ईरान-अफ़गानिस्तान सीमा विवाद के कारण संघर्ष की तीव्रता बढ़ेगी – खाड़ी के विश्लेषक का दावा

वॉशिंग्टन – हेल्मंड के जल विभाजन को लेकर उभरे विवाद का हल निकालने के लिए ईरान और तालिबान ने पहल की है। जल्द ही ईरान के अधिकारी अफ़गानिस्तान में हेल्मंड नदी पर बनाए बांध का जायजा लेने पहुंचेंगे। लेकिन, इससे दोनों पड़ोसी देशों के बीच जारी विवाद खत्म नहीं होगा। उल्टा आगे के समय में विभिन्न पुराने विवाद के कारण ईरान और तालिबान की हुकूमत का संघर्ष अधिक तीव्र होगा, ऐसी चेतावनी खाड़ी के विश्लेषक दे रहे हैं।  

सीमा विवाददो हफ्ते पहले अफ़गानिस्तान की तालिबानी हुकूमत ने हेल्मंड नदी का जल प्रवाह रोक दिया था, ऐसा आरोप ईरान ने लगाया था। इसके बाद ईरान और अफ़गानिस्तान की तालिबानी हुकूमत के बीच शुरू हुआ जुबानी विवाद सीमा के संघर्ष में तब्दिल हुआ था। इस संघर्ष में ईरानी सुरक्षा बल के सैनिक और तालिबानी कमांडर मारा गया था। तालिबानी आतंकवादी ईरान की सीमा सुरक्षा चौकी तक जा पहुंचने के वीडियो सामने आए थे।  

सीमा विवादइससे दोनों देशों की सीमा पर तनाव निर्माण हुआ था। ईरान ने अफ़गानिस्तान से जुड़े सिस्तान-बलुचिस्तान की सीमा पर सैन्य तैनाती बढ़ाई थी। इसके साथ ही तालिबन ने भी ईरान की सीमा के करीब अमरिकी टैंक और बख्तबंद वाहनों का जमावड़ा किया था। किसी भी क्षण ईरान और तालिबन का संघर्ष शुरू होगा, ऐसे दावे किए जा रहे थे। लेकिन, हेल्मंड नदी के जल बटवारे का विवाद धत्म करने के लिए ईरान और तालिबान ने पहल करने की खबरें प्राप्त हो रही हैं। जल्द ही ईरान के नेता अफ़गानिस्तान का दौरा कर रहे हैं।

इसके बावजूद ईरान और अफ़गानिस्तान का विवाद खत्म नहीं होगा, ऐसा दावा खाड़ी के विश्लेषक कर रहे हैं। हेल्मंड के जल विभाजन के साथ ही सीमा विवाद भी दोनों देशों के विवाद का मुद्दा बन सकता है। इसके साथ ही ईरान ने अभी भी तालिबान की हुकूमत को मंजूरी प्रदान नहीं की है और तालिबान में भी ईरान विरोधी गुट मौजूद हैं। साथ ही ईंधन और नशिले पदार्थों की सीमा पर शुरू तस्करी भी ईरान और तालिबानी हुकूमत को संघर्ष की ओर धकेल सकती हैं। इस वजह से ईरान-अफ़गानिस्तान विवाद की तीव्रता आगे और बढ़ सकती है, ऐसी चेतावनी विश्लेषक दे रहे हैं।

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