ईरान तथा हिजबुल्लाह ने बहरीन को धमकाया

धार्मिक नेता का नागरिकत्व रद करनेपर बहरीन में तनाव

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मनामा/तेहरान, दि. २१ (वृत्तसंस्था) – बहरीन के शिया पंथियों के सर्वोच्च धार्मिक नेता रहनेवाले ‘आयातुल्लाह इसा क़ासिम’ का नागरिकत्व रद कर दिया गया है। इसके बाद बहरीन की जनता में असंतोष फ़ैला होकर, इस निर्णय पर ख़ौल उठे ईरान ने ‘आखातक्षेत्र में दावानल भड़क उठेगा’ ऐसी धमकी दी है। वहीं, ‘बहरीन की सत्ता ने मर्यादा का उल्लंघन करनेवाला यह फ़ैसला करके चर्चा की सारी संभावना ही ख़त्म कर दी है’ ऐसी चेतावनी, शियापंथियों का ताकतवर संगठन रहनेवाले हिज़बुल्लाह ने दी है। अमरीका ने भी इस घटना की गंभीर दखल ली होकर, बहरीन की सत्ता का यह निर्णय घातक साबित होगा, ऐसी चेतावनी दी है।

इसा क़ासिम ये बहरीन की राजसत्ता का विरोध करनेवाले सबसे बड़े गुट के प्रमुख माने जाते हैं। बहरीन में बहुसंख्या में रहनेवाले शियापंथियों के सर्वोच्च नेता के रूप में क़ासिम की ओर आदरपूर्वक देखा जाता है। लेकिन बहरीन की सल्तनत ने यह आरोप किया था कि ‘इसा क़ासिम’ दूसरे देश के इशारे पर काम कर रहे होकर, बहरीन की जनता में दरार पैदा करने का तथा कट्टरपंथियों को प्रोत्साहन देने का काम कर रहे हैं। बहरीन के अंतर्गत सुरक्षा मंत्रालय ने यह माँग की थी कि ऐसे आरोप रहनेवाले ‘इसा क़ासिम’ का नागरिकत्व रद कर दिया जाये। उसके अनुसार, बहरीन के न्यायालय ने, इसा क़ासिम का नागरिकत्व रद करने का निर्णय सोमवार को घोषित किया।

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उसके बाद बहरीन की जनता में अत्यधिक असंतोष फ़ैला हुआ दिखायी दे रहा है। ‘इसा क़ासिम’ के दुराजस्थित निवासस्थान पर उनके समर्थक हज़ारों की तादात में उन्हें समर्थन दर्शाने हेतु इकट्ठा हुए। बहरीन में जगह जगह पर इस निर्णय के विरोध में प्रदर्शन शुरू हुए हैं। ईरान के ‘अल कुद्स फ़ोर्स’ इस लष्करी पथक के सर्वोच्च नेता जनरल क़ासेम सुलेमानी ने इसपर संतप्त प्रतिक्रिया दर्ज़ की। ‘बहरीन की हुक़ुमत ने हद कर दी होकर, इससे इस क्षेत्र में दावानल भड़के बिना नहीं रहेगा। इस निर्णय के भयानक परिणाम बहरीन की राजसत्ता को भुगतने पड़ेंगे। अब इस ख़ून की प्यासी हुक़ुमत का तख़्ता जल्द ही पलट जायेगा’ ऐसी कड़वी आलोचना कासेम सुलेमानी ने की है।

हिज़बुल्लाह ने भी, ‘इस निर्णय के कारण बहरीन की राजसत्ता ने चर्चा की संभावना नष्ट कर दी है’ ऐसा कहा है। अब चर्चा का मार्ग बंद हो चुका होकर, बहरीन की जनता सड़कों पर उतरकर अपना ग़ुस्सा प्रदर्शित करें, ऐसा आवाहन हिज़बुल्लाह ने किया है। इसी बीच, बहरीन की इस घटना की दख़ल अमरीका ने भी ली होकर, उसपर तीव्र चिंता व्यक्त की है। इसा क़ासिम को अपना पक्ष प्रस्तुत करने का अवसर न देते हुए उनका नागरिकत्व छीन लेने का निर्णय अन्यायकारक साबित होगा, ऐसा अमरीका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किरबाय ने कहा है। साथ ही, इस सारे घटनाक्रम पर अमरीका बारिकी से नज़र रखे हुए है, यह भी किरबाय ने स्पष्ट किया। पश्चिमी माध्यमों ने भी, इस घटना की भयानक गूँजें सुनायी देंगी, ऐसा दावा किया है।

सन २०१० के दौरान शुरू हुए ‘अरब स्प्रिंग’ आंदोलन में इसा क़ासिम तथा उनका ‘अल वेफ़ाक’ यह संगठन सहभागी हुआ था। बहरीन की राजसत्ता के विरोध में रहनेवाले इस आंदोलन को बहुत बड़ा प्रतिसाद मिला। लेकिन उस समय इस आंदोलन को, दमनतंत्र से दबाने में बहरीन की राजसत्ता को क़ामयाबी मिली थी। उसके लिए सौदी अरेबिया तथा मित्रदेशों ने बहरीन की बहुत बड़ी सहायता की थी। बहरीन की राजसत्ता को सौदी अरेबिया तथा सौदी के मित्रदेशों का पूरा समर्थन है। वहीं, इस राजसत्ता के विरोध में खड़ी रहनेवाली बहुसंख्य शियापंथिय जनता के पीछे ईरान ने अपनी ताक़त खड़ी की है। इस पार्श्वभूमि पर, इस क्षेत्र में ईरान तथा सौदी अरेबिया के बीच चल रहा संघर्ष, ‘इसा क़ासिम’ का नागरिकत्व रद करने के इस निर्णय से और भी उग्ररूप धारण कर सकता है, इसके स्पष्ट संकेत ईरान के वरिष्ठ लष्करी अधिकारियों ने और हिज़बुल्लाह ने दी हुईं प्रतिक्रियाओं से मिल रहे हैं।

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