ईरान-सौदी सहयोग की वजह से इस्रायल-सौदी सहयोग बाधित नहीं होगा – ‘मोसाद’ के पूर्व प्रमुख योसी कोहेन

जेरूसलम – ‘सौदी अरब ने ईरान के साथ सहयोग स्थापीत किया है, फिर भी इससे सौदी-इस्रायल संबंधों पर असर नहीं होगा। इस्रायल-सौदी का अब्राहम समझौता ज़रूरत हैं और जल्द ही दोनों देश यह समझौता करेंगे’, यह विश्वास इस्रायली गुप्तचर यंत्रणा ‘मोसाद’ के प्रमुख योसी कोहेन ने व्यक्त किया। इसके साथ ही कोहेन ने सौदी और ईरान के सहयोग की पृष्ठभूमि पर स्पष्ट की। सौदी के क्राउन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान का अमरीका को लेकर संयम अब खत्म होने की बात इससे स्पष्ट हुई है, ऐसे सूचक बयान योसी कोहेन ने किया है। 

इस्रायल-सौदीयूएई, बहरीन की तरह सौदी के साथ भी जल्द ही अब्राहम समझौता किया जाएगा, ऐसा बयान इस्रायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेत्यान्याहू ने इस वर्ष के शुरू में प्रधानमंत्री पद की बागड़ोर स्वीकारते हुए किया था। इसके लिए इस्रायल के वरिष्ठ नेता इसके लिए सौदी का दौरा करेंगे, यह जानकारी इस्रायली प्रधानमंत्री ने साझा की थी। लेकिन, एक महीने पहले चीन की मध्यस्थता से सौदी अरब और ईरान के संबंध स्थापित हुए हैं। ईरान ने सौदी में अपना दूतावास शुरू किया और जल्द ही दोनों देशों के राष्ट्रप्रमुखों की चर्चा होगी, ऐसी खबरें प्राप्त हो रही हैं। सौदी और ईरान का यह सहयोग इस्रायल के अब्राहम समझौते को नुकसान पहुंचाएगा, ऐसा दावा इस्रायल के विश्लेषकों ने किया था। 

ईरान से सहयोग करने की वजह से सौदी अरब इस्रायल के अब्राहम समझौते मे शामिल नहीं होगा। उल्टा इस्रायल के समझौते में शामिल यूएई, बहरीन इन खाड़ी देशों के साथ मोरोक्को और सूड़ान जैस अरब-अफ्रीकी देश भी इस्रायल के सहयोग से पीछे हटेंगे, ऐसा दावा इन विश्लेषकों ने किया था। बायडेन प्रशासन की गलत नीति की वजह से अमरीका के साथ इस्रायल का भी नुकसान होने की चिंता अमरिकी जनप्रतिनिधियों ने व्यक्त की थी। लेकिन, इस्रायल की गुप्तचर संगठन मोसाद के प्रमुख ने इसपर बिल्कुल ही अगल विचार व्यक्त किए है। अब्राहम समझौते के लिए कोशिश कर रहे कोहेने ने सौदी के सहयोग को लेकर इस्रायल चिंता ना करे, ऐसा कहा।

‘इन्स्टीट्यूट फॉर नैशनल सिक्योरिटी स्टडीज्‌’ (आईएनएसएस) नामक अभ्यास गुट ने आयोजित किए बैठक में बोलते समय योसी कोहेन ने इस्राय-सौदी संबंध सामान्य होकर अब्राहम समझौता होगा, यह विश्वास व्यक्त किया। यह सहयोग किस तरह से स्थापित करना है, यह निर्णय करने के लिए इस्रायल और सौदी का नेतृत्व साहसी नेताओं के हाथों में हैं। इस्रायल के साथ सहयोग स्थापित करते समय इस्लामी जगत से तीव्र प्रतिक्रिया सामने ना आए, इसका ध्यान सौदी को रहना होगा। इसकी गारंटी मिलने के बाद ही सौदी ईस्रायल से सहयोग करेगा’, ऐसा दावा इन्होंने किया।

इसके साथ ही ईरान से सहयोग स्थापित करने का सौदी ने किया निर्णय इस्रायल का अपमान करने वाला या चेतावनी देने वाला नहीं था। बल्कि सौदी और सौदी के नेतृत्व से गलत बर्ताव कर रही अमरीका को लेकर हमारा संयम खत्म हुआ है और हमारे पास अलग विकल्प हैं, यही दिखाने के लिए सौदी ने चीन की मध्यस्थता से ईरान के साथ सहयोग किया, यह जानकारी कोहेन ने प्रदान की।

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