चीन का ‘साऊथ चायना सी’ पर अधिकार नहीं

‘हेग’ न्यायालय के आदेश

बीजिंग, दि. १२ (वृत्तसंस्था) – ‘साऊथ चायना सी’ पर अधिकार जताते हुए पड़ोसी देशों को धमकानेवाले चीन को आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने तमाचा मार दिया है| इस समुद्री क्षेत्र पर चीन का कानूनी अधिकार नहीं है, ऐसा फ़ैसला आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने किया है| साथ ही, चीन ने फिलिपाईन्स की संप्रभुता का उल्लंघन किया है, यह दोषारोप भी न्यायालय ने किया है|

‘साऊथ चायना सी’सन २०१३ में फिलिपाईन्स ने हेग स्थित आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय में चीन के खिलाफ़ याचिका दाख़िल की| चीन ‘वेस्ट फिलिपाईन्स सी’ में (चीन के कहेनुसार ‘साऊथ चायना सी) फिलिपाईन्स की समुद्री क्षेत्र में घुसपैठी करते हुए ड़रा-धमका रहा है, ऐसा आरोप फिलिपाईन्स ने किया था| चीन की इस घुसपैठी के खिलाफ़ फिलिपाईन्स ने १५ प्रश्‍न उपस्थित किए थे| इन प्रश्‍नों का चीन स्पष्टीकरण दे, ऐसी माँग फिलिपाईन्स ने की थी| आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने भी चीन से सफाई माँगी थी| लेकिन आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के प्रश्‍नों का जवाब देना, साथ ही, हेग के न्यायालय में उपस्थित रहना चीन ने टाल दिया|

china-sea-UNCL‘साऊथ चायना सी’ यह हमारी संप्रभुता का विषय है| इसलिए इस विषय में हम किसी की मध्यस्थता या किसी भी दावों का स्वीकार नहीं करनेवालें, यह नीति चीन ने अपनाई थी| साथ ही, ‘नाईन डॅश लाईन’ सीमारेखा को अंतिम बताते हुए ‘साऊथ चायना सी’ के ९० फिसदी से अधिक समुद्री क्षेत्र पर अधिकार होने का दावा चीन ने किया था| लेकिन आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने मंगलवार को घोषित किए हुए निर्णय में, चीन द्वारा किया गया ‘नाईन डॅश लाईन’ का दावा ठुकरा दिया| इस समुद्री क्षेत्र पर चीन ने ऐतिहासिक अधिकार जताया है, लेकिन इस संदर्भ में कानूनी सबूत नहीं है, ऐसा हेग के न्यायालय ने स्पष्ट किया|

इस समुद्री क्षेत्र के खनिजों पर चीन जता रहा अधिकार भी वैध नहीं है, ऐसा न्यायालय ने कहा| साथ ही, इस समुद्री क्षेत्र में चीन द्वारा शुरू रहनेवाला उत्खनन, निर्माण और मछली पकड़ने की कार्रवाई भी असंवैधानिक है, ऐसा न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा| आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय का यह फैसला चीन के लिए चौकानेवाला माना जा रहा है| वहीं, यह फैसला फिलिपाईन्स के लिए जीत मानी जा रहा है|

आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय ने इस समुद्री क्षेत्र के स्प्रार्टले द्वीपसमूहों के अप्राकृतिक निर्माण को भी अवैध करार दिया है| ‘इस समुद्री क्षेत्र में अप्राकृतिक द्वीपों का निर्माण करते हुए चीन ने संयुक्त राष्ट्र के नियमों का उल्लंघन किया है| साथ ही, पर्यावरण की हानी भी की है’ ऐसी आलोचना न्यायालय ने की है| फिलिपाईन्स के समुद्री क्षेत्र में चीन के जहाज की घुसपैठी, यह तनाव बढ़ानेवाली घटना थी| वहीं इसी समुद्री क्षेत्र में तैवान के द्वीपों पर चीन जता रहा अधिकार भी गलत है, ऐसा न्यायालय ने कहा है|

इसी दौरान, ‘साऊथ चायना सी’ पर चीन का संप्रभुत अधिकार है, ऐसा बताते हुए चीन ने आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के फैसले को मानने से इन्कार कर दिया है| चीन की इस भूमिका पर अमरीका और जापान से प्रतिक्रिया उमट सकती है| इसे अधोरेखित करते हुए चीन के  ‘ग्लोबल टाईम्स’ इस सरकारी मुखपत्र ने, चीन की सेना को संघर्ष के लिए तैयार रहने का आवाहन किया है|

हेग के न्यायालय में हुए फ़ैसले को चीन ने सिर्फ़ नामंजूर ही नहीं किया, बल्कि इस फ़ैसले के कागज़ात लेने से भी इन्कार किया है| अगर चीन इस निर्णय के कागजादों का स्वीकार करता है, तो फिर चीन को यह फैसला मंजूर है, ऐसा संदेश मिल सकता है| इसलिए फैसले के कागज़ातो का स्वीकार करने से भी चीन ने इन्कार कर दिया है|

लेकिन आंतर्राष्ट्रीय न्यायालय के निर्णय का चीन और फिलिपाईन्स पूरी तरह से आदर करें, ऐसा आवाहन अमरीका एवं जापान ने किया था| मग़र चीन ने अपनायी इस भूमिका के बाद, अमरीका और जापान द्वारा चीन के लिए चुनौती खड़ी की जा सकती है| इस परिस्थिति का अंदाज़ा लगाते हुए ‘ग्लोबल टाईम्स’ ने, चीन की सेना को अमरीका के खिलाफ़ सतर्क रहने का आवाहन किया है|

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