अमेरिका मुआवज़ा देगी तभी ईरान के साथ परमाणु समझौता संभव होगा – अमेरिका के समक्ष ईरान की नई शर्त

us-compensation-iran-nuclearतेहरान – ईरान के साथ परमाणु समझौते के लिए छटपटाने वाले बायडेन प्रशासन के समक्ष ईरान ने नई शर्त रखी। यदि अमेरिका पिछले कुछ वर्षों में ईरान को हुए आर्थिक नुकसान का मुआवज़ा देगी तभी परमाणु समझौता संभव होगा, ऐसी ईरान ने ताकीद दी है। युरोपिय महासंघ के समन्वयक एन्रीक मोरा के ईरान दौरे के बाद नई शर्तों का यह संदेश अमेरिका तक पहुंचाया जाएगा, ऐसा ईरान ने स्पष्ट किया।

युरोपिय महासंघ की मध्यस्थता से अमेरिका और ईरान के बीच विएना में हो रही समझौता वार्ता कुछ हफ्तों से रुकी हुई है। बायडेन प्रशासन और ईरान के बीच कुछ मुद्दों पर असहमती के कारण परमाणु समझौता बाधित होने का दावा युरोपिय माध्यम कर रहे हैं। युरोपिय महासंघ की विदेश नीति के प्रमुख जोसेफ बोरेल ने अमेरिका एवं ईरान के बीच गुत्थी सुलझाने का दावा किया था। इसके लिए बोरेल ने महासंघ के समन्वयक के रूप में एन्रीक मोरा को ईरान भेजा है। 

us-compensation-iran-nuclear-1ऐसी स्थिति में ईरान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता सईद खातिबज़ादेह ने अपेक्षा व्यक्त की कि, अमेरिका ईरान की मांगें पूरी करे। खातिबज़ादेह ने कहा कि, अमेरिका रिवोल्युशनरी गार्ड्स को आतंकी संगठना की सूचि से निकाले, इस मांग पर ईरान अभी भी डटी हुई है।

इसके अलावा, परमाणु समझौते के बारे में ईरान ने कुछ रेड लाईन्स निश्चित की हैं और अमेरिका इनका पालन करे, ऐसी हमारी अपेक्षा है, यह भी खातिबज़ादेह ने कहा। ईरान परमाणु समझौता करे, यदि अमेरिका वास्तव में ऐसा चाहती है तो उसने ईरान की जनता की जेब से जो पैसा निकाला था उसे लौटा दे, ऐसी मांग खातिबज़ादेह ने की। संक्षिप्त में, अमेरिका ईरान को मुआवज़ा दे, ऐसा ईरान का कहना है। परमाणु समझौते के लिए कई समझौते करने के लिए तैयार अमेरिका ईरान की यह शर्त मानेगी, ऐसा विश्वास ईरान को है ऐसा लग रहा है। तो, बायडेन प्रशासन प्रमाणु समझौते के लिए ईरान के समक्ष झुक रहा है ऐसा आरोप ईरान की इस नई शर्त के कारण अधिक तीव्र हो सकता है। अमेरिका के विरोधि पक्षनेता इसके लिए बायडेन प्रशासन की खिंचाई कर रहे हैं।

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