फ़्रान्स की ‘कॅले’ छावनी के निर्वासितों पर कार्रवाई

पुलीस एवं निर्वासितों में मुठभेड़

riots in calais france

फ़्रान्स में आये हुए निर्वासितों की प्रमुख छावनी बन चुके ‘कॅले’ में सोमवार को धड़क कार्रवाई की शुरुआत हुई। कार्रवाई के दौरान छावनी के निर्वासितों ने पुलीस तथा अन्य कर्मचारियों पर पत्थरफेंक की होने की जानकारी दी गयी है। इस मुद्दे को लेकर फ़्रान्स एवं ब्रिटन के बीच तनाव बढ़ने लगा है। वहीं, आखाती प्रदेशों से युरोप में आ धमकनेवाले निर्वासितों के रेले यह जागतिक चुनौती होने की चेतावनी अमरीका के विदेशमंत्री जॉन केरी ने दी है।

जनवरी महीने में ‘कॅले’ इलाक़े में निर्वासित एवं स्थानीय नागरिकों में ज़ोरदार संघर्ष भड़क उठा था। निर्वासितों के विरोध में धधक रहे असंतोष से भड़के इस संघर्ष पर ग़ौर करके, फ़्रान्स सरकार ने कॅले में निवास करनेवाले निर्वासितों को निकाल बाहर करके छावनी स्थायी रूप में बन्द करने का फ़ैसला किया था। इस निर्णय के अनुसार निर्वासितों को छावनी छोड़ जाने का आवाहन भी किया गया था। फ़्रान्स सरकार के इस फ़ैसले की स्वयंसेवी गुटों द्वारा तथा ब्रिटन में से भी कड़ी आलोचना की गयी थी।

लेकिन उसे नज़रअन्दाज़ करते हुए फ़्रान्स ने सोमवार को कॅले स्थित निर्वासितों की छावनी पर धड़क कार्रवाई शुरू की। इस कार्रवाई का विरोध करने के लिए निर्वासितों ने छावनी की ओर आनेवाले सभी रास्तें रोकने की कोशीश की। पुलीस ने जब रास्तों को खुला करके छावनी में आने की कोशीश की, तब उनपर पत्थरफेंक की गयी। निर्वासितों के गुटों ने प्रदर्शन करके छावनी के कुछ तंबुओं को आग लगाते हुए कार्रवाई में रुक़ावट पैदा करने की कोशिशें भी कीं।

कार्रवाई में रुक़ावट पैदा करनेवाले प्रदर्शनकारियों के विरोध में पुलीस ने टीअरगॅस का प्रयोग किया। उस समय प्रदर्शनकारी तथा पुलीस के बीच मुठभेड़ हुई होने की ख़बरें भी सामने आयी हैं। कार्रवाई के दौरान पुलीस ने कुछ प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया होकर, उनमें ब्रिटीश स्वयंसेवी संगठनों के सदस्यों का भी समावेश है।

फ्रान्स की ‘कॅले’ छावनी में रहनेवाले निर्वासितों में प्रायः ब्रिटन जाने की इच्छा रहनेवालों का समावेश है। ब्रिटन ने इस मुद्दे को लेकर फ़्रान्स पर लगातार दबाव डालने की कोशीश की होकर, फ़्रेंच यंत्रणाओं को छावनी स्थित निर्वासितों को रोकने की चेतावनी भी दी है। छावनी के निर्वासित विभिन्न मार्गों द्वारा ब्रिटन में घुसपैठ करने की कोशिशें कर रहे होकर, उसपर नियंत्रण पाना ब्रिटन के लिए मुमक़िन नहीं हो पाया है।

कॅलेस्थित निर्वासितों की ज़िम्मेदारी फ़्रान्स पर ही थोंपी जा रही होने के कारण फ़्रान्स सरकार इस मुद्दे को लेकर नाराज़ है। ब्रिटीश प्रधानमंत्री तथा फ़्रेंच राष्ट्राध्यक्ष के बीच हालाँकि इसपर चर्चा भी हुए है, मग़र फिर भी उसपर संतोषजनक हल नहीं निकला है। फ़्रान्स ने ‘कॅले’ में की हुई कार्रवाई के परिणामस्वरूप ब्रिटन में घुसपैंठ करनेवाले निर्वासितों के झुँड़ बढ़ने की संभावना होकर, उस कारण ब्रिटन में नकारात्मक सुर अलापा जाने लगा है। ब्रिटनस्थित जो गुट युरोपीय महासंघ का समर्थन करते हैं, उन्होंने चेतावनी भी दी है कि यदि ब्रिटन युरोपीय महासंघ से बाहर हो जाता

John Kerry

है, तो फ़्रान्स निर्वासितों के मुद्दे पर सहयोग नहीं देगा। इसी दौरान, अमरीका के विदेशमंत्री जॉन केरी ने, युरोप के निर्वासितों की समस्या यह एक जागतिक चुनौती होने की चेतावनी दी है। ‘युरोप में घुसनेवाले निर्वासित यह किसी दूसरे के सामने रहनेवाली समस्या है, ऐसा नहीं है। यह हम सबके लिए ही चुनौती है। अमरीका के लिए युरोप के निर्वासितों की समस्या यह जागतिक प्रश्न है’, इन शब्दों में केरी ने भूमिका स्पष्ट की। सिरिया तथा आसपास के देशों में चार साल से भी अधिक समय तक चल रहे संघर्ष का सबसे अधिक नुकसान जॉर्डन, लेबेनॉन एवं तुर्की को झेलना पड़ा है, इस बात का भी अमरिकी विदेशमंत्री ने स्वीकार किया।

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