ परमाणु समझौता नए से लागू करने के लिए बायडेन प्रशासन ने गतिविधियाँ तीव्र कीं हैं। ऐसी स्थिति में, ईरान के न्यूक्लियर प्लांट पर होनेवाले ये हमले यानी ईरान के साथ ही, बायडेन प्रशासन को इस्रायल ने दी चेतावनियाँ होने के संकेत मिल रहे हैं।

अमरीका के विधि विभाग ने दो दिन पहले ईरान की और ईरान से जुड़ी लगभग ३६ न्यूज़ एजेन्सियों पर पाबंदी लगाई। इनमें ईरान के सरकारी मुखपत्र से लेकर न्यूज़ चैनल्स, रिव्होल्युशनरी गार्ड्स से जुड़ी वेबसाइट्स, रेडियो स्टेशन्स का समावेश है। इससे ईरान में चल रहीं गतिविधियों का विवरण सामने आने में मुश्किलें आ रही हैं। ऐसी स्थिति में, ईरान की सरकार और सुरक्षा यंत्रणाओं ने बुधवार सुबह तेहरान स्थित कराज प्लांट पर हुआ घातपाती हमला नाकाम किया होने का ऐलान किया। यहाँ ड्रोन की सहायता से हमला करने की कोशिश हुई, लेकिन सुरक्षा यंत्रणाओं ने समय पर ही कार्रवाई की होने की जानकारी ईरानी यंत्रणाओं ने सोशल मीडिया के ज़रिए दी।

iran-nuclear-plant-drone-attack-1यह ड्रोन ईरान से ही प्रक्षेपित किया गया था, इसकी जानकारी ईरान की यंत्रणाओं ने पहले ही दी थी। लेकिन बुधवार शाम को इस्रायली अख़बार ने, ईरान की विरोधी पार्टी में होनेवाले सूत्रों के हवाले से सनसनीखेज जानकारी सार्वजनिक की। कराज प्लांट पर एक नहीं, बल्कि छोटे ड्रोन्स के कई हमले हुए। सेंट्रिफ्यूजेस के निर्माण के लिए इस्तेमाल किया जानेवाला प्लांट यह इस हमले का लक्ष्य था। इसमें प्लांट का बड़ा नुकसान हुआ होने का दावा भी इस्रायली अख़बार ने किया है। इसकी पुष्टि नहीं हो सकी है। लेकिन कराज प्लांट इस्रायल की हिटलिस्ट पर होने की बात इससे पहले भी सामने आई थी।

राजधानी तेहरान स्थित कराज में ‘कृषि और वैद्यकीय संशोधन केंद्र’ होकर, इसका नागरी इस्तेमाल किया जाता है ऐसा दावा ईरान कर रहा है। लेकिन यह प्लांट ईरान की परमाणु ऊर्जा संस्था के नियंत्रण में आता है। उसी के साथ सन २००७ से ईरान के परमाणु और क्षेपणास्त्र कार्यक्रम से जुड़ा होने के कारण, अमेरिका कमा यूरोपीय महासंघ और संयुक्त राष्ट्र संघ ने इस प्लांट पर प्रतिबंध लगाए थे। इस प्लांट में सेंट्रिफ्यूजेस का निर्माण करके उसका इस्तेमाल नातांझ और फोर्दो के प्लांट्स में किया जा रहा होने का आरोप इस्रायल कर रहा है।

सन २०१५ के परमाणु समझौते के बाद इस प्लांट को प्रतिबंधों से हटाया था। लेकिन दो साल पहले अमरीका के तत्कालीन राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने इस प्लांट पर प्रतिबंध लगाए थे। वहीं, साल भर पहले इस्रायल ने अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष के सामने रखी हिटलिस्ट में कराज प्लांट का भी समावेश था, ऐसा दावा इस्रायली माध्यम कर रहे हैं। उसके ज़रिए, कराज प्लांट पर हुए हमले के पीछे इस्रायल होने के संकेत ये माध्यम दे रहे हैं। लेकिन इस्रायली लष्कर ने इसपर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।

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