पाकिस्तान और तालिबान एक-दूसरे के साथ डबल गेम खेल रहे हैं – पाकिस्तान के पत्रकार का दावा

वॉशिंग्टन – पाकिस्तान और अफगानिस्तान के तालिबान का एक-दूसरे पर विश्वास नहीं रहा है। वे दोनों भी एक-दूसरे के साथ ‘डबल गेम’ खेल रहे हैं, ऐसा पाकिस्तान के वरिष्ठ पत्रकार हमिद मीर ने कहा है। एक अमरिकी अखबार के लिए लिखे लेख में मीर ने इस डबल गेम की मिसालें भी दी हैं। भारत और ईरान के साथ स्वतंत्र रूप में चर्चा करने की गतिविधियाँ करके तालिबान ने पाकिस्तान को झटका दिया, इस बात पर हमिद मीर ने गौर फ़रमाया है।

Taliban-Pakistan-Imranअफगानिस्तान में पाकिस्तान की मनचाही सरकार सत्ता में आए इसके लिए पाकिस्तान कई दशकों से जानतोड़ कोशिश कर रहा है। इसके लिए तालिबान से मदद लेकर पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में हमीद करझाई और अश्रफ गनी की सरकार को अस्थिर रखा। अमरीका की सेनावापसी के बाद अफगानिस्तान में तालिबान की सत्ता आई और अब पाकिस्तान अफगानिस्तान पर हुकूमत जता सकता है, ऐसा पाकिस्तान को लग रहा था। इसी कारण से पाकिस्तान ने तालिबान की विजय का जल्लोष मनाया था। लेकिन अब परिस्थिति पूरी तरह बदल चुकी है, ऐसा हमिद मीर ने अपने लेख में डटकर कहा।

प्रधानमंत्री इम्रान खान की सरकार को तालिबान से दो प्रमुख उम्मीदें थी। आज तक पाकिस्तान ने की सहायता को मद्देनज़र रखकर तालिबान, पाकिस्तान में घातपात करवानेवाले ‘तेहरिक-ए-तालिबान’ के आतंकवादियों को पाकिस्तान के हवाले करें, ऐसा इम्रान खान की सरकार का कहना था। साथ ही, पाकिस्तान-अफगाणिस्तान के बीच होनेवाले ड्युरंड लाईन सीमाविवाद का हल निकालने के लिए तालिबान पाकिस्तान को अनुकूल भूमिका अपनाएँ, ऐसी इम्रान खान की सरकार को उम्मीद थी। लेकिन इनमें से एक भी उम्मीद तालिबान ने पूरी नहीं की है। तालिबान अब पाकिस्तान की सुन ही नहीं रहा है, ऐसा दावा हमिद मीर ने किया।

पाकिस्तान जो चिंताएँ उपस्थित कर रहा है, उनकी ओर ध्यान देने के लिए तालिबान की हुकूमत हरगिज तैयार नहीं है। उल्टे तालिबान ने ड्युरंड लाईन मानने से स्पष्ट रूप में इन्कार किया है। साथ ही, इस सीमा पर अपनी 30 चौकियाँ बनाकर तालिबान पाकिस्तान की सेना की गतिविधियाँ रोकने की तैयारी कर रहा है। ‘इसी का अर्थ यह है कि तालिबान अपनी गुलामी की ज़ंजीरें किसी अन्य देश की सहायता के बिना ही तोड़ता हुआ दिखाई दे रहा है’, ऐसा ताना हमिद मीर ने मारा। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने, तालिबान ने अफगानिस्तान को अमरिकी गुलामी की ज़ंजीरों से मुक्त किया होने के दावे ठोके थे। उस पर हमिद मीर ने यह ताना मारा हुआ दिख रहा है।

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