अफ़गानिस्तान में हुए बम विस्फोट में ३४ की मौत – ‘आयएस’ ने उठाया ज़िम्मा

is-afghan-blast-1काबुल – पिछले २४ घंटों में अफ़गानिस्तान में चार बम विस्फोट हुए और इससे ३४ लोग मारे गए और १०० से अधिक घायल हैं| शियापंथी के प्रार्थना स्थल को लक्ष्य करके हमने इन हमलों को अंज़ाम दिया, यह ऐलान ‘आयएस’ ने किया| अफ़गानिस्तान में शियापंथियों पर हुए इस हमले पर ईरान ने चिंता जताई है| इसी बीच अफ़गानिस्तान की तालिबानी हुकूमत के बीच मतभेद होने की बात सामने आ रही है| ऐसी स्थिति में इस देश को स्थिर सरकार की आवश्यकता होने की मॉंग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उठायी जा रही है|

गुरूवार को अफ़गानिस्तान की राजधानी काबुल के अलावा बल्ख और कुंदूज़ प्रांतों में चार बड़ी तीव्रता के बम विस्फोट हुए| इनमें से पहला हमला राजधानी काबुल को दहलानेवाला साबित हुआ| यहां के एक चौक में हुए विस्फोट में बच्चों की मौत हुई| इसके कुछ  घंटों बाद बल्ख की राजधानी मज़ार-ए-शरीफ में शियापंथीयों के प्रार्थनास्थल में आतंकियों ने दो बम विस्फोट किए| इससे सबसे ज्यादा २० से अधिक लोगों की मौत हुई और ६० घायल हुए| इसके अलावा कुंदूज़ प्रांत में हुए चौथे बम विस्फोट में आतंकियों ने तालिबान के लिए काम करने वाले मज़दूरों को लक्ष्य किया|

is-afghan-blast-2‘आयएस’ ने इन हमलों की ज़िम्मेदारी स्वीकारी है| इनमें से शियापंथियों के स्थान पर पिछले चौबीस घंटों में दो हमले हुए| बुधवार को राजधानी काबुल में स्थित शियापंथियों के स्कूल में आतंकियों ने बम हमले किए थे| इससे पहले भी आयएस के आतंकियों ने अफ़गानिस्तान में शियापंथियों को लक्ष्य किया था| राजधानी काबुल, बल्ख, नांगरहार प्रांत की शियापंथियों की स्कूल, प्रार्थनास्थान आयएस के निशाने पर हैं| अफ़गानिस्तान में हुए इन विस्फोट पर पड़ोसी देशों से तीव्र बयान प्राप्त  हुआ हैं|

ईरान के विदेश मंत्रालय ने शियापंथियों के प्रार्थनास्थान पर हमला होने पर चिंता जताई| साथ ही तालिबान की हुकूमत इन हमलों को रोकने की कोशिश करेगी, यह उम्मीद भी ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खातिबज़ादेह ने व्यक्त की| ईरान शियापंथियों का देश हैं और अफ़गानिस्तान के शियापंथियों पर हुए हमलों की ईरान ने पहले भी तीखें शब्दों में निंदा की थी| यूएई ने भी अफ़गानिस्तान में हुए इन हमलों का निषेध किया|

इसी बीच, पिछले चौबीस घंटों में अफ़गानिस्तान में हुए इन हमलों के मामले को लेकर तालिबान में मतभेद होने की बात सामने आ रही हैं| तालिबान के एक गुट ने इन हमलों की आलोचना की और तभी दूसरे गूट ने ‘आयएस’ की आलोचना करना टाल दिया हैं| इस वजह से तालिबान में एक विचारधारा ना होने की चर्चा जोर पकड़ रही है| पाकिस्तान ने अफ़गानिस्तान के सरहदी इलाकों में किए हवाई हमलों को लेकर भी तालिबान में तीव्र मतभेद होने की खबरें प्राप्त हुईं थी| इसकी वजह से अफ़गानिस्तान का कारोबार चलाने के लिए एकता बरकरार रखने की बड़ी चुनौती तालिबान के समक्ष दिख रही है|

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